चीनी विज्ञान अकादमी के समुद्र अनुसंधान केंद्र के प्रधान सुन सोंग ने 12 अप्रैल को दिए एक इंटरव्यु में कहा कि चीन"विज्ञान"नामक जहाज़ को अंतरराष्ट्रीय मंच बनाएगा, ताकि 21वीं सदी में समुद्री रेशम मार्ग के निर्माण में भूमिका निभाई जा सके।
"विज्ञान"जहाज़ चीन में स्वनिर्मित आधूनिक समुद्री सर्वेक्षण जहाज़ है। जनवरी वर्ष 2013 में उसकी यात्रा शुरू हुई। अब तक कुल 70 हज़ार समुद्री मील की यात्रा कर चुका है।
सुन सोंग ने जानकारी देते हुए कहा कि अब तक"विज्ञान"जहाज़ ने वैज्ञानिक अनुसंधान में कई कामयाबियां हासिल कीं, जिनमें दक्षिण चीन महासागर के मध्य और दक्षिणी भाग में भू-भौतिकीय सर्वेक्षण शामिल है। सुन सोंग ने कहा,"हम न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, रूस जैसे देशों के साथ वास्तविक सहयोग करेंगे, ताकि'विज्ञान'जहाज के उपकरण और तकनीक में सुधार लाया जा सके।"
उन्होंने यह भी कहा कि श्रीलंका, मलेशिया और इंडोनेशिया जैसे देशों को चीन के मतस्य पालन और समुद्री आपदा की चेतावनी से संबंधित तकनीक पर रुचि है। चीनी विज्ञान अकादमी के समुद्र अनुसंधान केंद्र की योजना है कि भारत, पाकिस्तान और फ़िजी आदि देशों के विद्यार्थियों को भर्ती करेगा। उनका कहना है कि एक जिम्मेदाराना देश के नाते चीन समुद्र के प्रति विश्व की जानकारी बढ़ाने के लिए अपना योगदान देने को तैयार है।
(श्याओ थांग)