जब हम उस मुर्गीपालन केन्द्र का दौरा कर रहे थे तो देखा कि उस केन्द्र में 10 हजार से अधिक मुर्गे और मुर्गियां थी। वो केन्द्र करीब 150 हैक्टेर पर फैला हुआ था। वहां मुर्गों को चारा में मक्के के दाने, सोयाबिन और चावल की भूसी दी जा रही थी। उनकी खुराक पर पूरा ध्यान दिया जाता है। उनके अंडे पूरी तरह से आर्गेनिक होते हैं। अंडे भी ऊंचे दामों पर बिकते हैं। बातचीत करने के दौरान पता लगा कि "वुतिंग चिकन" का मीट विदेशों में भी सप्लाई होता है। दुबई और कुछ अरब देशों में इसकी बहुत मांग है। इसके अलावा "वुतिंग चिकन" को चीन के अन्य क्षेत्रों में कोरियर के जरिए भेजा जाता जाती है। वुतिगं काउंटी के स्थानीय लोग बताते हैं कि इसका मीट बाकी चिकन से एकदम अलग है। इसके मांस में एक अलग तरह का स्वाद और ताजगी होती है। इसके मांस की क्वालिटी अव्वल दर्जे को होती है। वुतिगं काउंटी में "वुतिंग चिकन" का "शानछी छीकोऊ ची" व्यंजन बहुत ज्यादा लोकप्रिय है, जिसमें मुर्गे के मांस को पानी में उबाल कर सूप बनाया जाता है। लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं। हमने भी "वुतिंग चिकन" के इस खास व्यंजन का स्वाद चखा।
आज के इस दौरे से यह मालूम हो गया कि "वुतिंग चिकन" वुतिगं काउंटी का ट्रेडमार्क है।
अखिल पाराशर (वुतिंग काउंटी, शरसान कस्बा)