छिडंहाए-तिब्बत पठार पर स्थित तिब्बत स्वायत प्रदेश का क्षेत्रफल 12 लाख वर्गकिलोमीटर है। पूरे प्रदेश की समुद्र की सतह से औसत ऊंचाई 4000 मीटर है। 7000 मीटर से ऊंची 50 पर्वतचोटियां हैं और 8000 मीटर से ऊंची दस से अधिक चोटियां हैं। इनमें सबसे ऊंची चोटी छोमालाडंमा(माउंट एवरेस्ट) की ऊंचाई 8844.43 मीटर है। दक्षिण तिब्बत को काटकर बहने वाली यालूत्साडंपू नदी के आस-पास फैली नदीघाटी की औसत ऊंचाई समुद्र की सतह से 4000 मीटर है। तिब्बत में कुल मिलाकर 1500 छोटी-बड़ी झीलें बिखरी हुई हैं, जिनका क्षेत्रफल चीन की समस्त झीलों के कुल क्षेत्रफल का एक तिहाई है। उत्तर तिब्बत में फैली नमस्वो झील तो चीन की दूसरी बड़ी खारी झील मानी जाती है। समुद्र की सतह से 4710 मीटर ऊंचाई पर स्थित इस झील का सौंदर्य पारलौकिक है। तिब्बत के "मछली भंडार" के नाम से मशहूर याडंच्वोयुडं की ऊंचाई समुद्र की सतह से 4000 मीटर ऊंची है।
तिब्बत में सिर्फ अनोखे भूदृश्य ही नहीं बल्कि मूल्यवान प्राकृतिक संसाधनों की भरमार भी है। तिब्बत चीन के पांच बड़े चरागाहों में से एक माना जाता है। यह मांस, दूध, ऊन व चमड़े का मुख्य उत्पादन क्षेत्र है। इसके साथ ही वह चीन का तीसरा बड़ा वनस्पतियों का महाराज्य भी है, जहां 948 लाख मू(एक म=एकड़ का छठा भाग) क्षेत्रफल पर उष्णकटिबंधीय, अर्द्धउष्णकटिबंधीय व समशीतोष्ण कटिबंधीय जंगलात मौजूद हैं। तिब्बत में 4000 किस्मों के खनिज भंडार की निहित मात्रा दुनिया में प्रथम स्थान पर है। वहां समृद्ध प्राकृतिक ऊर्जा स्रोत भी मौजूद है। जल शक्ति की निहित मात्रा 20 करोड़ किलोवाट है और भूताप ऊर्जा की क्षमता चीन में प्रथम स्थान पर है, साथ ही सौर ऊर्जा व वायु क्षमता का स्रोत भी काफी समृद्ध है।
तिब्बत स्वायत प्रदेश की राजधानी ल्हासा एक रमणीय पठारीय शहर है, जिसके दक्षिण में काडंडिस पहाड़ और उत्तर में भव्य न्येछिडंथाडंकुला पहाड़ हैं। यालूत्साडंपू नदी की एक शाखा यानी ल्हासा नदी शहर के दक्षिणी भाग से होकर बहती है। शहर में प्राचीन इमारतों के अलावा अनेक गगनचुम्बी नयी इमारतों का निर्माण चीन के दूसरे प्रान्तों व शहरों की मदद से किया गया है, जिससे इस प्राचीन शहर का सौंदर्य और बढ़ गया है। इन नयी इमारतों में आधुनिक होटल, स्टेडियम, थिएटर, दृश्य-श्रव्य प्रशिक्षण भवन व टेलीग्राफ इमारत आदि शामिल हैं।
तिब्बत स्वायत प्रदेश चीन की तिब्बती जाति के लोगों का एक मुख्य निवास स्थान है। यहां के बहुत से ऐतिहासिक अवशेष तिब्बती जाति के लम्बे इतिहास व प्राचीन संस्कृति के परिचायक हैं।