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सुंदर च्यो चेइको, मेरा घर---तिब्बती आदिवासियों का जीवन
2013-11-02 19:54:18

च्यो चेइको दर्शनीय स्थल चीन के स्छवान प्रांत के अबा तिब्बती और छ्यांग जातीय स्वायत्त प्रिफैक्चर में स्थित है, जो अपने सुंदर प्राकृतिक दृश्य के लिए प्रसिद्ध है। उसका दूसरा नाम है पृथ्वी पर स्वर्ग। चीनी भाषा में च्यो चेइको का मतलब है- पहाड़ों की तलहटी में बनी खाई में बसे नौ गांव। क्योंकि वहां पहाड़ों के बीच नौ तिब्बती गांव बसे हैं और हज़ार से ज्यादा तिब्बती वहाँ रहते हैं। उन्होंने अब भी अपने दैनिक जीवन में पुरानी तिब्बती परंपरा को बरकरार रखा है। वर्ष 1984 से च्यो चेइको प्राकृतिक दर्शनीय स्थल औपचारिक रूप से नागरिकों के लिए खोला गया और वहां के गांववासियों ने भी पर्यटन उद्योग के संचालन में भाग लिया। पर्यटन उद्योग के कारण उनके जीवन में सुधार, सुविधा और समृद्धि आई। चलिए, आज के कार्यक्रम में हमारे संवाददाता के साथ च्यो चेइको चलते हैं और वहां के तिब्बती आदिवासियों के सुखी जीवन के बारे में जानते हैं और महसूस करते हैं।

शु चेंग गांव में 400 से ज्यादा लोग रहते हैं। 58 वर्षीय तिब्बती महिला आमा खखत्सु का घर भी वहां पर है। च्यो चेइको के पर्यटन की समृद्धि के साथ खखत्सु ने अपने लिए दो-मंजिला बड़ा मकान बनवाया। जब हमारे संवाददाता उनसे मिले, तब वह अपने घर की पहली मंजिल पर बनी दुकान में पर्यटकों से बातचीत कर रही थी। उनकी दुकान में बिकने वाले तिब्बती हस्तशिल्प पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है। खखत्सु ने बताया कि च्यो चेइको दर्शनीय स्थल के खुलने के शुरुआती वर्षों में उसका परिवार मिलकर होटल चलाता था जिससे बहुत अच्छी आय होती थी। इसके बाद च्यो चेइको के पारिस्थितिकी पर्यावरण के संरक्षण के लिए उसके परिवार का होटल बंद कर दिया गया। दर्शनीय स्थल हर साल टिकट की आय का एक हिस्सा जीवन-भत्ता के रूप में स्थानीय लोगों को देते हैं। गत वर्ष च्यो चेइको में पर्यटकों की संख्या 30 लाख से ज्यादा थी। स्थानीय लोगों को मिलने वाला जीवन-भत्ता बढ़कर औसत प्रति व्यक्ति का 20 हजार युआन तक पहुंच गया। अब वे अपने पूरे परिवार के साथ एक घर में खुशी से रहती हैं। उसकी दुकान में बेहतरीन तिब्बती स्मारिका मिलती हैं। उनका जीवन दिन-ब-दिन अच्छा होता जा रहा है। उन्होंने कहा

"अभी हमारा जीवन पर्यटन पर निर्भर करता है। पहले हमारा एक पारिवारिक होटल था। जब रात को कोई यहाँ ठहरता था,तो हम पैसे कमा सकते थे। लेकिन बाद में पारिवारिक होटलों पर प्रतिबंध लगा दिया गया। हमने भी अपना होटल बंद कर दिया। मकान की मरम्मत और कुछ सजावट के बाद उसे किराये पर किसी को दे दिया। और अब हम व्यापार करते हैं।"

च्यो चेइको दर्शनीय स्थल के प्रबंधन ब्यूरो के प्रधान वांग छ्यांग ने बताया कि हाल में च्यो चेइको में तिब्बती निवासियों के जीवन में बड़ा बदलाव हुआ है। उनकी आय भी साल दर साल बढ़ रही है। वर्ष 1984 में पारिस्थितिकी पर्यावरण के संरक्षण के लिहाज़ से वहां के खेतों में पेड़ उगाये गये। वर्ष 2002 में लगभग 2000 पशुधनों को च्यो चेइको से बाहर ले गए और साथ ही स्थानीय सरकार ने स्थानीय आदिवासियों के हितों की रक्षा करते हुए उनकी आय बढ़ाने के लिए कई कदम उठाये, जिनमें दर्शनीय स्थल की रोजगार प्रणाली में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देना, उन्हें जीवन-भत्ता देना आदि शामिल हैं। साथ ही दर्शनीय स्थल पर रेस्टोरेंट, स्मारिका दुकान, जातीय वेशभूषा पहनकर फोटो खींचना आदि स्थानीय लोगों द्वारा चलाये जाने वाले कुछ मुख्य व्यापार हैं।

खाई के बाहर नवनिर्मित तिब्बती गांवों की तुलना में च्यो चेइको के अंदर तिब्बती गांव पुरानी शैली में बनाये गये। इस बारे में वांग छ्यांग ने कहा कि वर्ष 1992 में च्यो चेइको दर्शनीय स्थल विश्व सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया गया। इन परंपरागत तिब्बती गांवों की प्रामाणिकता और अखंडता की रक्षा के लिए दर्शनीय स्थल में नवनिर्मित इमारतों की संख्या पर नियंत्रण लगाया गया। उन्होंने कहा

"च्यो चेइको दर्शनीय स्थल के विकास में संरक्षण को प्राथमिकता दी जाती है। संरक्षण के जरिए पर्यटन का विकास होता है। हम भी पुरानी जीवन-शैली को सुरक्षित रखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। पर्यटन के विकास के साथ बाहरी संपर्क और घनिष्ठ हो रहा है। आदिवासियों के जीवन में धीरे-धीरे बदलाव हो रहे हैं। च्यो चेइको दर्शनीय स्थल में संस्कृतिक संरक्षण व विकास बहुत महत्वपूर्ण है और हम भी उसका पूरा समर्थन करते हैं। "

वर्तमान में च्यो चेइको में रहने वाले नब्बे प्रतिशत से ज्यादा आदिवासी लोग दर्शनीय स्थल में पर्यावरण संरक्षण, पहाड़ी गश्ती संबंधी या पर्यटक गाइड की नौकरी करते हैं। वे च्यो चेइको का संरक्षण करने वाली मुख्य शक्ति बन गये हैं। उनकी औसत प्रति व्यक्ति सालाना आय 16 हजार युआन से ज्यादा है।

दर्शनीय स्थल के पर्यटन विपणन विभाग में कार्यरत तिब्बती युवती यांग फूयिंग की 10 साल पहले वहां पर आयोजित गाइड संबंधी प्रशिक्षण के दौरान अपने पति से मिलीं। वह च्यो चेइको के हय नामक गांव की बहू बन गयी। अभी पर्यटन का विकास उसके परिवार की आमदनी का अहम हिस्सा आता है। उसने संवाददाता से कहा कि पर्यटन उद्योग शुरू होने के बाद च्यो चेइको का प्राकृतिक दृश्य नहीं बदला और वह अब भी पहले की ही तरह सुंदर है। वहां की जलवायु में अब भी पहले की तरह मिठास है। लेकिन गांव में लोगों का जीवन बेहतर हो रहा है। उन्होंने कहा

"स्थानीय निवासी के रूप में मुझे लगाता है कि पिछले कुछ सालों में हमारा जीवन और वातावरण बहुत बदल गया है। जब मैं छोटी थी, जो कपड़े हम पहनते थे, उनकी आज के बच्चों के साथ तुलना भी नहीं की जा सकती। पर्यटन के विकास के बाद हमारा जीवन दिन ब दिन बेहतर हो रहा है। पहले हम गांव के छोटे से स्कूल में पढ़ते थे, जो बहुत दूर था। इसलिए हम घर से अपना भोजन स्कूल ले जाते थे। अभी पर्यटन से हमारे जीवन की स्थिति और वातावरण पहले से बहुत अच्छा हो गया है। मिसाल के लिए मेरा बेटा नर्सरी स्कूल से शहर में पढ़ता है। कुछ और अमीर परिवारों के बेटे चेंगदू या पेइचिंग जैसे बड़े शहर में प्राथमिक स्कूल से पढ़ने गये, जिनमें से कई विश्वविद्यालय की पढ़ाई समाप्त होने के बाद विदेश में भी पढ़ने गये।"

आधुनिक जीवन शैली से च्यो चेइको में तिब्बत की परंपरागत संस्कृति नहीं बदली। पारिस्थितिकी पर्यटन के लगातार विकास का आधार है। जातीय संस्कृति पारिस्थितिकी का एक अहम हिस्सा है। तिब्बती संस्कृति की विशेषता च्यो चेइको पर्यटन के विकास की प्रेरक शक्ति माना जाता है, इसलिए च्यो चेइको इस विश्व सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण करना मतलब तिब्बती संस्कृति का उत्तम संरक्षण करने के समान है। (मीनू)

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