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    तिब्बत में विकास के साथ पर्यावरण पर भी जोर
    2015-03-11 09:15:45 cri

    लोसांग ग्याल्ट्सेन  और पाडमा चोलिंग बातचीत करते हुए

    तिब्बत के प्रतिनिधियों की बैठक के बाद एक घंटे में पत्रकार सम्मेलन भी आयोजित हुआ। प्रतिनिधियों ने तिब्बत में सुरक्षा स्थिति के बारे में देसी-विदेशी संवाददाताओं के सवालों के जवाब दिए। तिब्बत की जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई समिति के अध्यक्ष पाडमा चोलिंग ने कहा कि वर्तमान में तिब्बत के आर्थिक विकास में गति व कारगरता और स्वायत्त प्रदेश में सुरक्षा स्थिति इतिहास में सबसे अच्छे दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा,

    "वर्तमान में हमारा सबसे बड़ा उत्तरदायित्व नागरिकों के उत्पादन और जीवन को और आगे बढ़ाना है। हमारा उद्देश्य है कि तिब्बती लोग सुखमय जीवन बिताएं और देश के दूसरे प्रगतिशील क्षेत्रों के साथ खुशहाल समाज में प्रवेश कर सकें। ऐसे पर्यावरण में तिब्बत में लोगों की सुरक्षा और सुखमय जीवन का अनुभव बेहतर है। इस वर्ष राजधानी ल्हासा के एक मठ में आयोजित धार्मिक गतिविधि में 1 लाख 20 हज़ार श्रद्धालुओं ने भाग लिया। 1 लाख 20 हज़ार व्यक्तियों के इस आयोजन में हिस्सा लेने से कोई समस्या नहीं हुई, तो सोचो, तिब्बत में सुरक्षा स्थिति कैसी है?"

    पत्रकार सम्मेलन में तिब्बत के मठों में भिक्षुओं और भिक्षुणियों की जीवन स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए ल्हासा के सेरा मठ के भिक्षु फूपू त्सेरन ने कहा:

    "वर्तमान में भिक्षुओं को चिकित्सा बीमा और पेंशन बीमा का लाभ मिल रहा है। हर वर्ष उनकी निःशुल्क शारीरिक जांच की जाती है। सरकारी राशि के जरिए मठों में मार्ग, जल, बिजली और पुस्तकालय के अलावा नर्सिंग होम की स्थापना भी की गई है।"

    भिक्षु फूपू त्सेरन के अनुसार देश में स्वतंत्र धार्मिक विश्वास की नीति की गारंटी में सेरा मठ में सामान्य धार्मिक गतिविधि आयोजित की जाती है। तिब्बती बौद्ध धर्म के श्रद्धालुओं की मांग पूरी होती है।

    (श्याओ थांग)

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