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    संडे की मस्ती 2015-11-15
    2015-12-07 19:49:06 cri

    सबसे खास बात यह है कि जिस शख्‍स के आलू में बछड़ा रूपी गौ माता की यह झलक दिख रही है उसने इसके दर्शन के लिए आने वाले लोगों से चढ़ावे के रूप में रुपये-पैसे नहीं चढ़ाने की अपील की है. उनका कहना है कि इसके चलते लोग इसे आस्‍था के बजाय पैसे ऐंठने का धंधा बताने लगते हैं.

    लिली- अब मैं बताने जा रही हूं कि प्रेमी ने किया अनोखे अंदाज में प्रपोज, आपने कभी सोचा भी नहीं होगा

    दोस्तों, हाथों में हीरे जड़ी अंगूठी लेकर प्रेमिका को प्रपोज करने के बजाए चीन के एक व्यक्ति ने 4,500 डायपर्स के साथ उससे जीवन भर का साथ मांगा। फेंग उपनाम वाले इस व्यक्ति को जब पता चला कि उसकी प्रेमिका गर्भवती है तो उसने विवाह का प्रस्ताव रखने की योजना बनाई। दोनों पिछले दो वर्षों से साथ रह रहे थे।

    चाइना डेली की खबर के अनुसार, फेंग ने अपने दोस्तों की मदद से इन 4,500 डायपर्स के बैग को बड़े से दिल की आकार में सजाया। फेंग ने अपनी दिल की बात खास अंदाज से बताने के लिए गुआंगदोंग प्रांत के गुआंगझोंग शहर में पर्ल नदी के किनारे की एक जगह चुनी।

    फेंग ने वहां ड्रोन से लाया गया डायपर का एक पैकेट अपनी प्रेमिका को दिया। बैग खुलने पर प्रेमिका की खुशी का ठिकाना ना रहा, उसके भीतर विवाह के प्रस्ताव के लिए हीरे जड़ी अंगूठी थी। फेंग ने अपनी प्रेमिका को प्रोपोज करते हुए कहा, च्च्अभी से, तुम्हारी खुशियां और बच्चे की खुशियां मेरी जिम्मेदारी हैं। मुझसे विवाह कर लो। इस अनोखे प्रोपोजल के बाद फेंग की प्रेमिका ने विवाह के लिए हां कह दिया।

    अखिल- दोस्तों, अब बताने जा रहा हूं कि दिल को छू जाएगी इस बाप बेटे की कहानी

    दोस्तों, माता-पिता और बच्चों का रिश्ता ही एेसा होता है कि अगर माता-पिता दोनों मे से कोई एक भी तकलीफ में हो तो बच्चे परेशान हो जाते है और अगर बच्चे तकलीफ में हो तो माता-पिता उनकी तकलीफ को दूर करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते है । एेसा ही कुछ चीन में रहने वाले ओउ टांग्मिंग (37) के साथ हुआ जो दक्षिण पश्चिमी चीन के गिझोऊ प्रांत के वांग्पू गांव में रहता है और मजदूरी का काम करता था लेकिन 2013 में एक बिल्डिंग से गिरने के कारण उसकी रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई और उसकी कमर के नीचे वाले हिस्से ने काम करना बंद कर दिया तब से वह पैरालिसिस से पीड़ित होने के कारण बेड पर है ।

    जब जिस वक्त उसे अपने जीवनसाथी की सबसे ज्यादा जरुरत थी तब उसकी पत्नी ने भी उसका साथ छोड़ दिया और अपने बच्चों एक 7 साल के बेटे और 3 साल की बेटी को भी उसके पास छोड़ कर चली गई। अब उसका 7 साल का बेटा यंग्लिन उसकी केयर कर रहा है और अपने पिता को खाना खिलाने से लेकर उसके सारे काम करता है । उसका बेटा स्कूल भी पढ़ने जाता है और स्कूल से आने के बाद सड़कों की सफाई करता है जिससे उनके घर का गुजारा चल सके और अपाहिज लोगों को हर महीने मिलने वाले 300 रेन्मेन्बी के भत्ते में ही गुजारा करते है।

    पिता ने बताया कि वह खुद यह सोचकर आत्महत्या करने की कगार पर था कि वह अपने बेटे पर कितना बोझ बन रहा हूं। इससे बेहतर मैं उसे अकेला छोड़ जाऊं। लेकिन मैं निश्चित हो गया कि मैं अपने बेटे को अनाथ नहीं छोड़ सकता। यंग्लिन ने बताया कि उसे किसी और बात के अलावा बस इतनी उम्मीद है कि जल्दी ही वह बड़ा होगा और अपने पिता के इलाज के लिए पैसे कमाएगा। उसने कहा, ''मैं अपने पिता के बिना नहीं रह सकता।''

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