स्वीकार कीजिए प्यार भरा नमस्कार, न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम लेकर मैं, हेमा कृपलानी हाजिर हूँ, एक बार फिर । पिछले हफ्ते एक साथ कई दिल दहाला देने वाली दर्दनाक घटनाएँ घटीं। पाकिस्तान-ईरान में आया भूकंप, बेंगलुरु, बॉस्टन मैराथन, टैकस्स में बम धमाके। देखिए, इंसानी दिमाग की सोच कितना मायने रखती है। सही दिशा में जाए तो चाँद पर पहुँचाए और गलत दिशा में चल पड़े तो कितनी विनाशकारी हो सकती है। इसके हम सब साक्षी हैं। ऐसा नहीं लगता कि आजा़द हैं फिर भी आजा़द नहीं। आज कौन कह सकता है कि हम पूरी तरह सुरक्षित हैं। प्राकृतिक आपदाओं पर हमारा बस नहीं चलता तो इन सबका जवाब है, किसी के पास। दोस्तों, चाहो तो एक उम्र किसी से प्यार करने के लिए कम पड़ती है और नफरत के लिए.......। ये सोच है जो इंसान को राजा से रंक, रंक से राजा बना दें, तो यह सोच ही है जो इंसान को इंसान से हैवान बना दें। डरते हैं सब कि हैवान से इंसान बनते देख कहीं ये उम्र न बीत न जाएँ। आने वाली पीढि़यों को नफरत की बगिया में उगते काँटे नहीं बल्कि प्रेम-प्यार-भाईचारे के फूलों की बगिया दें जाएँ। आखिर दिमाग में इतनी बुद्धि या समझ आती कहाँ से है।
चलिए, आज इसी विषय पर बात करते हैं।..........
आज हम दिमाग पर अपना दिमाग लगाएंगे। सवाल ये है कि कौन सी चीज हमें बुद्धिमान बनाती है? क्या बुद्धिमत्ता कुदरती है? क्या ये हमारे अंदर ही पैदा और विकसित होती है या फिर गूगल, विकीपीडिया जैसे साधन हमारे दिमाग पर कोई असर डालते हैं?
चलिए, आगे बढ़ते हैं और बात करते हैं पैसों की बचत के बारे में।
जिन महिलाओं में बचत की आदत होती है उन का परिवार,खुशहाल व प्रसन्नचित्त तो रहता ही है, आर्थिक तंगी भी पास नहीं फटकती। मंहगाई के इस जमाने में महिलाओं के लिए घर का खर्च चलाना एक बड़ी चुनौती बन गया है। ऐसे में महिलाएँ स्मार्ट इनवैस्टमैंट के जरिए अपना और अपने परिवार का भविष्य सुनहरा बना सकती है। सरकारी और प्राइवेट संस्थाओं व बैकों ने कई ऐसी निवेश की योजनाएँ पेश की हैं, जिन में निवेश करके महिलाएँ अपने परिवार की खुशियों को दोगुना कर सकती हैं। महिलाएँ अलग-अलग उम्र के हिसाब से अलग-अलग बचत योजनाओं में निवेश कर सकती हैं।
आप सोच रही होंगी कि बंधीबंधाई आमदनी में अपने ही खर्चे पूरे करना मुश्किल है तो ऐसे में बचत कहाँ से करें। आपका सोचना बिल्कुल ठीक है। लेकिन दक्षता और अनुशासन के साथ जिंदगी जींए तो खर्चों और बचत में तालमेल बनाए रखा जा सकता है। इसके लिए जरूरी है हर महीने घरेलू बजट तैयार करें और अनुशासन के साथ उस बजट पर अमल करें। इसके साथ-साथ इन बातों पर भी ध्यान दें।
20 साल की उम्र में निवेश- ये बहुत छोटी उम्र है पैसा जोड़ने के लिहाज से क्योंकि इस उम्र में खुद की आमदनी का कोई जरीया नहीं होता। लेकिन लड़कियों को इसी उम्र मे पैसा जोड़ने की समझ आ जानी चाहिए। माता-पिता से मिले पॉकेट-मनी के पैसे को फालतू का सामान खरीदने में लगाने से बेहतर हे कि वे गुल्लक में या बैंक में बचत खाता खुलवाकर उसमें जमा कराए। अपनी इस इनवैसटमैंट को वे समय आने पर अपनी पढ़ाई पर खर्च कर सकती हैं।
30 साल की उम्र में निवेश- इस उम्र में परफेक्ट सैविंग की जा सकती है क्योंकि इस उम्र में आमदनी के कई साधन होते हैं। अगर आप वर्किंग है तो आमदनी का एक हिस्सा सेव करें।
बैंक में रिकरिंग खाता खुलवा कर आप हर महीने कुछ पैसा जमा कर सकती हैं। रिकरिंग खाते के द्वारा अगर आपके पास ज्यादा पैसा जमा हो गया हैं तो आप उसका फिक्स्ड डिपोसिट करा सकती हैं। अगर आप गृहणी है तो आपको अपने पति के साथ मिलकर उनकी सैलरी का कुछ हिस्सा सेव करना चाहिए। इस उम्र में लॉग टर्म प्राफिट को ध्यान में रखकर निवेश करना चाहिए। बच्चों की शिक्षा के लिए चाइल्ड एडयुकेशन योजनाओं में निवेश किया जा सकता है या फिर चाइल्ड इंश्योरेंस पॉलीसी लेकर। बच्चों का भविष्य सुरक्षित बनाया जा सकता है। इस तरह के निवेश में सालाना कुछ धनराशि प्रिमियम के रुप में जमा करनी पड़ती है, जिसे आसानी से जमा किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त घरेलू महिलाएँ राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना जैसी स्किमों में भी निवेश कर सकती है। इसके अलावा यही वह उम्र भी होती है जहां आप सोने में निवेश कर सकती हैं। गोल्ड इंनवैसटमैंट प्लानंस में कई बैंकों में ऐसी योजना है जिनमें आप कम पैसों में भी सोना खरीद सकती हैं। वैसे आप सोना खरीदने के लिए हर महीने कुछ रकम इन बैंकों में जमा करा सकती हैं और ज्यादा पैसा इकट्ठा होने पर आप और ज्यादा सोना खरीद सकते हैं। सोने में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका है सोने के सिक्के लेना क्योंकि सोने के गहने लेने में उनकी बनावट के पैसे भी उनके वजन में जोड़ देते हैं।
40 की उम्र खुद की जिम्मेदारियाँ निभाने और अपने बुढ़ापे के लिए पैसा जोड़ने की होती है। इसलिए इस वक्त निवेश उन चीज़ों में होना चाहिए जिनमें बड़ा लाभ मिलने की संभावना हो। जैसे आपके पास मकान में कोई खाली हिस्सा हो, तो उसे किराए पर चढ़ा दें और किराए के पैसों को सेविंग में शामिल करें। इसके अलावा पैंशन स्कीम भी आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकती है। खासकर उन महिलाओं के लिए जिनकी खुद की आमदनी नहीं है। वे घर खर्च से ही कुछ बचाकर पैंशन स्कीम में जमा कर सकती हैं।
50-60 की उम्र में निवेश- यह उम्र नो रिस्क इन्वैसटमेंट की है। इस उम्र में निवेश किए सारे पैसों को इकट्ठा करके बचत खाते में जमा या फिक्सड डिपौसिट करवा लेना चाहिए। इस उम्र में एक फायदा यह भी है कि फिक्सड डिपोसिट पर इन्टरेस्ट रेट अच्छा होता है और मैच्योरिटी के बाद मिली रकम पर इन्कम टैक्स भी नहीं देना होता। समय पर किया गया निवेश ही अच्छे भविष्य की नींव रखता है।
चलिए, जानने की कोशिश करते हैं कि यहाँ चीन में क्या होता है क्योंकि चीन में अधिकतर महिलाएँ काम करती हैं। आकड़े बताते हैं कि चीन में 20 प्रतिशत महिलाएँ मैनेजर हैं, वहीं अमरीका में 40 प्रतिशत महिलाएँ मैनेजर हैं और जापान में केवल 8 प्रतिशत महिलाएँ मैनेजर हैं। हाल में हुए एक सर्वे में ये भी पता चला है कि लगभग 45 प्रतिशत महिलाएं शादी के बाद काम करते रहना चाहती है। तो अब आपको बताते हैं, चीन में महिलाएँ किस तरह अपना पैसा सेव करती हैं।
कहां निवेश करती है।
29 मार्च को पेइचिंग में महिलाओं के जीवन पर ब्लू बुक प्रकाशित की गई। जिसमें 2012 चीनी शहरी महिला उपभोक्ताओं पर किए एक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक 55.7 प्रतिशत महिलाओं ने 2012 में अपना पैसा निवेश किया। महिलाओं ने निवेश के लिए इन शीर्ष पाँच को चुना पहला शेयर बाज़ार में(16.7 प्रतिशत), फंडस में (15.3 प्रतिशत), बैंक वित्तीय उत्पादों में (14.7 प्रतिशत), बीमा (12.9 प्रतिशत), अचल संपत्ति (10.7 प्रतिशत)। आंकड़ों के मुताबिक 2013 में 56.2 प्रतिशत महिलाएं इसी तरह अपना पैसा सेव करने वाली हैं और इन्वैस्ट करने वाली हैं, बैंक वित्तीय उत्पादों में(20.0%) वाणिज्यिक बीमा(12.7%), अचल संपत्ति(12.3%), शेयर(10.6%) और सोने(9.8%) में करेंगी।
बैंक में किस तरह के खाते खुलवाती हैं। यहाँ पर भी भारत की ही तरह रिकरिंग, सैविंग और फिक्सड डिपौसिट अकाउंटस हैं लेकिन यहाँ बैंक अकाउंट धारकों को चैक-बुक नहीं देती यानी चीन में चैक बुक का सिस्टम ही नहीं है। उसके साथ-साथ यहाँ आप अपने बैंक अकाँउट से ही गोल्ड ट्रैडिंग कर सकते हैं यानी सोना या दूसरे महंगे धातु जैसे चांदी, प्लेटीनम को खरीद और बेच सकते हैं। सोमवार सुबह सात बजे से लेकर शनिवार सुबह चार बजे तक नॉनस्टॉप। वहीं भारत में आप गोल्ड इ.टी.एफ अकॉउट से ऐसा कर कर सकते हैं क्योंकि सोना भारत में स्टाक एक्सचेंज में लिस्ट होता है।
और जैसा आजकल भारत में प्रापर्टी के दाम जिस स्पीड से बढ़ रहे हैं और लोग सलाह देते हैं कि भई अपने पैसे का सही और सुरक्षित निवेश करना चाहते हो तो आजकल प्रापर्टी से बेहतर और जल्द रिटर्नस देने के अलावा कोई विकल्प रहा ही नहीं। तो चीन में भी सेम टू सेम हो रहा है। और जैसा भारत में सबकी सोच होती है कि अपना एक घर तो होना ही चाहिए, तो चीन के लोगों का भी ऐसा ही सोचना है। अपनी खुद की छत होना बहुत जरूरी और मायनें रखता है यहाँ। इसलिए, चीनी महिलाएँ पैसा सेव करना शुरु करती हैं अपना खुद का घर बनाने के लिए। और महिलाओं से बेहतर सैविंग की महत्वता और कौन समझ सकता है।
दोस्तों, कुछ समय पहले महिला सशक्तिकरण के नाम पर महिला बैंक के गठन की बात की गई है। एक बड़ी रकम उस बैंक को शुरू करने के लिए रखी है। आज जरुरत इस बात है कि एक बैंक में एक अधिकारी ऐसा हो जो किसी भी अनजान को बैंकिग प्रक्रिया समझाने के लिए रखा जाए जो महिलाओं को खासतौर पर बैंकिग गुर समझाए। जरूरत इस बात की है कि महिलाएँ वक्त की चाल को समझें और उससे नबटें। महिलाओं को भी आगे बढ़कर बैंकिंग, इनवैसटमैंट जैसे विषयों में रुचि लेनी चाहिए और समझना चाहिए। कुछ का मानना होता है कि ये सब बातें हमें समझ नहीं आती या हमें क्या करना है सीख कर, तो अगर आप भी ऐसी सोच रखती है तो उसे बजल दीजिए आज और इसी वक्त क्योंकि समय कब बदल जाए कोई नहीं बता सकता। फिलहाल तो घड़ी की सुइयाँ हमें बता रही हैं कि आज की मुलाकात बस इतनी।
श्रोताओं, आपको हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम का यह क्रम कैसा लगा। हम आशा करते हैं कि आपको पसंद आया होगा। आप अपनी राय व सुझाव हमें ज़रूर लिख कर भेजें, ताकि हमें इस कार्यक्रम को और भी बेहतर बनाने में मदद मिल सकें। क्योंकि हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम आप से है, आप के लिए है, आप पर है। इसी के साथ हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है। आप नोट करें हमारा ई-मेल पताः hindi@cri.com.cn । आप हमें इस पते पर पत्र भी लिख कर भेज सकते हैं। हमारा पता हैः हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पी .ओ. बॉक्स 4216, सी .आर .आई.—7, पेइचिंग, चीन , पिन कोड 100040 । हमारा नई दिल्ली का पता हैः सी .आर .आई ब्यूरो, फस्ट फ्लॉर, A—6/4 वसंत विहार, नई दिल्ली, 110057 । श्रोताओ, हमें ज़रूर लिखयेगा। अच्छा, इसी के साथ मैं हेमा कृपलानी आप से विदा लेती हूँ इस वादे के साथ कि अगले हफ्ते फिर मिलेंगे।
तब तक प्रसन्न रहें, स्वस्थ रहें। नमस्कार