बताया जाता है कि जी-20 का हांगचो शिखर सम्मेलन 4 सितंबर को उद्घाटित होगा और 5 सितंबर को संपन्न किया जाएगा। चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग इसकी अध्यक्षता करेंगे और सिलसिलेवार कार्यक्रमों में भाग लेंगे। वर्तमान शिखर सम्मेलन का विषय है सृजन, जीवन शक्ति, संपर्क और सहिष्णुता वाली विश्व अर्थव्यवस्था का निर्माण करना। जी-20 के सदस्य देशों और अतिथि देशों के नेता और अन्तरराष्ट्रीय संगठनों के ज़िम्मेदार व्यक्ति विश्व अर्थव्यवस्था के सामने मौजूद मुख्य समस्याओं पर गहन रूप से विचार-विमर्श करेंगे। चीनी उप वित्त मंत्री चू क्वांगयाओ ने कहा कि वर्तमान शिखर सम्मेलन का विषय न सिर्फ़ चीन की बुद्धिमत्ता प्रतिबिंबित करता है, बल्कि दुनिया में विकास का एक बड़ा रुझान भी दिखाता है। चू क्वांगयाओ ने कहा कि विभिन्न पक्ष वित्तीय नीति में ठोस सुझाव तैयार कर चुके हैं और इन्हें शिखर सम्मेलन में सौंपेंगे।
"जी-20 के सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों और केन्द्रीय बैंकों के महा निदेशकों ने सहमति बनाई कि सदस्य देशों में और समग्र स्तर पर मुद्रा नीति, वित्त नीति और ढांचागत सुधार नीति का व्यापक प्रयोग किया जाएगा। राजकोषीय संभावना वाले सदस्य देशों को वित्त नीति का ज़्यादा प्रयोग करना चाहिए। यह महत्वपूर्ण नीतिगत सहमति है। इसके साथ साथ सदस्य देशों ने डिजिटल वित्त से जुड़े सहिष्णुता वाले सिद्धांत और ढांचागत सुधार से संबंधित नीतिगत सुझाव भी पारित किया। ये सब जी-20 के हांगचो शिखर सम्मेलन में सौंपे जाएंगे।"
चीनी जन बैंक के उप महा निदेशक यी कांग ने कहा कि विभिन्न पक्षों ने समग्र आर्थिक स्थिति के आंकलन और नीति में ताल-मेल मज़बूत करने पर महत्वपूर्ण सहमति बनाई है।
"चीन और जी-20 के अन्य सदस्य देशों ने संयम से विश्व आर्थिक स्थिति का वस्तुगत निर्धारण किया और नाजुक घड़ी के समय बाज़ार में विश्वास का संचार किया। इसके साथ साथ हमने प्रतिस्पर्धात्मक अवमूल्यन से बचने के लिए विभिन्न पक्षों को प्रोत्साहित भी किया। हमारे प्रयास से जी-20 ने पहली बार विदेशी मुद्रा बाज़ार पर घनिष्ठ रूप से विचार-विमर्श और संपर्क करने का वचन दिया। इस क्षेत्र में हमने बहुत अच्छी सहमति बनाई है।"
यी कांग ने यह भी कहा कि विश्व बैंक ने हाल में चीन के बैंकों में विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) बांड लांच करने की अनुमति दी। यह इतिहास में पहली एसडीआर बांड योजना है, जो चीनी मुद्रा आरएमपी से हिसाब की जाती है।