तिब्बती औषधि में प्रयोग किए जाने वाले खनीज संसाधन
छिंगहाई प्रांत के तिब्बती चिकित्सा अस्पताल
छिंगहाई तिब्बत पठार की तिब्बती चिकित्सा और औषधि दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इससे तिब्बती जाति का प्राचीन इतिहास और संस्कृति जाहिर होती है। हाल में हमारे संवाददाता ने छिंगहाई प्रांत के तिब्बती चिकित्सा अस्पताल का दौरा किया और अस्पताल में कार्यरत तिब्बती चिकित्सकों से मुलाकात की। आजकल तिब्बती चिकित्सा और औषधि के क्षेत्र में कार्यरत ये डॉक्टर अपनी पारंपरिक चिकित्सा का दुनिया में विस्तार करने में जुटे हैं।
तिब्बती चिकित्सा पद्धति में ऐसी विशेषता मौजूद है कि दुनिया भर के सभी चीज़ों की औषधि बनाई जा सकती है, जिनमें सीसा, तांबा, लोहा और मर्करी जैसी वस्तुएं भी शामिल हैं। इस तरह आधुनिक चिकित्सा की तुलना में तिब्बती चिकित्सा अलग होती है। जिससे तिब्बती चिकित्सा के प्रति कुछ लोगों के मन में गलतफ़हमियां है। इसकी चर्चा करते हुए छिंगहाई प्रांत के तिब्बती चिकित्सा अस्पताल के लिवर व पित्त विभाग के प्रधान लान खेच्या ने कहा कि विदेशों की यात्रा के दौरान वे कई विदेशी व्यक्तियों से मिले, बातचीत में कुछ लोगों ने तिब्बती चिकित्सा के बारे में अपनी आशंका भी जताई। इसकी चर्चा में उन्होंने कहा:
"कुछ विदेशी व्यक्तियों को तिब्बती औषधि के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती। मसलन् तिब्बती औषधि में कई खनिजों का प्रयोग किया जाता है। इस बारे में उन्हें आशंका है। हां, तिब्बती औषधि में खनिज वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन हम सीधे तौर पर खनिज नहीं खाते, और न ही औषधियों में खनिजों को शामिल किया जाता है। हम खनिज में रोग के इलाज के लिए उपयोगी वस्तुओं को निकालकर तिब्बती औषधि में शामिल करते हैं।"