खंडहर 20 वर्ग किलोमीटर से भी अधिक के क्षेत्र में फैला है। यहां एक दरबार, एक राजकीय मकबरा, साधारण जनता की एक कब्रगाह और दस्तकारी कार्य-स्थल हैं। हाल के वर्षों में अनेक पुरातत्वीय चीज़ें प्राप्त हुईं। फू हाओ मकबरे जो यिन शाही घरानों के मकबरों में से सब से ज्यादा सुरक्षित है, से प्राप्त 1400 कांस्य-कलाकृतियां, जेड व पत्थर की चीज़ें और नक्काशी की हस्ति-दन्त की चीज़ें संख्या व कला दोनों ही दुष्टिकोण से अद्भुत हैं।
मिट्टी की परत जिसमें से ये चीज़ें खोदकर निकाली की गयी तथा अनेक कांस्य-कलाकृतियों पर खुदे चीनी अक्षर "फू हाओ"की विशेषता से हमें मालूम होता है कि मकबरे का काल मध्य यिन(ईस्वीं पूर्व 12 शताब्दी का पूर्वार्द्ध) है। इसका अधिकारी ऊ तिडं( शाडं वंश का 24वां राजा) की एक पत्नी थी। ऐतिहासिक रिकार्डों के अनुसार ऊ तिडं का 59 वर्षीय शासन-काल यिन वंश में सब से लम्बा था। उसने दास-प्रथा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। फू हाओ राजा, ऊ तिडं की तीन धर्मपत्नियों में से एक, तथा 13000 सैनिकों की कमान करने वाली एक जनरल थी जो ऊ तिडं की हुक्म पर अभियान करती थी। काल, अधिकारी और दर्जे की स्पष्ट शिनाख्त के ख्याल से यह एक मात्र मकबरा है।
इस बार लगभग 400 कांस्य-कलाकृतियां खोदकर निकाली गईं। कुछ कलाकृतियां अत्यधिक दुर्लभ और कीमती हैं। उदाहरण के लिए डिब्बानुमा एक बड़ा मद्यपात्र "ई", खाना पकाने का बर्तन "फ़ाडं तिडं", (अन्य जगह से खोदकर निकाली देगची "स मू ऊ" के बाद आकार में दूसरे नम्बर का), उल्लू के आकार का कांसे का मद्यपात्र "च्वुन"तथा मद्यपात्र "स कुडं"हैं। इनसे यिन वंश की ढलाई की बेहतरीन तकनीक जाहिर होती है।
धार्मिक पूजा की 200 कांस्य-कलाकृतियों में केवल मद्यपात्र 70 प्रतिशत हैं जो दास रखने वाले रईसों की शराब की लत तथा धार्मिक पूजा में मदिरा के प्रयोग पर प्रकाश डालते हैं।
प्राप्त जेड व पत्थर की 500 चीज़ों में लघु-मूर्तियों, पक्षियों, जानवरों, कीड़े-मकोड़ों और मछलियों के अतिरिक्त पूजा के विभिन्न प्रकार के बर्तन व आभूषण हैं। ये चीज़ें प्रकार में भिन्न, अतिसुन्दर और सजीव है। इनमें से कुछ मूर्तियां हैं और कुछ अद्भुत चित्र हैं। सबसे रोचक एक दर्जन के करीब जेड व पत्थर की लघुमूर्तियां और आवक्ष मूर्तियां हैं जो उस समय के विभिन्न सामाजिक वर्ग के रीति-रिवाज के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करती हैं। घुटने टेकी कुछ मूर्तियों के सिर पर टोपियां हैं और कुछ के जूड़े बन्धे हुए और पांव नंगे हैं।
इन 3000 साल पराने सांस्कृतिक अवशेषों पर, जो चीनी मेहनतकश जनता की प्रतिभा और बुद्धि को प्रतिबिंबित करते हैं, दास रखने वाले रईसों ने अपने आन्द के लिए अधिकार व दखल जमा रखा था। आज उनकी हड्डियां धूल बन गई हैं, लेकिन दासों द्वारा बनाए गए ये प्राचीन अवशेष अब तक चमक रहे हैं।