माछ्यू काउंटी उत्तर-पश्चिम चीन के कानसू प्रांत के काननान तिब्बती स्वायत प्रिफेक्चर में स्थित है, जो कानसू, छिंगहाई और स्छ्वान प्रांत को जोड़ता है। पहले स्थानीय लोग चरागाह पर सरपट और चरवाहे का जीवन बिताते थे। उनके स्थाई मकान नहीं थे। चाहे ठंडी हवा चले या भारी बारिश, वे सिर्फ तम्बुओं में रहते थे। गाय और भेड़ उनकी सभी संपत्ति होती थी। समाज के विकास के चलते अब स्थानीय लोग स्थाई मकान में अच्छे जीवन का आन्नद उठाते हैं। हम एक साथ माछ्यू काउंटी जाकर स्थानीय लोगों के जीवन का महसूस करेंगे।
"हम 2008 में यहां आए। हमारी दो बेटियां और एक बेटा है। हमारे चार पोते भी हैं।"
अभी आपने चरवाह नोर्रिग त्सेरिंग की आवाज सुनी। वर्ष 2008 में नोर्रिग त्सेरिंग अपनी पत्नी और चार पोतों के साथ माछ्यू काउंटी के रिन्चन गांव में रहने आए। गांव का निर्माण 2006 में पूरा हुआ, जो नागरिकों के लिए नई प्रायोगिक आवास परियोजना है। गांव में कुल 144 मकान हैं। हर मकान का क्षेत्रफल करीब 80 वर्ग-मीटर है। इस तरह का मकान बनाने में 70 हजार चीनी युआन खर्च होते हैं। चरवाहे और सरकार ने क्रमशः 20 हजार और 50 हजार युआन दिए।
माछ्यू काउंटी के जिम्मेदार व्यक्ति ली चंगआन ने संबंधित स्थिति से अवगत कराते हुए कहाः
"अब काउंटी में कुल 11 चरवाह गांव हैं। सरकार ने 2007 से इनका निर्माण शुरू किया। अब तक 4900 मकानों का निर्माण पूरा हो चुका हैं और 20 हजार से अधिक चरवाहे इन मकानों में रहने लगे हैं।"
चरवाहों की मुख्य आय चराई से आती है। अब युवा लोग फिर भी चराई करते हैं, जबकि बुजुर्ग और बच्चे सरकार द्वारा निर्मित गांवों में बसे हुए हैं। उनके लिए न सिर्फ पेयजल, बिजली और चिकित्सा की मांग पूरी हुई, बल्कि बच्चों को स्कूल जाने की सुविधा भी मिली है। चरवाहे नोर्रिग त्सेरिंग ने कहाः
"हमने सरकार के आह्वान पर इस गांव में आए। यहां काउंटी से नजदीक है। चिकित्सा, शिक्षा और यातायात की सुविधाएं आसानी से उपल्बध हैं। सरकार की उदार नीति की वजह से यहां रहने के बाद हमें कोई परेशानी नहीं हुई।"
चरवाहों के लिए बने गांव का डिजाइन वैज्ञानिक है। काउंटी के पास दो गांवों के अलावा, माछ्यू काउंटी में बाकी नौ गांव चरवाहे बहुल क्षेत्रों में स्थित हैं। गांव का निर्माण पूरा होने के बाद इसके आसपास स्कूल, क्लिनिक और टाउनशिप सरकार दफ्तर आदि का निर्माण भी किया गया, ताकि चरवाहों को सुविधा दी जा सके।
माछ्यू काउंटी के जिम्मेदार व्यक्ति ली चंगआन ने कहा कि 2010 तक चरवाहों के लिए नए मकान बनाने की परियोजना पूरी हुई। अब गांव में पानी और बिजली की आपूर्ति पर्याप्त है और सड़कों का निर्माण भी पूरा हुआ है। तरह तरह के बुनियादी संस्थापनों का निर्माण हो रहा है।
गांव में जीवन बेहतर बनाने के लिए सरकार ने विश्वविद्यालयों के स्नातकों को वहां भेजा। स्नातक चरवाहों के स्कूल जाने और चिकित्सा आदि से जुड़े काम करते हैं। पश्चिम चीन के कानसू प्रांत की राजधानी लान के बिजनेस कॉलेज के स्नातक ली योंगशंग उनमें से एक है। 2005 में कॉलेज से स्नातक होने के बाद उसने 2007 में माछ्यू काउंटी के टाउनशिप सरकार दफ्तर में काम करना शुरू किया। उनका कहना हैः
"गांव बनाने की परियोजना शुरू होने के समय कुछ मुश्किलें सचमुच मौजूद थी। कुछ चरवाहे इस नीति से अनजान थे, कुछ पैसा जुटाने में मुश्किल थे और कुछ इंतजार करते थे। बाद में चरवाहे इन गांवों में आए। बेहतर जीवन महसूस करने के बाद इंतजार करने वाले चरवाहे भी गांव में आने लगे।"
ली योंगशंग ने स्पष्ट से चरवाहों को सरकार की नीति समझाई और धीरे-धीरे चरवाहों के साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित किए। ली योंगशंग का कहना हैः
"अब मेरे कई चरवाहे दोस्त हैं। मैं दिल से उन्हें अपना दोस्त मानता हूं और वे भी मुझे ऐसा समझते हैं।"
सरकार के समर्थन और कर्मचारियों की कोशिश में चरवाहे अब इस परियोजना की प्रशंसा करते हैं। ऐसे में गांव का निर्माण तेजी से हो रहा है और चरवाहों का जीवन स्तर उन्नत हो चुका है। चरवाह नोर्रिग त्सेरिंग ने कहाः
"हमारे गांव में कुल 160 परिवार रहते हैं। यहां आने के बाद सरकार ने हमारे ऊपर बड़ा ध्यान दिया। गांव समिति ने बौद्ध धर्म गतिविधि भी आयोजित की। अब हम शांतिपूर्ण से सुहावना जीवन बिताते हैं।"
अब बच्चे गांव में औपचारिक शिक्षा हासिल करते हैं। क्या भविष्य में बच्चे उनके पिता की तरह फिर भी चराई करेंगे? इस सवाल के जवाब में माछ्यू काउंटी के जिम्मेदार व्यक्ति ली चंगआन ने आशा जताई कि अगर भविष्य में बच्चों को अच्छा रोजगार मिला, तो वे बाहर जाकर और बेहतर जीवन बिताएंगे।
अच्छा दोस्तो, हमारा आज का कार्यक्रम यहीं संपन्न होता है। अब आज्ञा दें, नमस्कार।
(ललिता)