भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 नवंबर को 18वें सार्क शिखर सम्मेलन में कहा कि भारत सिलसिलेवार कदम उठाकर सार्क एकीकरण को बढ़ावा देगा।
मोदी ने कहा कि सार्क की स्थापना 30 वर्ष पहले हुई थी। पर एकीकरण का सपना अभी तक पूरा नहीं हो सका। सार्क में बड़ा विकास प्राप्त करने के लिये अभी हमें लंबा रास्ता तय करना पड़ेगा। सार्क के सदस्य दशों में विकास की निहित शक्ति बहुत बड़ी है। एकीकरण को तेज करने के लिये मोदी ने बयान दिया कि भारत इस क्षेत्र के बुनियादी सुविधाओं के निर्माण के लिये पूंजी लगाएगा, चुंगी कम करेगा, और पूंजी-निवेशकों के लिये 3 से 5 वर्ष के अंतराल का वीज़ा देगा।
साथ ही मोदी ने यह भी घोषणा की कि भारत वर्ष 2016 में सार्क देशों के लिये एक उपग्रह का प्रक्षेपण करेगा, जो इस क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा की रोकथाम, मौसम का पूर्वानुमान औऱ सूचना संपर्क को मजबूत करने के लिये लाभदायक भूमिका निभाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगले वर्ष भारत दक्षिण एशिया के सभी देशों समेत एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करेगा, ताकि विभिन्न देशों के बीच आदान-प्रदान और संपर्क को मजबूत किया जा सके।
मोदी ने बल देकर कहा कि भारत जल्दी ही विभिन्न देशों के लिये एक सरल और आपसी समभाव वाला व्यापारिक वातावरण तैयार करेगा। साथ ही भारत अपनी कंपनियों को सार्क के सदस्य देशों में पूंजी लगाने के लिये प्रोत्साहित भी करेगा।
चंद्रिमा