चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग अपनी 13 दिवसीय की लातिन-अमेरिका यात्रा सम्पन्न कर पेईचिंग वापस लौटे। उनकी इस यात्रा पर कई अंतर्राट्रीय मुद्दों के विश्लेषकों का मानना है कि चीनी राष्ट्राध्यक्ष की इस बार की लातिन-अमेरिका यात्रा बहुत अधिक सफल रही, जिससे ये पता चलता है कि लातिन-अमेरिका चीन की कूटनीति के लिये रणनीतिक महत्व बहुत महत्वपूर्ण है। इस यात्रा से चीन और लातिन-अमेरिका के बीच सहयोग व्यापक रूप से आगे बढ़ेगा, जिससे विश्व पर महत्वपूर्ण असर पड़ेगा।
चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के आर्थिक और राजनीतिक संस्थान के निदेशक याओ ची च्योंग के विचार में इस बार ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन का महत्व अभूतपूर्व है, ब्रिक्स देशों के विकास बैंक की स्थापना इस बात का प्रतीक है कि विश्व में अब उभरती हुई आर्थिक शक्तियों ने अपना प्रभाव दिखाना शुरु कर दिया है। साथ ही ब्रिक्स देशों का सहयोग "वार्ता" से "असली संस्थान" के रूप में प्रवेश हुआ है।
साथ ही चीनी अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा संस्थान के रणनीतिक अनुसंधान के निदेशक वांग यू शेंग का मानना है कि चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग की ये दूसरी लातिन अमेरिका की यात्रा है जब प्रशांत महासागर के दोनों तटों के देशों ने आपस में हाथ मिलाया है।
उधर मध्य अमेरिकी देश निकारागुआ के सुप्रसिद्ध न्याय विभाग के प्रोफे़सर माउरिसिओ डिआज़ के विचार में शी चिनफिंग की इस यात्र के दौरान शी ने अपने भाषण और कार्रवाईयों से बहुत सकारात्मक संकेत दिया है, जिससे लातिन-अमेरिकी देशों को बहुत प्रोत्साहन मिला है। इससे हम देख सकते हैं कि चीन और लातिन-अमेरिकी देश समान व्यवहार, आपसी समझ और आपसी लाभ वाले सहयोग के रास्ते पर और बेहतर दिशा में आगे बढ़ेंगे।
(रमेश)