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    वांग यी की भारतीय विदेश मंत्री से मुलाकात
    2015-02-02 08:45:49 cri

    चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने 1 फ़रवरी को पेइचिंग में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ वार्ता की। दोनों नेताओं ने चीन भारत संबंध और समान रुचि वाले मुद्दों पर व्यापक विचार-विमर्श किया।

    वांग यी ने कहा कि चीन और भारत बड़े विकासशील देश ही नहीं, बहुध्रुवीकरण प्रक्रिया की अहम शक्ति भी हैं। चीन भारत के बीच स्थापित रणनीतिक सहयोगी साझेदारी संबंध को मूल्यवान समझता है। पिछले वर्ष सितंबर में चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने भारत की सफल ऐतिहासिक यात्रा की। दोनों देशों के नेताओं ने और घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों की स्थापना के लिए रास्ता दिखाया और लक्ष्य भी बनाया। चीन भारत के साथ समान कोशिश करने को तैयार है। ताकि दोनों देशों के नेताओं द्वारा संपन्न आम सहमतियों का अच्छी तरह कार्यान्वयन किया जा सके, आपस में अच्छे पड़ोसी बनकर समान विकास के अच्छे साझेदार बनें और अंतरराष्ट्रीय संबंध के लोकतंत्रीरण को आगे बढ़ाने और विकासशील देशों के मूल हितों की रक्षा करने का प्रयास करें।

    वांग यी ने कहा कि नए वर्ष में चीन और भारत को ज्यादा घनिष्ठ विकसित साझेदार संबंध का निर्माण करना चाहिए। उच्च स्तरीय आवाजाही और रणनीतिक संपर्क बनाए रखते हुए राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग की भारत यात्रा के दौरान संपन्न विभिन्न मतैक्यों और उपल्बधियों का अच्छी तरह कार्यान्वयन किया जाए। चीन भारतीय प्रधानमंत्री नरंद्र मोदी की शीघ्र ही चीन यात्रा का स्वागत करता है। दोनों पक्षों को रेलवे सहयोग, औद्योगिक पार्क, स्मार्ट सिटी जैसे क्षेत्रों में वास्तविक सहयोग मज़बूत करने की जरूरत है। इसके साथ ही पर्यटन और तीर्थयात्रा के नए रास्ते, शिक्षा और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में आदान प्रदान एवं सहयोग भी बढ़ाना चाहिए। अहम अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर घनिष्ट संपर्क और समन्वय बनाए रखना चाहिए। चीन भारत के साथ समान प्रयास करते हुए सीमा मुद्दे से संबंधित वार्ता प्रक्रिया आगे बढ़ाने को तैयार है, ताकि सीमावर्ती क्षेत्र में शांति और अमन जैन लगातार बनाए रखा जा सके।

    वहीं सुषमा ने कहा कि चीन भारत के सबसे बड़े पड़ोसी ही नहीं, विश्व के दूसरे बड़े आर्थिक समुदाय भी है। भारत और चीन के बीच व्यापाक समान हित मौजूद हैं। भारत चीन के साथ संबंधों के विकास को महत्व देता है और चीन के प्रति भारतीय कूटनीति को अहम स्थान बनाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल चीन की यात्रा करने की अपेक्षा करते हैं। भारत को आशा है कि चीन के साथ पारस्परिक समझ और विश्वास को आगे बढ़ाने, व्यापार और निवेश के सर्वांगीर्ण तौर पर मज़बूत करने, औद्योगिक पार्क और रेलवे जैसे क्षेत्रों में वास्तविक सहयोग बढ़ाने के लिए समान कोशिश करेंगे। आपस में मौजूद मतभेदों का अच्छी तरह निपटने के साथ ही अंतरारष्ट्रीय और क्षेत्रीय मामलों में संपर्क और समन्वय मज़बूत करेंगे। ताकि भारत चीन संबंध नए स्तर पर पहुंच सकें।

    (श्याओ थांग)

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