Web  hindi.cri.cn
    च्यूच्याडं और लूशान पर्वत
    2014-11-06 16:47:36 cri

    नये चीन की स्थापना से पहले केवल कुछ पगडंडियों को छोड़कर लूशान तक पहुंचने का कोई जरिया नहीं था। 1953 में च्यूच्याडं से लूशान को जोड़ने वाला शानपे राजमार्ग बनाया गया। इसके बाद फिर शाननान और ह्वानशान राजमार्ग बनाए गए। आज पर्वत के दस से अधिक रमणीक स्थलों को, जिसका केंद्र कूलिडं है, सड़कों से जोड़ दिया गया है।

    कूलिड बागों वाला एक अनोखा पहाड़ी नगर है, जिसकी सड़कें कून्यूलिडं और रचाओफ़डं चोटियों के आधे रास्ते तक बनाई गई हैं। साम्राज्यवादियों के आक्रमण के दौरान इसकी इमारतों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। 1947 की आग में इसके 90 फीसदी मकान जलकर राख हो गए। आज के कूलिडं कस्बे की ज्यादातर इमारतों का निर्माण 1954 से शुरू किया गया था।

    लूशान अपने स्वच्छ वातावरण और निर्मल जल के कारण एक पहाड़ी सिनेटोरियम क्षेत्र है। नये चीन की स्थापना के बाद तुडंकू और शीकू क्षेत्रों में छै सिनेटोरियम बनाए गए। इसके सुन्दर भवन कहीं ढलानों पर तो कहीं निकुंजों में खड़े हैं। पर्वत की पूर्वी व पश्चिमी घाटियों में दो कृत्रिम झीलें---लूलिन(नरकुल की झाड़ी) और ह्वाचिडं(पुष्प-पथ) लूशान को जल की सप्लाई करती हैं और इसकी सुन्दरता में चार चांद लगाती हैं।

    लूशान सब-आल्पीय वनस्पतियां उगाने के लिए बहुत अनुकूल स्थान है। यहां पैदा होने वाली युनऊ चाय अपनी भीनी खुशबू के लिए सारे चीन में मशहूर है। यहां का सदाबहार लूशान वनस्पति उद्यान हानपोलिडं चोटी की उत्तरी घाटी में स्थित है जहां सर्पाकार सरिताएं बहती हैं। नये चीन की स्थापना से पहले वहां केवल एक झोपड़ी और एक गरमघर का आधा हिस्सा था। नये चीन की स्थापना के बाद यहां एक प्रयोगशाला, गरमघरों और एक बस्ती का निर्माण किया। 4000 मू क्षेत्र के बगीचे में देश-विदेश की तीन हजार से अधिक किस्मों की वनस्पतियां उगाई जाती हैं।

    1 2 3 4
    © China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
    16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040