16 मई को जारी प्रारंभिक परिणाम के अनुसार भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल कर ली है। इसके साथ ही भाजपा की सरकार बनना तय है।
इससे पहले भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार में चीन-भारत सीमा विवाद पर कड़े शब्दों में भाषण दिया था। बहुत लोगों को चिंता है कि मोदी के नेतृत्व वाली भारत की नयी सरकार सीमा मुद्दे पर चीन से टक्कर लेगी। लेकिन चीनी तिब्बत शास्त्र अनुसंधान केंद्र के अनुसंधानकर्ता ल्यान श्यांगमिन ने सीआरआई संवाददाता से कहा कि मोदी का उक्त बयान शायद सिर्फ चुनाव के प्रचार के लिए है, जो उनके वास्तविक रुख का द्योतक नहीं है।
उन्होंने कहा कि आम तौर पर चुनाव के दौरान मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए राष्ट्रवाद जैसे मुद्दों के जरिए कुछ समर्थन जुटाने की कोशिश होती है। लेकिन सत्ता में आने के बाद और सत्ता पर आने से पहले करनी-कथनी बराबर है या नहीं, जो कहना मुश्किल है। भारत की घरेलू राजनीतिक स्थिति और अंतरराष्ट्रीय स्थिति बहुत अहम है। अगर उक्त पार्टी सत्ता में आई तो उसे इस बात पर विचार करना पड़ेगा कि तिब्बत के दक्षिणी क्षेत्र का मुद्दा छेड़ना उसके प्रशासन के लिए लाभदायक है या नहीं।
(मीनू)