जी-20 हांगचो शिखर सम्मेलन में विश्व आर्थिक विकास की नई योजना बनाई गईः भारतीय विशेषज्ञ
जी-20 का 11वां शिखर सम्मेलन 5 सितंबर को सफलता के साथ पूर्वी चीन के हांगचो शहर में संपन्न हुआ। जी-20 का सदस्य देश और विश्व का सबसे बड़ा नवोदित आर्थिक समुदाय होने के नाते भारत के विभिन्न जगतों के लोगों ने हांगचो शिखर सम्मेलन पर बड़ा ध्यान दिया। सम्मेलन समाप्त होने के बाद चीनी मामलों के विशेषज्ञ, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के अन्तरराष्ट्रीय संबंध अनुसंधान केन्द्र के प्रोफ़ेसर वारा प्रसाद एस. डोला ने कहा कि वर्तमान शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन में चीन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लीजिए सुनिए इसके बारे में एक रिपोर्टः
प्रोफ़ेसर वाराप्रसाद एस. डोला कई वर्षों से चीन के बारे में अध्ययन करते हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक संकट के प्रभाव से अब वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर धीमी बनी रहती है। इसी स्थिति में जी-20 हांगचो शिखर सम्मेलन में प्राप्त उपलब्धियों से आर्थिक विकास में मौजूद समस्याओं का निपटारा होगा।
"वर्तमान शिखर सम्मेलन में विश्व आर्थिक विकास के लिए योजना बनाई गई। चीन द्वारा प्रस्तुत सिलसिलेवार सुझाव विश्व अर्थव्यवस्था में सकारात्मक और महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। विभिन्न देशों ने आर्थिक वृद्धि के तरीके का नवाचार कर विश्व अर्थव्यवस्था में नई उम्मीद जगाने पर सहमति बनाई। मुझे विश्वास है कि यह विश्व आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाएगा।"
मौजूदा जी-20 हांगचो शिखर सम्मेलन का विषय है "नवोन्मेषी, उर्जित, अंतर्संबिधित और समावेशी विश्व अर्थव्यवस्था की स्थापना"। प्रोफ़ेसर प्रसाद ने कहा कि यह विषय विश्व आर्थिक विकास की व्यवहारिक स्थिति के अनुरूप है और वैश्विक आर्थिक मामलों में चीन की अहम भूमिका प्रतिबिंबित करता है। उन्होंने कहाः
"हांगचो शिखर सम्मेलन के दो विषयों पर लोगों का ध्यान केन्द्रित हुआ है। एक है नवाचार और दूसरा है सहनशीलता। ये दोनों वर्तमान विश्व आर्थिक विकास में आवश्यक विषय वस्तु हैं। विज्ञान और तकनीक आर्थिक विकास को बढ़ाने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए इन क्षेत्रों में नवाचार बहुत अहम है। दूसरी तरफ़, आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था में बोलने का अधिकार सिर्फ़ कुछ विकसित देशों के हाथों में है। लेकिन हमें एक संपूर्ण समावेशी विश्व अर्थव्यवस्था चाहिए। नवोदित आर्थिक शक्तियों, विकासशील देशों, यहां तक कि सर्वाधिक अविकसित देशों को वैश्विक आर्थिक मामलों में भाग लेना चाहिए।"