देशी-विदेशी विद्वानों ने एशिया-अफ़्रीका शिखर सम्मेलन में शी चिनफिंग के भाषण का उच्च मूल्यांकन किया
2015-04-23 14:33:24 cri
चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने 22 अप्रैल की सुबह इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आयोजित एशिया-अफ़्रीका शिखर सम्मेलन में बांडुंग भावना को प्रोत्साहन देकर सहयोग व उभय जीत का विकास नामक एक भाषण दिया। इसमें बांडुंग भावना के प्रोत्साहन पर तीन सुझाव पेश किये गये, और भविष्य में एशिया व अफ़्रीका के विकासशील देशों की मदद देने के ठोस कदम बताये गये।
मलेशिया के प्रधानमंत्री के पूर्व राजनीतिक सचिव एइ सुन ओह ने कहा कि राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने बांडुंग भावना को दोहराया। यानी विभिन्न देशों को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिये। प्रभुत्ववाद प्रचलित अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में इसका सार्थक अर्थ होता है। देशों के बीच एक दूसरे का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिये, युद्ध उत्पन्न करने की स्थिति को कम करना चाहिये, और सच्चे दिल से विचार-विमर्श के माध्यम से मतभेदों का समाधान करना चाहिये।
श्रीलंका के अंतर्राष्ट्रीय संबंध व रणनीति अनुसंधान प्रतिष्ठान के पूर्व प्रधान असांगा अभयागूनसेकरा के मुताबिक एशिया-अफ़्रीका सहयोग को मजबूत करना बांडुंग भावना का केंद्र ही है। चीन इस केंद्रीय भावना को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। इस बार राष्ट्राध्यक्ष शी ने फिर एक बार एशिया-अफ़्रीका सहयोग पर बल दिया। यह जाहिर है कि श्रीलंका समेत एशिया व अफ़्रीकी देशों की सहायता करने पर चीन का संकल्प बहुत मजबूत है। (चंद्रिमा)
मलेशिया के प्रधानमंत्री के पूर्व राजनीतिक सचिव एइ सुन ओह ने कहा कि राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने बांडुंग भावना को दोहराया। यानी विभिन्न देशों को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिये। प्रभुत्ववाद प्रचलित अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में इसका सार्थक अर्थ होता है। देशों के बीच एक दूसरे का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिये, युद्ध उत्पन्न करने की स्थिति को कम करना चाहिये, और सच्चे दिल से विचार-विमर्श के माध्यम से मतभेदों का समाधान करना चाहिये।
श्रीलंका के अंतर्राष्ट्रीय संबंध व रणनीति अनुसंधान प्रतिष्ठान के पूर्व प्रधान असांगा अभयागूनसेकरा के मुताबिक एशिया-अफ़्रीका सहयोग को मजबूत करना बांडुंग भावना का केंद्र ही है। चीन इस केंद्रीय भावना को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। इस बार राष्ट्राध्यक्ष शी ने फिर एक बार एशिया-अफ़्रीका सहयोग पर बल दिया। यह जाहिर है कि श्रीलंका समेत एशिया व अफ़्रीकी देशों की सहायता करने पर चीन का संकल्प बहुत मजबूत है। (चंद्रिमा)