य्वान श्याओ
चीनी चंद्र पंचांग के अनुसार हर वर्ष के पहले माह की 15वीं तारीख को चीन का पारंपरिक त्योहार---य्वान श्याओ उत्सव है। य्वान श्याओ उत्सव में य्वान श्या नाम का एक विशेष प्रकार का पकवान खाना चीनियों की पारंपरिक रीति है। य्वान श्याओ चिकने चावल के आटे से बनाए जाते हैं, कुछ में भराई भी होती है, बीन पेस्ट, शुक्कर , हांथोर्न व विभिन्न मेवे भरे जाते हैं। इसे उबालने व फ़्राई करने के बाद खाया जाता है। शुरू में लोग इस तरह के पकवान को"फ़ू य्वान ज़"कहलाते थे, बाद में"थांग थ्वान"या"य्वान श्याओ"कहलाते थे। चूंकि ये नाम"थ्वुन य्वान"( मेलमिलाप) से मिलते जुलते हैं, इसलिए इस पकवान का मतलब है कि सारे परिवार का मिलन, सामंजस्य व सुखमय है। इस में लोगों द्वारा दूर दूर रहने वाले परिवारजनों की याद और जीवन के प्रति सुन्दर अभिलाषा की भावना निहित है।
हज़ारों वर्षों में य्वान श्याओ बनाने के तरीकों में बड़ी उन्नति आयी है। केवल य्वान श्याओ के लोई में ही चिपचिपा चावल, ज्वार, जौ एवं मकई आटे शामिल होते हैं और भरवां मीठा, नमकीन व तेलीय विविधतापूर्ण भी हैं। उत्तरी चीन व दक्षिणी चीन में य्वान श्याओ बनाने के अलग अलग तरीके होते हैं। उत्तरी चीन में लोग हस्त साधन से य्वान श्याओ बनाते हैं, जबकि दक्षिणी चीन में लोग हाथों से य्वान श्याओ बनाते हैं। कुछ य्वान श्याओ अखरोट की तरह बड़े हैं, अन्य कुछ सोयाबीन की तरह छोटे हैं। कुछ लोग य्वान श्याओ को पानी में उबालते हैं, कुछ फ़्राईड करके खाते हैं, अन्य कुछ तेल में फ़्राईड करके या स्टीम में पकाकर खाते हैं। चाहे य्वान श्याओ में भरवां हो या नहीं, सभी स्वादिष्ट होते हैं। वर्तमान काल में य्वान श्याओ चार ऋतुओं में चीनी लोगों की मिठाई व स्नैक बन गया है, जो हर समय पर खाने को मिल सकता है।