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    तिब्बत में जन प्रतिनिधि सभा व्यवस्था लागू किए जाने की 50वीं वर्षगांठ
    2015-01-23 09:55:49 cri

    तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विभिन्न स्थलों से आए जन प्रतिनिधि सभा के 381 प्रतिनिधियों ने 22 जनवरी को सरकारी कार्य रिपोर्ट से जुड़े निर्णय का प्रारूप पारित किया। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की 10वीं जन प्रतिनिधि सभा के पांच दिवसीय तीसरे पूर्णाधिवेशन में विभिन्न प्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुत 322 प्रस्ताव मिले। जिनमें 12वीं पंचवर्षीय योजना के अंतिम वर्ष में सफलता की प्राप्ति और 13वीं पंचवर्षीय योजना के लिए राय और सुझाव दिए गए हैं।

    वर्ष 1965 में तिब्बत स्वायत्त प्रेदश की पहली जन प्रतिनिधि सभा का पहला पूर्णाधिवेशन राजधानी ल्हासा में आयोजित हुआ था। तब जन प्रतिनिधि सभा व्यवस्था तिब्बत में औपचारिक तौर पर स्थापित हुई थी। पिछले 50 वर्षों में स्वायत्त प्रदेशीय जन प्रतिनिधि सभा ने क्रमशः तिब्बत में 9 सरकारी अध्यक्ष चुने, जो सभी अध्यक्ष तिब्बती जाति के हैं। आंकड़ों के अनुसार तिब्बत के 74 कांउटी(शहर और जिले) स्तरीय सरकारी नेताओं में 82 प्रतिशत नेतागण तिब्बती जाति और दूसरी अल्पसंख्यक जातियों के हैं।

    तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन के सदस्य, तिब्बत के सामाजिक विज्ञान अकादमी के अधीन आधुनिक तिब्बत के अनुसंधान केंद्र उप प्रधान प्यानपा लामू ने कहा कि तिब्बत में जन प्रतिनिधि सभा व्यवस्था की स्थापना किये जाने के बाद से लेकर अब तक पिछले 50 वर्षों में तिब्बती जनता अपने प्रतिनिधि चुनकर देशी मामले के प्रबंधन, राष्ट्रीय संविधान और कानूनों के निर्माण में भाग लेती है। दूसरी तरफ़ चुनाव द्वारा चुने गए विभिन्न स्तरीय जन प्रतिनिधि कानून के अनुसार स्थानीय प्रशासन करते हैं। इस व्यवस्था के लागू होने के बाद से तिब्बत में विभिन्न जातियों के नागरिकों के मूल हितों और अधिकारों की कानून के आधार पर रक्षा की जाती है।

    (श्याओ थांग)

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