उद्यानों में स्थित सूचओ शहर
सूचओ के प्राचीन नाम के आधार पर इस शहर की रूपरेखा सुडं राजवंश(960-1279) काल में तैयार की गई थी। शहर की दीवार का स्थान निर्धारण, मुख्य शहर की लम्बाई-चौड़ाई, बहुसंख्यक प्रमुख इमारतें, रास्ते, शहरी द्वार, उद्यान और अन्य स्थल हूबहू वैसे ही हैं, जैसे उसके पुराने नक्शे में थे, और अनेक के नाम भी वही हैं। स्थल-मार्ग और जल-मार्ग की यातायात व्यवस्थाओं को अधिकतम कार्य क्षमता के अनुसार बड़ी प्रवीणता के साथ जोड़ा गया है। गलियों में बिखरे धूसर ईंटों की छत वाले लिपे पुते मकान, मनोहर उद्यान, सांस्कृतिक अवशेषों की धरोहर और महा नहर इस शहर की सुन्दरता में चार चांद जोड़ देते हैं। यहां का खुनछ्वी आपेरा, गीतगाथाएं, चित्रकला, लिपिकला, और कशीदाकारी तथा थ्येनफिडं व लिडंयेन जैसे प्राकॉतिक स्थल तथा हूछ्यू पर्वत, शिह झील, तुडंथिडं झील के पूर्वी और पश्चिमी उपद्वीप, नदियों के किनारे-किनारे फैले प्राचीन नगर और गांव दक्षिण चीन के भू-स्थल का एक ऐसा रंग-बिरंगा दृश्य तैयार करते हैं, जिसका गुणगान आने वाली अनेकानेक पीढ़ियों तक होता रहेगा।
सूचओ शहर के दिलकश दृश्य, उत्कृष्ट उद्यान, बेहतरीन कशीदाकारी और मोहक गाथाएं यात्रियों को वशीभूत कर देते हैं।