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    बोआओ एशिया मंच में रेशम मार्ग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर हुए
    2015-03-27 18:22:35 cri

    26 मार्च को आयोजित बोआओ एशिया मंच के मीडिया के नेताओं के गोलमेज़ सम्मेलन में रूस, अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, भारत, बांग्लादेश, मलेशिया, चीन समेत 17 देशों से आए मीडिया जगत के 21 नेताओं ने रेशम मार्ग से जुड़ी सहमती बनाना और मीडिया सहयोग का नया भविष्य रचना मुद्दे का विचार-विमर्श किया, इसके अलावा रेशम मार्ग प्रस्ताव पर भी हस्ताक्षर किये। साथ ही नियमित रूप से आदान-प्रदान व्यवस्था की स्थापना करने, मानवीय आदान-प्रदान को मजबूत करने, संसाधनों को साझा करने, और सहयोग के नये फार्मूला बनाने को बढ़ावा देने का भी वचन दिया।

    मीडिया नेता गोलमेज़ सम्मेलन बोआओ एशिया मंच, चाइना रेडियो इन्टरनेशनल, चीनी सार्वजनिक राजनयिक संघ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाता है। इस सम्मेलन में उपस्थित 17 देशों के मीडीया जगत के 21 शीर्ष नेताओं में अधिकतर व्यक्ति भूमि पर रेशम मार्ग और समुद्री रेशम मार्ग से जुड़े देशों से आए हैं। इस बार के गोलमेज़ सम्मेलन में मीडिया नेताओं ने क्रमशः निम्न मुद्दों पर चर्चा की, और गहन रूप से आदान-प्रदान भी किया। पहला, आर्थिक पट्टी और रेशम मार्ग इससे जुड़े देशों को क्या अवसर और चुनौती देंगे?दूसरा, मीडिया विभिन्न सभ्यताओं के बीच वार्ता और आदान-प्रदान को कैसे बढ़ावा देगी? और तीसरा, मीडिया सहयोग के नये क्षेत्र और नये विचार क्या होंगे?

    बांग्लादेश के राष्ट्रीय रेडियो स्टेशन के महानिदेशक काज़ी अख्तरुद्दीन अहमद ने कहा कि आर्थिक पट्टी और रेशम मार्ग के निर्माण के ढांचे में मीडिया के सहयोग को मजबूत करके विभिन्न देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना चाहिये। उन्होंने कहा,इस बार की गतिविधि, खास तौर पर सीआरआई द्वारा आयोजित मीडिया नेता गोलमेज़ सम्मेलन बहुत सार्थक है। विभिन्न देशों की जनता के बीच समझ, सांस्कृतिक औऱ आर्थिक आदान-प्रदान को मजबूत करने में मीडिया बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उदाहरण के लिये बांग्लादेश औऱ सीआरआई के बीच एक सहयोग समझौता हुआ है। हाल के कई वर्षों में इस समझौते के आधार पर दोनों ने सहयोग में बहुत सफलताएं भी प्राप्त की हैं। आशा है कि दोनों देश अधिक से अधिक व्यापक स्तर पर सहयोग करेंगे। साथ ही अन्य देश भी इस तरीके से काम करेंगे, ताकि विभिन्न देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक आवाजाही को मजबूत करने में मीडिया और अधिक महत्वपूर्ण और बड़ी भूमिका निभा सके।

    उपस्थित मीडिया नेता का समान विचार है कि मीडिया को विभिन्न सभ्यताओं के बीच एक सेतु बनना पड़ेगा। अगर विभिन्न देशों की मीडिया के बीच काफ़ी आदान-प्रदान किया जा सके, और सूचना को साझा भी किया जा सके, तो आर्थिक पट्टी औऱ रेशम मार्ग से जुड़े देशों के बीच आदान-प्रदान और गहन होगा। जॉर्डन ग्लोबल रेडियो के महानिदेशक सारी ट्राइह ने कहा कि वास्तव में सारे मध्य-पूर्व एशिया के अन्य देशों के साथ आदान-प्रदान करना चाहते हैं। आर्थिक पट्टी औऱ रेशम मार्ग की रणनीति से जॉर्डन को बड़ा आर्थिक मूल्य मिलेगा। वर्तमान में जॉर्डन ग्लोबल रेडियो और सीआरआई के बीच सहयोग हुआ है। बाद में जॉर्डन के दर्शकों को आर्थिक पट्टी और रेशम मार्ग से जुड़ी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि,वर्तमान में दोनों स्टेशनों के बीच कार्यक्रमों का सहयोग किया जा रहा है। उदाहरण के लिये जॉर्डन टीवी स्टेशन ने चीन के परंपरागत वसंत त्योहार से जुड़े कार्यक्रम प्रसारित किये हैं, और अपनी जनता तक चीनी सभ्यता पहुंचाई है। इसके अलावा दोनों स्टेशनों ने कंफ्यूशियस कॉलेज में सहयोग भी किया है। इस मीडिया सहयोग मंच में भाग लेने के बाद हम व्यापक रूप से हमारे दर्शकों को आर्थिक पट्टी और रेशम मार्ग के बारे में परिचय करवाएँगे। बाद में हम कुछ कार्यक्रमों द्वारा उन्हें अच्छी तरह से समझाएंगे।

    मीडिया नेता गोलमेज़ सम्मेलन के अध्यक्ष, चाइना रेडियो इन्टरनेशनल के महानिदेशक वांग केनन्येन ने कहा कि सीआरआई चीन में विशेष तौर पर अंतर्राष्ट्रीय प्रसार-प्रचार काम संभालने वाला राष्ट्रीय मीडिया है। जिसका इतिहास 70 वर्ष से अधिक है। सीआरआई कुल 65 भाषाओं द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसार-प्रचार कर रहा है। इसलिये विभिन्न सभ्यताओं के बीच प्रसार-प्रचार में इसके समृद्ध अनुभव हैं। उन्होंने कहा कि,मीडिया को विभिन्न सभ्यताओं के इतिहास, संस्कृति, रीति रिवाज़, जीवन के तरीके आदि का अध्ययन करना चाहिये। साथ ही इसके अनुकूल प्रसार-प्रचार की विभिन्न विचारधारा, तरीका और तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। तेज़ी से रिपोर्ट देने के साथ साथ अनुरूप रिपोर्ट भी देनी चाहिये। उनके अलावा हमें हर तरह से मीडिया सांस्कृतिक आदान-प्रदान करने से संस्कृति का बहुपक्षीकरण तैयार करना चाहिये। ताकि हमारे प्रसार-प्रचार कारगर रूप से किया जा सकें।

    वांग केनन्येन के परिचय के अनुसार इस वर्ष सीआरआई नये रेशम मार्ग की सांस्कृतिक यात्रा नाम की बड़ी गतिविधि, पूर्व की सुन्दरता ढूंढ़ना नाम की संदेश प्रतियोगिता, चीन के प्रति दक्षिण एशिया का फोकस नाम का मल्टीमीडिया इन्टरव्यू आदि सिलसिलेवार गतिविधियों द्वारा विभिन्न देशों की मीडिया के साथ आदान-प्रदान औऱ आपसी सहयोग करेगा।

    आर्थिक पट्टी और रेशम मार्ग रणनीति से न सिर्फ़ देशों के बीच सहयोग के अधिक से अधिक अवसर पैदा होंगे, बल्कि वह मीडिया के लिये एक और विशाल मंच तैयार होगा। चीनी प्रसार-प्रचार मंत्रालय के उपमंत्री, चीनी राज्य परिषद के प्रेस कार्यालय के प्रधान च्यांग चेन क्वो ने भाषण देते समय तीन सुझाव पेश किये। उन्हें आशा है कि मीडिया आर्थिक पट्टी और रेशम मार्ग के निर्माण को अच्छी तरह से परिचय देगी, साथ ही इसमें भी भाग लेगी। उन्होंने कहा,मीडिया को आर्थिक पट्टी औऱ रेशम मार्ग के निर्माण से जुड़ी रिपोर्ट देने पर बल देना चाहिये। इसमें प्राप्त उल्लेखनीय सफलताओं पर ध्यान देना चाहिये। वस्तुगत रूप से विभिन्न देशों के आर्थिक और सामाजिक विकास की स्थिति बतानी चाहिये। खास तौर पर रिपोर्ट में अर्थव्यवस्था, जनजीवन, संस्कृति और दोनों की जीत औऱ समान विकास के बारे में कहानी बतानी चाहिये। मीडिया को वास्तविक स्थिति के बारे में सही सूचना देनी चाहिये। ताकि विभिन्न देशों के बीच चिंताओं और गलतफहमियों को दूर किया जा सके। साथ ही मीडिया के बीच नियमित रूप से आपस में एक दूसरे देश की यात्रा करने, कार्यक्रमों का आदान-प्रदान करने, संयुक्त इन्टरव्यू लेने और सुयोग्य व्यक्तियों को प्रशिक्षण देने को मजबूत करके वार्ता और आदान-प्रदान के अधिक से अधिक मंच तैयार करना चाहिये।

    मीडिया नेता गोलमेज़ सम्मेलन के बाद मीडिया के नेताओं ने बोआओ में एक साथ रेशम मार्ग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किये। उन्होंने नियमित रूप से आदान-प्रदान व्यवस्था की स्थापना करने, मानवीय आदान-प्रदान को मजबूत करने, संसाधनों को साझा करने, और उचित अवसर पर रेशम मार्ग की आर्थिक पट्टी और 21वीं शताब्दी के समुद्री रेशम मार्ग से जुड़े मीडिया सहयोग संगठन की स्थापना को बढ़ावा देने का वचन भी दिया।

    चंद्रिमा

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