अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 सितंबर को व्हाइट हाउस में वार्ता की। उन्होंने व्यापार, जलवायु परिवर्तन और सुरक्षा से जुड़े मामलों पर विचार-विमर्श किया। ओबामा ने कहा कि भारत का उदय अमेरिका के हितों के अनुरूप है।
दोनों देशों द्वारा जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने अमेरिका-भारत पूंजी निवेश शुरू करने का वायदा किया, जिसमें पूंजी बाजार का विकास और बुनियादी सुविधा के निर्माण के लिए धनराशि जुटाने को प्राथमिकता दी गयी। साथ ही उन्होंने वायदा किया कि दोनों देशों के व्यापार को 1 खरब डॉलर से पाँच गुना बढ़ाने के लिए कदम उठाये जाएंगे।
संयुक्त बयान के अनुसार मोदी ने वार्ता में कहा कि वे अमेरिका के साथ साझेदारी संबंध को प्राथमिकता देते हैं, ताकि भारत एक जिम्मेदाराना व प्रभावशाली ताकत के रूप में उभरने का लक्ष्य प्राप्त कर सके। ओबामा ने कहा कि एक दोस्त व साझेदार के रूप में भारत का उदय अमेरिका के हितों के अनुरूप है। साथ ही उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य देश बनने में भारत का समर्थन करने को दोहराया।
ओबामा ने मीडिया से कहा कि उन्होंने मोदी के साथ अफ़गानिस्तान समस्या और मध्य पूर्व के सामने मौजूद चुनौतियों पर विचार-विमर्श भी किया, जिसमें आईएसआईएस आदि उग्रवादी व आतंकवादी संगठनों का विरोध शामिल है। मोदी ने कहा कि उन्होंने ओबामा के साथ आतंकवाद का विरोध, गोपनीय सूचना और जलवायु परिवर्तन के निपटारे में सहयोग बढ़ाने पर सहमति हासिल की।
(मीनू)