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    चीन-पाकिस्तान संबंध को सभी मौसमों के रणनीतिक सहयोगी साझेदार संबंध तक उन्नत किया जाएगा
    2015-04-21 08:45:48 cri

    चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने 20 अप्रैल को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में पाक प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के साथ वार्ता की। दोनों नेताओं ने एक स्वर में माना कि चीन-पाकिस्तान संबंध को सभी मौसमों के रणनीतिक सहयोगी साझेदार संबंध तक उन्नत किया जाएगा। इसके साथ ही चीन और पाकिस्तान के बीच आर्थिक कॉरिडोर को केंद्र बनाते हुए ग्वादर बंदरगाह, आधारभूत यातायात संस्थापन, ऊर्जा, औद्योगिक सहयोग को प्रधानता देते हुए"एक जमा चार"वाला सहयोगी ढांचा स्थापित किया जाएगा। ताकि समान जीत और विकास साकार हो सके। सुनिए विस्तार से

    "यह मेरी पहली पाकिस्तान यात्रा है। मेरा उद्देश्य है कि हमारे दोनों देशों के बीच पारंपरिक मित्रवत संबंध को सुदृढ़ करते हुए वास्तविक सहयोग मज़बूत किया जाएगा। भावी 5 से 10 सालों में चीन-पाकिस्तान सहयोग के रणनीतिक ढांचे की स्थापना की जाएगी। अभी-अभी मैंने प्रधानमंत्री शरीफ़ के साथ फलदायी वार्ता की। हम दोनों ने एक स्वर में सहमति जताई कि चीन-पाकिस्तान संबंध को सभी मौसमों के रणनीतिक सहयोगी साझेदार संबंध तक उन्नत किया जाएगा, इससे चीन-पाक साझा नियति समुदाय का विषय और संपूर्ण होगा।"

    यह चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग की आवाज़ है। गत वर्ष सितंबर माह में पाकिस्तान की घरेलू स्थिति की वजह से दोनों देशों ने शी चिनफिंग की पाकिस्तान यात्रा को विलंब करने की मंजूरी दी। इस बार की यात्रा के दौरान दोनों देशों के नेताओं ने द्विपक्षीय संबंध को सभी मौसमों के रणनीतिक सहयोगी साझेदार संबंध तक उन्नत करने का एलान किया। देशों के बीच इस प्रकार का संबंध चीन के विदेशी कूटनीतिक संबंधों में अद्वितीय है।

    20 अप्रैल को चीन और पाकिस्तान ने 50 से अधिक सहयोगी दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर किए, जो अधिकतर चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर के ढांचे में हैं। इनमें ग्वादर बंदरगाह के संबंधित उपकरण, कराकोरम राजमार्ग में सुधार, कराची से लाहैर तक हाई-स्पीड मार्ग आदि शामिल हैं। शी चिनफिंग ने नवाज़ शरीफ़ के साथ आयोजित संयुक्त पत्रकार सम्मेलन में कहा कि दोनों देश चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर को केंद्र बनाते हुए ग्वादर बंदरगाह, आधारभूत यातायात संस्थापन, ऊर्जा, औद्योगिक सहयोग को प्रधानता देते हुए"एक जमा चार"वाला सहयोगी ढांचा स्थापित किया जाएगा। ताकि समान जीत और विकास साकार हो सके। उनका कहना है:

    "चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर दोनों देशों के जन जीवन और दूर्गामी विकास के लिए जुड़ा हुआ है। हम दोनों ने एक स्वर में माना है कि कॉरिडोर का डिज़ाइन करने और निर्माण करने के दौरान पाकिस्तान के विभिन्न पक्षों और क्षेत्रों के हितों पर सोच विचार किया जाएगा। ताकि इस कॉरिडोर से व्यापक नागरिकों को लाभ मिलेगा। अभी-अभी प्रधानमंत्री शरीफ़ के साथ हम दोनों ने द्विक्षीय सिलसिलेवार सहयोगी संधियों पर हस्ताक्षर के साक्षी बने हैं। इनमें 30 से अधिक परियोजनाएं कॉरिडोर के निर्माण से संबंधित है। ये परियोजनाएं पाकिस्तान के विभिन्न प्रांतों और क्षेत्र में फैली होती है। इसके साथ ही हम दोनों पक्षों ने आर्थिक कॉरिडोर के मध्यम और पश्चिमी भाग को मध्यम दीर्घकालिक विकास योजना में शामिल किया। विश्वास है कि इससे कॉरिडोर के संपूर्ण, संतुलित और स्थिर विकास के लिए मददगार साबित होगा।"

    रिपोर्ट के मुताबिक चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर 46 अरब अमेरिकी डॉलर से जुड़ा हुआ है। परियोजनाएं की ऋण मुख्य तौर पर चीनी आयात-निर्यात बैंक और राष्ट्रीय विकास बैंक से आती है। 20 अप्रैल को जारी चीन-पाकिस्तान संयुक्त वक्तवय के अनुसार रेशम मार्ग कोष ने एलान किया कि वह त्रिघाती दक्षिण एशियाई कंपनी के शेयरों में हिस्सा लेगी, जो यांगत्सी त्रिघाती ग्रुप जैसी संस्थाओं के साथ मिलकर पाकिस्तान के कारोट पनबिजली घर जैसी परियोजनाओं के विकास में भाग लेंगे। यह रेशम मार्ग कोष की स्थापना के बाद पहला पूंजी निवेश परियोजना है। रेशम मार्ग कोष चीन और पाकिस्तान के बीच आर्थिक कॉरिडोर के ढांचे के तले दूसरी परियोजनाओं के विकास के लिए पूंजी निवेश करने को तैयार है। ताकि"एक पट्टी एक मार्ग"के निर्माण के लिए सक्रिय भूमिका निभाई जा सके। इसके बारे में पाक प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने कहा:

    "चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर से दोनों देशों को ही नहीं, बल्कि इसी क्षेत्र को भी लाभ मिलेगा। यह व्यापारों और पूंजी को आकर्षित करने में हितकर होगा। साथ ही चीन और दक्षिण एशियाई देशों के बीच व्यापारिक आवाजाही अधिक सुविधापूर्ण होगी। यह कॉरिडोर शांति और समृद्धि का घोतक बनेगा।"

    (श्याओ थांग)

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