Web  hindi.cri.cn
    तुडं जाति के गांव में
    2015-04-28 14:24:02 cri

     

    क्वेइचओ प्रांत में छिडंश्वेई नदी और तूल्य नदी के किनारों पर बरगद के पेड़ लगे हुए हैं, दूर से धान के सीढ़ीनुमा सुनहरे खेत बादलों से अठखेलियां करते हुए नजर आते हैं और गोलाकार पत्थरों से बिछा एक कच्चा रास्ता सीधे तुडं जाति के गांव में जाता है।

    ढीले मीनार तुडं गांवों का प्रतीक होती है। कहा जाता है कि प्राचीन काल में श नाम का कोई तुडं युवक बचपन से ही मछुआगिरी का काम करता था। अठारह वर्ष की उम्र में एक दिन उसने एक मछली पकड़ी। वह शीघ्र ही घर लौटा और मछली को एक घड़े में पालने लगा। दूसरे दिन उस मछली ने एक खूबसूरत युवती का रूप धारण कर लिया और वह लजाती हुई युवक पाओ श से बोलीः"मेरा नाम फेइ श्येन है और मैं नागराज की आज्ञा पर तुम से शादी करने आई हूं।"इस तरह कुछ अरसा बीत गया। एक दिन कामुक काउन्टी मजिस्ट्रेट की कुत्सित नजर युवती फेइ श्येन पर पड़ी। उसने पाओ श पर यह झूठा आरोप लगाया कि उसने अभी लगान नहीं दी है और यह आज्ञा दी कि तीन दिन के अन्दर पाओ को ऐसा विचित्र जन्तु देना होगा, जो न तो गाय-भैंस हो और न ही घोड़ा, वरना गिरवी के तौर पर उसकी पत्नी फेइ श्येन को पकड़कर सरकारी दफ्तर में रखा जाएगा। यह देखकर फेइ श्येन ने अपने पति से यह कहाः"तुम जल्दी ही मेरी नानी के घर से यह जन्तु मंगाओ, उनका घर वहां है, जहां तुम मछलियां पकड़ने जाते हो।"पाओ श नदी के तट गया और वहां पहुंचते ही उसे नदी में अनाचक एक सीढ़ी-नुमा मार्ग नजर आया। वह सीढ़ियों से उतरा, आखिर में उसे एक विशाल सुनहरी ढोल मीनार दिखाई पड़ी। दरवाजा बन्द था। उसने दरवाजे को खटखटाया। अन्दर से किसी ने आगन्तुक से दरवाजा खोलने वाला गीत गाने को कहा। गीत गाते ही दरवाजा खुल गया। पाओ श ने अपनी आपबीती सुनाई। नानी ने अपना विचित्र जन्तु पाओ श को दे दिया और उसे यह भी बताया कि काउन्टी मजिस्ट्रेट को कैसे जवाब दिया जाए। पाओ श ने काउन्टी दफ्तर जाकर मजिस्ट्रेट से कहाः"हुजूर, आपकी मांग के अनुसार यह जन्तु आप को सौंप रहा हूं।"मगर मजिस्ट्रेट ने नाराज होते हुए कहाः"धत, यह जन्तु गाना क्यों नहीं गा सकता?"पाओ ने जवाब दियाः "अरे, इतने लोगों के सामने यह कैसे गाएगा। जब हम यहां से चले जाए तो आप इस जन्तु की पूंछ में आग लगा दें, फिर वह गाने लगेगा।"लाचार होकर मजिस्ट्रेट ने अपने कारिदे को कहा कि पाओ के कथनानुसार विच्तिर जन्तु की पूछ में आग लगाओ। विचित्र जन्तु पूछ में आग लगते ही इधर-उधर कूदने लगा और हर जगह आग लग गई। मजिस्ट्रेट दफ्तर आग में जलकर भस्म हो गया और उसी आग में मजिस्ट्रेट को भी अपनी जान गंवानी पड़ी। अपनी नानी के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए पाओ दम्पती ने नानी के घर की ढोल मीनार जैसी एक विशाल ढोल मीनार खड़ी करवाई। बरद में पाओ अपनी पत्नी के साथ नागराज महल में लौट गया और ढोल मीनार अपने गांववासियों के लिए छोड़ गया। बाद में ढोल मीनार तुडं जाति की जनता का सभा स्थल और मनोरंडन केंद्र बन गई है।

    1 2 3 4 5 6
    © China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
    16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040