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चित्र के जैसे गांव, शीडी और होंग गांव
2013-06-27 18:52:55
मुझे चीन से प्यार है टैलेंट शो और ज्ञान प्रतियोगिता में आपका स्वागत है। आज के कार्यक्रम में हम आप से एनह्वई प्रांत की छ्येन काऊंटी में स्थित दो प्राचीन गांवों का परिचय देंगे, वे हैं शीडी गांव और होंग गांव।

पूर्वी चीन स्थित एनह्वाई प्रांत में शीडी गांव और होंग गांव में परंपरागत शैली का संरक्षण किए जाने के कारण इन्हें विश्व सांस्कृतिक विरासत में शामिल किया गया। विश्व विरासत सूची में पहली बार दो गांव शामिल किए गए हैं। शीडी गांव और होंग गांव एनह्वई प्रांत में सबसे प्रतीकात्मक प्राचीन गांव हैं, जहां का दृश्य बहुत सुंदर है और परंपरागत शैली का संरक्षण भी अच्छी तरह से किया गया है। दोनों गांव अपनी उत्तम एनह्वई विशेषता वाली इमारतों और रंगीन ऐतिहासिक संस्कृतियों के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं।

होंग गांव में पहुंचते ही किसी के गाने की आवाज़ सुनाई दी। फिर सड़क पर मुस्कुराते हुए एक वृद्ध नज़र आए। उनका नाम लू रूलिन है और उनकी उम्र 75 साल है और वे होंग गांव में चिपचिपे चावल से बने केक बेचते हैं। वे स्वरचित गीत गुनगुनाते हुए गांव में घूम रहे हैं। उनकी आवाज़ सुन लोग फिर से पुराने दिनों की सुनहरी यादों में खो जाते हैं।

लू रूलिन को होंग गांव के इतिहास की अच्छी जानकारी है। वे अब भी पहले की ही तरह पुरानी विधि से रेड बीन्स, तिल और चिपचिपे चावल से बने केक बनाते हैं। केक खाते-खाते लू रूलिन की कहानी सुनने में बहुत मज़ा आ रहा है।

 

प्राचीन काल के प्रसिद्ध कवि ली बाई ने छ्येन काऊंटी पर एक कविता भी रची। उन्होंने कहा कि छ्येन काऊंटी वन्डर्लैन्ड है, यहां के दृश्य बहुत सुंदर हैं और प्राचीन संस्कृति भी।

चीन के इतिहास में थांग राजवंश के दौरान प्रसिद्ध कवि ली बाई ने छ्येन काऊंटी के दृश्य की बहुत सराहना की। जिससे ज़ाहिर होता है कि छ्येन काऊंटी का इतिहास बहुत पुराना है। छ्येन काऊंटी स्थित होंग गांव का आकार नक्शे में बिल्कुल एक गाय जैसा दिखता है। गांव के पास एक पहाड़ है जो गाय के सिर जैसा दिखता है, गांव के दो पेड़ गाय के सिर पर उगे सींग जैसे दिखते हैं, गांव में एक झील गाय के पेट के आकार जैसी है, नदियां गाय की आंत, इमारतें गाय का तन और चार बुल गाय के पैर हैं। होंग गांव में पर्यटन सेवा कर्मचारी यु हुअन ने कहा

पूरे होंग गांव का आकार एक गाय जैसा है, पहाड़ गाय का सिर, इमारतें गाय का तन, बुल गाय के पैर हैं।

अगर ऊपर से देखा जाएं, तो पूरा गांव पहाड़ और झील के पास आराम करती किसी गाय के जैसा है।

होंग गांव का दृश्य एक सुन्दर चित्र की तरह है, यहां आने वाले लोगों को भ्रम होता है जैसे वे सौ साल पहले के मिंग और छींग राजवंश के समय में फिर से आ गए हैं। 66 वर्षीय वृद्ध वांग सनछ्यांग का परिवार कई पीढियों से यहां रह रहा है। उन्होंने कहा

मेरे पैतृक घर का नाम है शूरनथांग। छींग राजवंश के दौरान मेरे दादाजी के दादाजी ने सरकारी अधिकारी बनने के बाद यह घर बनवाया। ह्वाईचो में इमारतों की दो विशेषताएं हैं, एक है घरों में बने आंगन और आंगन में आती धूप। दूसरी विशेषता है- आवास में बना घुड़सिरा शिल्प, जो घर को आग लगने के खतरे से बचाता है।

वर्तमान में होंग गांव में मिंग और छींग राजवंश के दौरान बनी इमारतों की संख्या 1 सौ 40 से अधिक है। यहां पहाड़, जल, आवास और लोगों के बीच सामंजस्यपूर्ण संबंध है, जो विश्व सांस्कृतिक विरासत में एक चमत्कार की तरह है।

पुरानी इमारतों के अलावा स्थानीय लोक संस्कृति भी पुरानी है। होंग गांव दृश्य स्थल के प्रबंधक वांग क्वोपिंग ने कहा कि होंग गांव के बारे में यहाँ की सबसे बड़ी खासियत यहां की लोक संस्कृति है। उन्होंने कहा

स्थानीय लोग बहुत सरल, ईमानदार और मासूम हैं। हम वर्ष 1991 में यहां आए थे, उन्होंने दृश्य स्थल के प्रबंधकों और पर्यटकों का हार्दिक स्वागत किया और अच्छे से पेश आए। यहां के आतिथ्य सत्कार के बारे में ऐसा कहा जाता है कि अगर आप आएँगे तो यहां से कभी भूखे नहीं लौटेंगे, क्योंकि स्थानीय लोग आपको खिलाकर ही भेजेंगे।

अगर जल प्रणाली होंग गांव का प्रतीक है, तो शीडी गांव का प्रतीक गांव के प्रवेश द्वार पर खड़ा स्टॉन आर्क(वृत्त खंड) है। कई साल गुज़र गए हैं, लेकिन यह स्टॉन आर्क(वृत्त खंड) वहीं खड़ा है। शीडी गांव में एनह्वई विशेषता वाली इमारतें न सिर्फ सुंदर हैं, बल्कि उनमें चीनी परंपरागत संस्कृति भी दिखाई देती है। शीडी गांव में लोगों के घर में बनी रसोई घर के अन्य कमरों की तुलना में थोड़ी पीछे होती है। चीनी जनता दूसरों के साथ मेल-मिलाप से रहती है यह उनके व्यक्तित्व से मेल खाता है। स्थानीय पर्यटक गाइड ल्यू छ्याओफंग ने कहा

यह रसोई घर दूसरे कमरों के पीछे है, यानी इस रसोई घर के कारण पीछे वाली सड़क को ज्यादा जगह मिली। इस मकान के मालिक बहुत उदार हैं। इस मकान से आपको सामंजस्य की भावना दिखती है।

शीडी गांव में एनह्वई विशेषता वाली इमारत के ज़रिए हमें बढ़िया कौशल, पूर्वजों की जीवन शैली और समझदारी, व्यापक परंपरागत संस्कृति और हज़ार सालों में चीनी जनता का जीवन दर्शन व जातीय व्यक्तित्व के बारे में जानकारी मिल सकती है। अंत में हमें एहसास हुआ कि एनह्वई विशेषता वाली इमारतों में मानवता और प्रकृति के बीच सामंजस्यपूर्ण संबंधों का उत्कृष्ट उदाहरण देखने को मिलता है। छ्येन काऊंटी में प्राचीन घरों का संरक्षण व मरम्मत करने वाले यू याह्वाई ने कहा

एनह्वई विशेषता वाली इमारतों में मानवता और प्रकृति के बीच सामंजस्यपूर्ण संबंधों का उत्कृष्ट उदाहरण देखने को मिलता है। यानी हरे पहाड़ व जल और गुलाबी रंग की दीवार के बीच सामंजस्य है। ऐसा कहीं और देखने को नहीं मिलेगा। अगर मानव और प्रकृति के बीच सामंजस्यपूर्ण संबंध एनह्वई विशेषता वाली इमारतों को कहा जाता है, तो आंगन और घुड़सिरा शिल्प उसके दो अहम भाग हैं।

मकानों के अलावा शीडी और होंग गांव में एक और आकर्षण भी है, वह है हज़ारों सालों पुरानी लोक संस्कृति। शीडी और होंग गांव प्राकृतिक और अनूठा है, दोनों का इतिहास बहुत लंबा है। आजकल दोनों का नाम धीरे-धीरे फैल रहा है, प्रसिद्ध हो रहा है, लेकिन यहां के लोग फिर भी शांतिपूर्ण जीवन बीता रहे हैं। वे हज़ारों साल पुरानी लोक संस्कृति के मुताबिक अपना जीवन बीता रहे हैं।

मौसम शुष्क है, ज्वलनशील सामग्री से सावधान रहो, कभी भी आग लगने का डर है।

जब रात होती है, तो शीडी और होंग गांव में लोगों को याद दिलाने की आवाज़ दूर से सुनाई देती है। ऐसा लगता है कि एक दम हम पुराने समय में आ गए हैं, सब कुछ अज्ञात लगता है। लेकिन फिर भी हमें वास्तविक अनुभव होता है। गांव वासियों को विश्वास है कि उनकी परंपरागत संस्कृति इस माहौल में हमेशा रहेगी।

(दिनेश)

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