चीन-रूस की सीमा से दर्जन किलोमीटर की दूरी पर स्थित थाछडं चीन की धुर उत्तर-पश्चिमी सीमा पर खड़ा एक महत्वपूर्ण नगर है।
छिन व हान राजवंशों(221 ई.पू.—220ई.पू.) के जमाने में थाछडं इलाका चीन की हूण, ऊसुन, कितान व तुखार आदि प्राचीन जातियों के पशुओं का चरागाह रहा था। 13वीं सदी के प्रारंभिक काल में यह इलाका य्वान राजवंश(1271-1368) के सम्राट चंगेज खान की एक रियासत यानी वोखोथाए राज्य बना। बाद में मिडं व छिडं राजवंशों(1368-1911) के काल में यहां भी प्रशासनिक व्यवस्था कायम की गई। 1766 में यानी छिडं राजवंश के सम्राट छ्येन लुडं के शासन के इकतीसवें वर्ष में छिडं सरकार ने इस इलाके का प्रशासनिक दफ्तर याल( आज सोवियत संघ की सीमा के अन्दर स्थित उललचाल) से पूर्व की ओर छुहूछु में स्थानान्तरित करके एक नए नगर की स्थापना की और उसका नाम थालपाहाथाए रखा, सुविधा के लिहाज से बाद में इसे थाछडं नगर कहा जाने लगा। 18वीं सदी के सातवें दशक में थाछडं धीरे-धीरे इस इलाके का आर्थिक, राजनीतिक व सांस्कृतिक केंद्र बन गया।