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    तिब्बत में विकास के साथ पर्यावरण पर भी जोर
    2015-03-11 09:15:45 cri

    तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल की बैठक

    तिब्बत पर्यावरण संरक्षण को विकास की आधार रेखा और लाल रेखा मानता है। विकास के दौरान"स्वर्ण पहाड़ रजत पहाड़"के साथ ही"हरा पहाड़ और स्वच्छ पानी"की अधिक जरूरत है। यह बात तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के अध्यक्ष लोसांग ग्याल्ट्सेन ने पेइचिंग में जारी एनपीसी वार्षिक सम्मेलन में कही।

    सम्मेलन के दौरान तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के प्रतिनिधियों की बैठक में लोसांग ग्याल्ट्सेन ने बताया कि वर्ष 2014 में तिब्बत में कुल उत्पादन मूल्य 92 अरब युआन था, जिसमें वर्ष 2013 की तुलना में 10. 8 फीसदी का इजाफा हुआ। आर्थिक विकास के चलते गत वर्ष तिब्बत में जन जीवन में सुधार के लिए 7 अरब 10 करोड़ युआन का अनुदान दिया गया। जिससे तिब्बती नागरिकों को सुधार और विकास का लाभ मिला है। इसके साथ ही तिब्बत में पारिस्थितिकी और पर्यावरण संरक्षण अच्छी तरह किया जाता है। लोसांग ग्याल्ट्सेन के अनुसार आज तिब्बत में आम तौर पर जल पर्यावरण और वायु पर्यावरण की स्थिति बेहतर है। शहरों और कस्बों में वायु की गुणवत्ता अच्छी है। उन्होंने कहा कि तिब्बत पर्यावरण संरक्षण को विकास की आधार रेखा और लाल रेखा मानता है। विकास के दौरान"स्वर्ण पहाड़ रजत पहाड़"के साथ ही"हरा पहाड़ और स्वच्छ पानी"ज्यादा चाहिए। लोसांग ग्याल्ट्सेन का कहना है:

    "तिब्बत में उच्च ऊर्जा खपत, भारी प्रदूषण और बड़ी निकासी वाले उद्योगों के प्रवेश की मनाही है। इसके साथ ही हम पारिस्थितिकी और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले कारोबारों के तिब्बत जाने की इजाजत नहीं देते हैं। खनिज संसाधनों के विकास के क्षेत्र में मात्र स्वायत्त प्रदेश की पुष्टि चाहिए। दूसरे स्थानीय विभागों को इसकी पुष्टि करने का अधिकार नहीं है। मुझे लगता है कि 'स्वर्ण पहाड़ रजत पहाड़'के साथ ही'हरा पहाड़ और स्वच्छ पानी'अधिक चाहिए।"

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