अफ़गानिस्तान और अमेरिका ने 30 सितंबर को काबुल में"द्विपक्षीय सुरक्षा संधि"पर हस्ताक्षर किए, जिस पर विचार विमर्श करने के लिए अफ़गान राष्ट्रीय असेम्बली को सौंपा जाएगा। संधि के प्रभावी होने से 2014 के बाद अफ़गानिस्तान में अमेरिकी सेना की तैनाती के लिए कानूनी आधार मुहैया कराएगा।
अफ़गान सरकार के प्रतिनिधि, पूर्व गृहमंत्री मोहम्मद हानिफ़ अत्मर और अफ़गान स्थित अमेरिकी राजदूत जेम्स कुनिंगहम ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए।
अफ़गानिस्तान के नव निर्वाचित राष्ट्रपति अशरफ ग़नी अहमेदजई और अन्य उच्च स्तरीय अधिकारी संधि के हस्ताक्षर रस्म में उपस्थित हुए। ग़नी ने कहा कि इस संधि से अफ़गान और क्षेत्रीय शांति के लिए मददगार सिद्ध होगा।
अत्मर ने इसके बाद अफ़गान स्थित नाटो के उच्च स्तरीय अधिकारी के साथ नए"तैनाती सेना के स्थान संबंधी समझौते"पर हस्ताक्षर किए। जिसके अनुसार 2014 में सेना वापस बुलाने के बाद नाटो अफ़गानिस्तान में आंशिक सैन्य व्यक्ति तैनात करेगा, ताकि अफ़गान सैन्य पुलिस को परामर्श, सुझाव और तकनीकी प्रशिक्षण दे सके।
(श्याओ थांग)