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लांगमू मंदिर कस्बा
2013-11-02 20:07:44

पर्यटक लगातार युन्नान प्रांत के लीचांग, स्छ्वान प्रांत के च्युचाइको की यात्रा करते हैं, जबकि लांगमू मंदिर नामक कस्बा विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर खींच लेता हैं। लांगमू मंदिर क्यों इन पर्यटकों को आकर्षित करता है और उसकी क्या विशेषता है। चलिये हम आज आपको बताएंगे।

लांगमू मंदिर कस्बा कानसू प्रांत के कान्नान तिब्बती स्वायत्त प्रिफेक्चर की लूचू काउंटी में छिंगहाई-तिब्बती पठार के किनारे स्थित है। यह कस्बा तिब्बती बौद्ध धर्म के नाम पर जाना जाता है। यहां वनस्पति कवरेज दर 90 प्रतिशत तक पहुंची है, इसलिये गर्मियों में बहुत से पर्यटक गर्मी से बचने के लिये विशेष तौर पर लांगमू मंदिर कस्बा आते हैं। स्विट्जरलेंड से आये एक पर्यटक ने कहा

मुझे यहां का सुहावना वातावरण बहुत पंसद है। समुद्र सतह की ऊंचाई अत्यन्त उचित है। यहां के लोग और संस्कृति मुझे बहुत अच्छी लगती है।

लांगमू मंदिर कस्बे के जिम्मेदार अधिकारी लान पेइ चिंग ने कहा कि जून से अक्तूबर तक लांगमू मंदिर में पर्यटन सीजन होता है। बड़ी तादाद में पर्यटक यहां आते हैं। गत वर्ष लांगमू मंदिर कस्बा में टिकट बिक्री 20 लाख युआन तक पहुंची । विदेशी पर्यटक मुख्य तौर पर यूरोप से आते हैं।

बहुत से विदेशी पर्यटक यहां आते हैं। कई फोटोग्राफरों को फोटो खींचना अच्छा लगता है। अतीत में यहां पाइलोंग नदी का स्रोत था। पर्यटक अक्सर यहां से घोड़े पर सवार होकर दलदल जाते हैं।

लांगमू मंदिर में हमें मलेशिया से आये 4 बुजुर्ग प्रवासी चीनी मिले। उनकी कानसू प्रांत की 42 दिन की यात्रा की योजना है। वास्तव में लांगमू मंदिर उनकी योजना में नहीं शामिल है, लेकिन इस बार की अचानक हुई यात्रा से उन्हें बहुत प्रसन्नता हुई है। एक प्रवासी चीनी हो ह्वा थाइ ने अपने अनुभव बताते हुए कहा

हम चीन के इतिहास से परिचित हैं और उसकी बेहतर जानकारी भी लेते हैं। यहां चीन की संस्कृति का जन्मस्थान है, इसलिये हमने कानसू प्रांत की यात्रा करने की सोची। हमने पर्यटन गाइड बुकों के अनुसार हमारी यात्रा योजना बनायी, लेकिन यहां आने के बाद हमें पता चला कि यहां पर्यटन गाइड बुक से पूरी तरह अलग है।

अगर हम कहते हैं कि जेम्स हिलटन द्वारा लिखे गये खोया क्षितिज से पश्चिम के लिये तिब्बत का रहस्य खुला है, जबकि अमेरिकी मिशनरी के तिब्बत जीवन नामक बुक से पर्यटकों को लांगमू मंदिर का पता चला है। लेकिन लोकप्रियता और प्रसिद्धता बढने के चलते शांतिमय लांगमू मंदिर कस्बा व्यवसायीकरण की ओऱ कदम रखता रहता है।

अधिक ग्राहकों को आकर्षित करने के लिये यहां के एक होटल में सजावट हो रही है और स्टाफ को ट्रेनिंग दी जा रही है। उसने चीनी प्रसिद्ध पर्यटन सेवा वेबसाइट में विज्ञापन जारी किया। होटल के मैनेजर ने कहा

अधिकांश पर्यटक वेबसाइट के जरिए होटलों की बुकिंग करते हैं, उदाहरण के लिये, छूनाएर वेबसाइट, सी-ट्रिप वेबसाइट। पहले मैंने एक विदेशी भाषा स्कूल में पढ़ाई की, इसलिये मैं कुछ विदेशी भाषा जानता हूं।

वर्तमान लांगमू मंदिर कस्बे के सड़क के दोनों किनारे बहुत से दुकानें दिखाई देती हैं। इसके विपरीत में परंपरागत जातीय पोशाक पहनने वाले बुजुर्ग इन आधुनिक दुकानों के द्वारों पर बैठे हुए नजर आते हैं।

शोर कस्बे के पास स्थित शांत मंदिर, कैफे द्वार पर खड़ी तिब्बती जातीय मां, स्वच्छ नदी, तिब्बती वास्तुकला और विभिन्न बैक पैकरों से इस शांत तिब्बती कस्बे की स्थापना हुई है। आशा है कि वह विदेशी पर्यटकों और आर्थिक निवेश को आकर्षित करने के साथ साथ शांत रह सकेगा।

(रूपा)

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