सकारात्मक लोगों के साथ रहें- सबसे ज्यादा जरूरी है आप के आस-पास के लोग सकारात्मक सोच वाले हों। इसकी शुरुआत भी आप अपने आप से करें। खुद के प्रति दयालु रहें आपकी सोच पॉजिटिव हो जाएगी। विश्वास- जी हाँ, फरेब की इस दुनिया में विश्वास के साथ चलें। आपका विश्वास आपको दिशा देगा। प्रेरणा लें- जिस व्यक्ति का काम अच्छा लगे उससे प्रेरणा लें। अखबार के अलावा किताबें पढ़ने की आदत डालें। सबसे अधिक जरूरी है आपका मुस्कुराना। रिलैक्स्ड रहें- दिन भर में पचासों ऐसे कारण सामने आते है जिनसे खीज होती है, स्वस्थ रहने के लिए बेहतर है कि यह खीज आपके साथ क्षण भर ही रहे। तुरंत नियंत्रण पाने की कोशिश करें।
ध्यान बाँटें- जो बात आपको ज्यादा परेशान कर रही है उससे अपना ध्यान हटा कर उन बातों की तरफ रूख कीजिए जो आपको अच्छी लगती है।
प्यार के बारे में सोचें- हम सभी अपने जीवन में एक बार प्यार अवश्य करते हैं। स्वस्थ रहने के लिए वैज्ञानिकों ने सिद्ध किया है प्यार की मधुर स्मृतियाँ आपको ताकत देती है। याद रहे, प्यार की अच्छी और सुखद बातें ही सोचें ना कि तकलीफदेह बातें।
और अब बात करते हैं स्क्रिन टाइम की। चाहे आप फेसबुक पर घंटों बिताते हो या फिर काम के सिलसिले में, लंबे समय तक कंप्यूटर स्क्रीन पर नज़र गड़ाए रखने से आँखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है और बहुत असुविधाजनक भी है। आपका सिर घूमने लगता है, कंधों और गले में दर्द होने लगता है। आँखे सूखी-सूखी महसूस होती है और लाल हो जाती हैं। धुंधला नज़र आने लगता है और अगर अति हो जाए तो आपको कभी-कभी दो-दो चीज़ें नज़र आती हैं। यह सब कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के लक्षण हैं जो घंटों कंप्यूटर स्क्रीन पर नज़र गड़ाए रखने वालों को होने वाली आँखों की समस्या है। एक शोध के अनुसार कंप्यूटर विजन सिंड्रोम लगभग 64-90 प्रतिशत लोग इससे प्रभावित होते हैं। यह किसी को भी हो सकता है लेकिन उम्र के साथ यह रोग और गंभीर होता जाता है। कंप्यूटर स्क्रीन ही इसका मुख्य दोषी माना जाता है और इसमें आग में घी डालने का काम करती है हमारी कुछ आदते जिनमें कम गति से पलकें झपकना, बैठने का गलत तरीका, पॉस्चर और ए.सी या हिटिंग की सूखी हवा। और इन सब में आपके सभी डिजिटल उपकरण शामिल हैं चाहे वह आई-पैड हो या स्मार्टफोन। ये भी आपको आँखों में होने वाली असुविधा के कारक बनते हैं। सौभाग्य से इनमें से अधिकतर इलाज आपके द्वारा अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव द्वारा ठीक किया जा सकता है। अगर आप अपने दफ्तर, घर पर भी
सौभाग्य से, सीवीएस का उपचार आप अपने कार्यालय में या घर पर काम करते समय कर सकते हैं, इसके लिए आसान समायोजन की आवश्यकता है। अपने कंप्यूटर और अपनी कुर्सी की स्थिति जैसी छोटी बातों पर अगर आप विचार करें तो यह सब महत्वपूर्ण कारक साबित होते हैं। उदाहरण के लिए, अमेरिकी ऑटोमेटिक एसोसिएशन के अनुसार, आपके कंप्यूटर स्क्रीन को आपकी आंखों के स्तर से 4 इंच नीचे होना चाहिए और कम से कम 20 इंच आपसे दूर होना चाहिए। प्रकाश भी बहुत महत्वपूर्ण है। प्रयास करें कि कंप्यूटर स्क्रीन उपरी प्रकाश या खिड़कियों के चकाचौंध से बचे। अपनी चमक से बचने के लिए संरक्षण के लिए, खिड़कियों पर ब्लाइंडस या पर्दे का उपयोग करें और एक कम वाट की क्षमता वाले डेस्क लैम्प का प्रयोग करें।
अगर आप लिखते समय एक रिपोर्ट या नोटबुक पर देख रहे हैं तो कोशिश करें कि वह कुंजीपटल(कीबोर्ड) के ऊपर हो या मॉनिटर के नीचे। क्योंकि लिखते समय आपको अपना सिर इधर-उधर हिलाने की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए और अगर इस तरह की पोजिशन या स्थिति संभव नहीं है, तो अपने डेस्क पर एक दस्तावेज़ धारक को रखें यानी पेपर को सीधा करके रखने वाला होल्डर। क्योंकि यह एक अच्छी सिटिंग स्थिति बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। गर्दन और कंधे के दर्द भी सीवीएस का एक कारण हो सकते हैं। डॉ, सुझाव देते हैं कि अपनी कुर्सी की ऊंचाई का समायोजन इस तरह से किया जाए कि आपके पैर फर्श पर सपाट तरीके से आराम कर सकें और आप काम करते समय यह सुनिश्चित कर लें कि आपकी कुर्सी आपके शरीर के अनुरूप आपको समर्थित कर रही है।
आँखों की तकलीफ को कम करने के लिए, बार-बार पलकें झपकने का प्रयास कीजिए खासकर तब जब आप लम्बे समय तक स्क्रीन को देखते हैं ताकि आपकी आंखों को पर्याप्त आराम मिल सके और वे मॉयस्ट बनी रहें। और इसका दूसरा मतलब है कि आपकी आँखों को आराम मिले। डॉ, इस बात की भी सलाह देते हैं जब आप कंप्यूटर पर लम्बे समय तक काम करें तो हर बीस मिनट के बाद 20 सेंकेंड के लिए स्क्रीन से हटकर कहीं दूर देखें। इससे आपकी आँखों को आराम के साथ सांस लेने का और रिफोकस करने का समय मिलता है। ये भी कहा जाता है कि लगातार दो घंटे लैपटॉप के उपयोग के बाद आपको 15 मिनट के लिए अपनी आँखों को आराम देना चाहिए। उसके लिए अपने कंप्यूटर से दूर उठकर कहीं जाना बहुत महत्वपूर्ण है।
सभी सीवीएस के लक्षणों को रोकने के लिए आप इन उपायों को उपचार समझ कर अपना सकते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि जैसे आप अपनी बाँहें, मांस-पेशियों को लचीला बनाए रखने के लिए स्ट्रेच करते हैं ठीक उसी तरह आपको अपनी आँखों को राहत देने के लिए स्क्रीन से ब्रेक लेने की ज़रूरत है। अगर इन छोटे-छोटे परिवर्तनों से आप अपने काम की दिनचर्या का हिस्सा बनाते हैं तो लंबे समय तक आपकी आँखें स्वस्थ रहेंगी। असुविधा के बावजूद, सीवीएस की एक खासियत है-यह आम तौर पर सिर्फ अल्पकालिक है। इसके सभी परिणाम अस्थायी हैं और सही उपचार और रोकथाम के साथ ठीक किए जा सकते हैं और उनकी रोकथाम भी की जा सकती है। तो इसी के साथ रखिए अपना और अपनी आँखों का ख्याल। इसी के साथ मुझे याद आया कि आजकल चीन में एक वाक्य बहुत प्रसिद्ध है- थ्री स्क्रीन लाइफ। यह वाक्य आजकल की मार्डन लाइफ के बारे में जहाँ लोगों का जीवन थ्री स्क्रीन से चल रहा है। दफ्तर में कंप्यूटर स्क्रीन, रास्ते में स्मार्टफोन स्क्रीन और घर पर टी.वी की स्क्रीन को निहारते ही आजकल का समय बीत रहा है। ये जीवन है इस जीवन का यही है-यही है रूप।