मिट्टी में लिपटा भुना चूजा
"मिट्टी में लिपटा भुना चूजा"हांगचो के थ्येन श्यांग लो आदि हांगचो व्यंजन के रेस्तरांओं द्वारा सब से पहले पेश किया गया एक परम्परागत स्वाद वाला व्यंजन है, जिस का 400 से ज़्यादा सालों का इतिहास है। कहा जाता था कि भिखारी ने मुर्गे की चोरी की। लेकिन पकाने के लिए उस के पास चूल्हा नहीं था, इसलिए उस ने मुर्गे को भीगी मिट्टी के अन्दर बंद किया और लकड़ी की आग से पकाया। ताप से पका होने के बाद उस ने मुर्गा लिपटी मिट्टी को ज़मीन पर दे मारा। पकी सूखी मिट्टी फटकर टुकड़े टुकड़े हो गयी और मिट्टी के साथ मुर्गे के पंख-बाल भी मांस से अलग हो गए। इस तरह सुगंधित"मिट्टी में लिपटा भुना चिकन"आविष्कृत हुआ है।
रसोइयाओं के निरंतर प्रयासों के बाद"मिट्टी में लिपटा भुना चिकन" "मिट्टी में लिपटा भुना चूजा"और "मिट्टी में लिपटा भुना अष्ट भरवां चिकन"आदि के नाम से ज च्यांग और च्यांग सू प्रांतों में एक प्रसिद्ध पारंपरिक व्यंजन बन गया है।