ध्यान रहे कि हांगचो शिखर सम्मेलन जी-20 के इतिहास में पहला ऐसा सम्मेलन है, जिसमें भाग लेने वाले विकासशील देशों की संख्या सबसे अधिक है। प्रोफ़ेसर प्रसाद ने इसकी प्रशंसा करते हुए कहाः
"चीन ने हांगचो शिखर सम्मेलन में लाओस, चाड, मिस्र और कज़ाकिस्तान आदि विकासशील देशों को निमंत्रित किया। इससे ज़ाहिर है कि और ज़्यादा विकासशील देश जी-20 के ढांचे में वैश्विक आर्थिक मामलों पर विचार-विमर्श में भाग लेने लगे। जी-20 का प्रभाव दिन प्रति दिन मज़बूत हो रहा है। इससे यह भी ज़ाहिर हुआ है कि चीन विश्व अर्थव्यवस्था को सहिष्णुता की दिशा में बढ़ावा देने में प्रयास कर रहा है। यह विश्व आर्थिक विकास और वैश्विक आर्थिक प्रबंधन के लिए लाभदायक है।"
जी-20 हांगचो शिखर सम्मेलन समाप्त होने के बाद अगले महीने ब्रिक्स देशों के नेताओं की भेंटवार्ता भारत में आयोजित होगी। प्रोफ़ेसर प्रसाद ने कहा कि भेंटवार्ता के आयोजन में भारत चीन से सीख सकता है। वर्तमान शिखर सम्मेलन में चीन की भूमिका की चर्चा में उन्होंने कहाः
"चीन वर्तमान शिखर सम्मेलन का आयोजक देश है। 'एक पट्टी एक मार्ग' और एशियाई आधारभूत संस्थापन निवेश बैंक आदि योजना पेश करने और कार्यांवित करने के बाद चीन अपनी बेहतरीन छवि अन्तरराष्ट्रीय मंच पर दिखाना चाहता है। भारत को चीन की कार्रवाई से सीखना चाहिए।"