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    चीन, रूस और भारतीय विदेश मंत्रियों की पेइचिंग वार्ता
    2015-02-03 08:52:15 cri

    चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन, रूस और भारत नवोदित आर्थिक समुदाय के प्रतिनिधि हैं। तीनों देशों को नवोदित बाज़ार देशों के बीच समन्वय और सहयोग बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा:

    "नवोदित बाज़ार देश विश्व आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाने की अहम शक्ति हैं, जिनके विकास का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। हम तीनों देशों ने अपील की कि भूमंडलीय आर्थिक प्रशासन में सुधार करें, विकासशील देशों के बोलने का अधिकार और प्रतिनिधित्व बढ़ाया जाय और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा प्रस्तुत वर्ष 2010 शेयर और शासन के ढांचे से संबंधित सुधार प्रस्ताव का शीघ्र ही कार्यान्वयन करें। तीनों देश वर्ष 2015 के बाद विकास कार्यक्रम बनाने में सरकारों के बीच समन्वय और सहयोग मज़बूत करेंगे। तीनों देश आपस में रचनात्मक विकास प्रस्ताव प्रस्तुत करने का स्वागत करते हैं और रणनीतिक सहयोग का प्रोत्साहन करेंगे।"

    चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन के"एक कॉरिडोर और एक मार्ग"वाला प्रस्ताव क्षेत्रीय और वैश्विक विकास और समृद्धि साकार करने में ज्यादा भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा:

    "'एक कॉरिडोर और एक मार्ग'चीन का सोलो नहीं है, यह विभिन्न पक्षों की भागीदारी वाली सिम्फनी है। चीन समान रूप से विचार विमर्श, निर्माण और उपभोग के सिद्धांत का पालन करता है और'एक कॉरिडोर और एक मार्ग'के तटीय देशों के बीच रणनीतिक सहयोग को आगे बढ़ाने में लगा है। चीन समानता और आपसी लाभ के आधार पर समान विकास और समृद्धि साकार करने का प्रयास करता रहेगा। ताकि 21वीं सदी में एक साथ सहयोग और समान जीत वाली नयी धुन बज सके।"

    चीनी, रूसी और भारतीय विदेश मंत्रियों की वार्ता में सुषमा स्वराज पहली बार उपस्थित हुई। उन्होंने कहा कि तीनों देशों ने अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मामलों में व्यापक तौर पर विचारों का आदान प्रदान किया। यह बहुत फलदायी वार्ता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान अंतरराष्ट्रीय आतंकी कार्रवाई के खिलाफ़ तीनों देशों के बीच आतंक विरोधी मुद्दे पर आम सहमतियां हासिल हुईं।

    चीन, रूस और भारत के बीच वस्तुगत सहयोग के क्षेत्र में तीनों देशों ने सहमत हुए कि थिंक टैंक, औद्योगिक और वाणिज्यिक जगत, कृषि, आपदा की कमी व बचाव और चिकित्सा व स्वास्थ्य समेत पांच क्षेत्रों में सहयोग लगातार मज़बूत किया जाए। ऊर्जा, उच्च विज्ञान और तकनीक, पर्यावरण संरक्षण और इन्टरनेट जैसे क्षेत्रों में सहयोग की निहित शक्ति की खोज की जाए। तीनों देशों ने शीघ्र ही पहली चीन-रूस-भारत एशिया प्रशांत मामले की वार्ता और त्रि देशीय विदेश मंत्रियों की 14वीं वार्ता इस वर्ष के आखिर में रूस में आयोजित करने का फैसला किया।

    (श्याओ थांग)


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