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    संडे की मस्ती 2015-03-22
    2015-03-24 16:29:10 cri

    लिली- जी हां अखिल जी। दोस्तों, कुछ लोग भले ही गंजे व्यक्तियों का मजाक उड़ाते हो, पर गंजे हो जाने के अपने ही फायदे होते हैं। मसलन शैम्पू, कंडिशनर और कंघी आदि के झंझट से मुक्ति के साथ हेयरकट पर होने वाले खर्च से छुटकारा। बहरहाल इस रेस्त्रां में गंजे लोगों को खुश होने का एक और बहाना है। इस जापानी रेस्त्रां में गंजे मेहमानों को खास तरह का डिस्काउंट दिया जाता है।

    यही नहीं, इस रेस्त्रां में गंजे व्यक्तियों को खास तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जाती है। रेस्त्रां की कोशिश होती है कि यहां आकर गंजे व्यक्ति खुद को कॉन्फिडेंट और महत्वपूर्ण महसूस करें। इस रेस्त्रां की मालकिन योशिको टोयोडा का कहना है कि गंजा होना जापान में एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है। हम नहीं चाहते कि ऐसे लोगों अपनी हालत पर तनिक भी निराश हो, यहां उन्हें खाने-पीने पर खास डिस्काउंट देकर यह जताने की कोशिश की जाती है कि वे कितने महत्वपूर्ण हैं।

    याशिका ने बताया कि डिस्काउंट का लाभ पाकर उनके चेहरे पर जो खुशी आती है वह काफी कीमती है। उनके अनुसार अगर गंजे लोग अपने कुछ और गंजे लोगों को साथ लेकर आते हैं, तो उन्हें और भी डिस्काउंट दिया जाता है।

    अखिल- हा हा हा हा... बहुत ही दिलचस्प बात बताई आपने लिली जी। चलिए दोस्तों, अभी हम सुनते हैं एक हिन्दी गाना... उसके बाद आपके ले चलेंगे हमारे मनोरंजन के दूसरे सेगमेंट की तरफ...

    अखिल- दोस्तों, आपका एक बार फिर स्वागत है हमारे इस मजेदार कार्यक्रम संडे की मस्ती में... मैं हूं आपका दोस्त एन होस्ट अखिल।

    अखिल- दोस्तों, इन दिनों हर तरफ क्रिकेट का खुमार चढ़ा हुआ है। क्रिकेट के ओलंपिक कहे जाने वाले आईसीसी वर्ल्ड कप का आगाज हो चुका है, और भारतीय क्रिकेट टीम सेमीफाइनल में प्रवेश कर चुकी है। आज हम आपको बता रहे हैं क्रिकेट वर्ल्ड कप से जुड़े ऐसे रोचक तथ्य जो आपको हैरान कर देंगे।

    1. वर्ल्ड कप में सबसे धीमी गति से रन बनाने का रिकॉर्ड भारत के लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर के नाम है, जिन्होंने साल 1975 के पहले वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ 174 गेंदों का सामना करते हुए सिर्फ 36 रन बनाए थे।

    2. वेस्टइंडीज के विवियन रिचर्ड्स एक ऐसे क्रिकेटर हैं, जिन्होंने वर्ल्ड कप क्रिकेट के साथ-साथ वर्ल्ड कप फुटबॉल में भी हिस्सा लिया है।

    3. वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा बार जीरो पर आउट होने का रिकॉर्ड न्यूजीलैंड के नाथन एस्टल और एजाज अहमद के नाम पर है।

    4. अभी तक दो खिलाड़ी ऐसे हुए हैं, जिन्होंने दो अलग-अलग देशों की ओर से वर्ल्ड कप के मैच खेले हैं। एंडरसन कमिंस ने साल 1992 में वेस्टइंडीज की ओर से और साल 2007 में कनाडा की ओर से वर्ल्ड कप खेला है। उनके पहले कैपलर वेसल्स ने साल 1983 में ऑस्ट्रेलिया की ओर से और 1992 में दक्षिण अफ़्रीका की ओर से वर्ल्ड कप के मैच खेले थे।

    5. वर्ल्ड कप की शानदार पारियों में से एक 1983 में कपिल देव ने जिम्बाब्वे के खिलाफ खेली थी। उनकी 175 रनों की नाबाद पारी की न वीडियो रिकॉर्डिंग मौजूद है और न ऑडियो कमेंट्री। क्योंकि उस दिन कैमरामैन हड़ताल पर थे।

    6. साल 1996 के वर्ल्ड-कप में ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए श्रीलंका में खेलने से इनकार कर दिया था। ये दोनों मैच श्रीलंका के हक में गए।

    7. दक्षिण अफ़्रीका के हर्शेल गिब्स वर्ल्ड कप के एक मैच में एक ओवर में छह छक्के मारने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं। उन्होंने 2007 के वर्ल्ड कप में नीदरलैंड्स के खिलाफ ये कारनामा किया था।

    8. वर्ल्ड कप के इतिहास में सबसे कम स्कोर वाला वर्ल्ड कप था, साल 1979 का वर्ल्ड कप। इस वर्ल्ड कप में सिर्फ दो शतक लगे थे।

    9. बांग्लादेश के तल्हा जुबैर सबसे कम उम्र में वर्ल्ड कप खेलने वाले खिलाड़ी हैं। साल 2003 के वर्ल्ड कप में वो शामिल हुए थे और उस समय उनकी उम्र 17 साल और सात दिन के थे।

    10. इंग्लैंड के डेनिस एमिस के नाम वर्ल्ड कप में पहला शतक लगाने का रिकॉर्ड है। साल 1975 के वर्ल्ड कप में भारत के ख़िलाफ उन्होंने 137 रनों की पारी खेली थी।

    लिली- दोस्तों, ये थे क्रिकेट वर्ल्ड कप से जुडे 10 रोचक तथ्य, जो जरूर आपको हैरान कर दिये होंगे। चलिए दोस्तों, अब सुनते हैं अखिल जी से एक प्रेरक कहानी।

    अखिल- दोस्तों, तेरहवीं सदी में महाराष्ट्र में एक प्रसिद्द संत हुए संत नामदेव। कहा जाता है कि जब वे बहुत छोटे थे तभी से भगवान की भक्ति में डूबे रहते थे। बाल -काल में ही एक बार उनकी माता ने उन्हें भगवान विठोबा को प्रसाद चढाने के लिए दिया तो वे उसे लेकर मंदिर पहुंचे और उनके हठ के आगे भगवान को स्वयं प्रसाद ग्रहण करने आना पड़ा। आज हम उसी महान संत से सम्बंधित एक प्रेरक प्रसंग आपके साथ साझा कर रहे हैं।

    एक बार संत नामदेव अपने शिष्यों को ज्ञान -भक्ति का प्रवचन दे रहे थे। तभी श्रोताओं में बैठे किसी शिष्य ने एक प्रश्न किया , " गुरुवर , हमें बताया जाता है कि ईश्वर हर जगह मौजूद है , पर यदि ऐसा है तो वो हमें कभी दिखाई क्यों नहीं देता , हम कैसे मान लें कि वो सचमुच है , और यदि वो है तो हम उसे कैसे प्राप्त कर सकते हैं ?"

    नामदेव मुस्कुराये और एक शिष्य को एक लोटा पानी और थोड़ा सा नमक लाने का आदेश दिया।

    शिष्य तुरंत दोनों चीजें लेकर आ गया।

    वहां बैठे शिष्य सोच रहे थे कि भला इन चीजों का प्रश्न से क्या सम्बन्ध , तभी संत नामदेव ने पुनः उस शिष्य से कहा , " पुत्र , तुम नमक को लोटे में डाल कर मिला दो। "

    शिष्य ने ठीक वैसा ही किया।

    संत बोले , " बताइये , क्या इस पानी में किसी को नमक दिखाई दे रहा है ?"

    सबने 'नहीं ' में सिर हिला दिए।

    "ठीक है !, अब कोई ज़रा इसे चख कर देखे , क्या चखने पर नमक का स्वाद आ रहा है ?", संत ने पुछा।

    "जी " , एक शिष्य पानी चखते हुए बोला।

    "अच्छा , अब जरा इस पानी को कुछ देर उबालो।", संत ने निर्देश दिया।

    कुछ देर तक पानी उबलता रहा और जब सारा पानी भाप बन कर उड़ गया , तो संत ने पुनः शिष्यों को लोटे में देखने को कहा और पुछा , " क्या अब आपको इसमें कुछ दिखाई दे रहा है ?"

    "जी , हमें नमक के कण दिख रहे हैं।", एक शिष्य बोला।

    संत मुस्कुराये और समझाते हुए बोले ," जिस प्रकार तुम पानी में नमक का स्वाद तो अनुभव कर पाये पर उसे देख नहीं पाये उसी प्रकार इस जग में तुम्हे ईश्वर हर जगह दिखाई नहीं देता पर तुम उसे अनुभव कर सकते हो। और जिस तरह अग्नि के ताप से पानी भाप बन कर उड़ गया और नमक दिखाई देने लगा उसी प्रकार तुम भक्ति ,ध्यान और सत्कर्म द्वारा अपने विकारों का अंत कर भगवान को प्राप्त कर सकते हो।"

    लिली- तो दोस्तों, ये थी एक प्रेरक कहानी, जो हमें एक अच्छी सीख देती है। चलिए दोस्तों, चलते हैं हंसी-खुशी की दुनिया में जहां सुनाए जाएंगे चटपटे और मजेदार जोक्स

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