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13-04-16
2013-04-29 18:35:43

हेमा कृपलानी करती है एक बार फिर से आपका हार्दिक स्वागत न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम में। न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम में हमारी कोशिश रहती है चीन, भारत के घर-परिवार और हर सदस्य से जुड़े हर पहलू पर बात करें और बदलते ट्रैंडस, रीति-रिवाज़ों से लेकर फैशन, स्वास्थ्य-सुंदरता, सेहत, इमोशन, पैशन सबके के बारे में देते रहे अपडेट्स और आप रहें अप-टू-डेट।

महिलाओं के कंधों पर है आज सारा बोझ कहने को उठाती आधे आकाश का बोझ लेकिन जब आती बात घर-बाहर की जिम्मेदारी की तो झुक जाती है कमर बेचारी। टैंशन, स्ट्रेस, तनाव जैसे शब्द तो अब जुड़ गए हैं हर एक के जीवन के साथ। वैसे अभी तक ज्यादातर वर्किंग वुमन ही डिप्रेशन की शिकार होती थीं, और इसका कारण घर-दफ्तर का तनाव होता था। मगर अब गृहिणियां भी इसकी जद में आ रही हैं।

मैं एक काम करने वाली एक ऐसी महिला को जानती थी, जिसे मैंने अक्सर अवसाद से घिरा पाया। कार्यालय में उसका मन कम ही लगता था। घर की, बच्चों की, चिंता में वह ज्यादा रहा करती थी। मेरे यह कहने पर कि वह नौकरी करती ही क्यूं है, तो उसका कहना था घर कैसे चलेगा? पति के बारे में पूछने पर अक्सर वह टालमटोल कर जाती। कुछ दिनों बाद मुझे मिली जानकारी के अनुसार घर की स्थिति पहले से बहुत बेहतर थी। उसने नौकरी छोड़ दी थी और घर-संसार की देखभाल कर रही थी। लेकिन अवसाद से बाहर नहीं आ सकी। यह सचमुच काफी तकलीफदेह बात है कि हाउसवाइव्स में डिप्रेशन के मामले बढ़ रहे हैं। उपेक्षा, प्रताड़ना, अर्न्तद्वंद, पारिवारिक कलह या फिर अवसाद से घिरी स्त्री, मुक्ति का उपाय खोजते-खोजते कभी–कभी तो मृत्यु को अधिक आत्मीय समझने की भूल कर रही है। पहले घर और फिर सामाजिक तौर पर एक अहम भूमिका निभाने वाली महिला का इस तरह तकलीफ सहना दुखद बात लगती है। नेशनल क्राइम ब्यूरो ने रिपोर्ट में बताया है कि हर दिन 123 महिलाएं आत्महत्या कर रही हैं, जिनमें 69 गृहणियां हैं। मनोविज्ञानी बताते हैं कि गृहस्थी का बोझ उठाने वाली महिलाओं को अक्सर कलह से भी गुजरना पड़ता है। कभी आर्थिक तंगी कलह का विषय होती है, तो कभी बच्चों की परवरिश और कभी पत्नी का सोशल न हो पाना भी कलह का एक अहम कारण बन जाता है।

कलह से कुढ़न और कुढ़न से अवसाद हावी होने लगता है और अवसाद से निकलने में अगर मदद न की जा सकी तो वह आत्महत्या का कारण बन जाती है। इसमें वे महिलाएं और भी घातक स्थिति में मिलती है जो विवाह उपरान्त घर-परिवार की ख्वाहिश लेकर आती हैं और पति की लापरवाही या आर्थिक परेशानी की वजह से नौकरी करने को मजबूर हो जाती हैं। उनकी काबिलियत जहां घर के दायरे तक की ही थी, उसके लिए उसे घर के बाहर जूझना पड़ता है। यहीं से उसके मन के भीतरी हिस्सों पर कुठाराघात शुरू हो जाता है। डिप्रेशन की कई वजह हो सकती है लेकिन किसी भी वजह को अपने आप पर हावी न होने दें। आजकल हर कोई किसी न परेशानी या समस्या का सामना कर रहा है। लेकिन ईश्वर ने हम सब को इन सबसे उबरने की अद्भुत शक्ति भी दी है। वो शक्ति, वह पॉवर हमारे अंदर ही है। उसे हमें ही खोजकर बाहर निकालना है। क्योंकि इस दुनिया में कुछ भी नामुमकिन नहीं, कुछ भी इमपॉसीबल नहीं, तभी तो अंग्रेजी भाषा के इस इमपॉसीबल शब्द की स्पैलिंग भी यही कहती है, आए एम पॉसीबल। सब कुछ हो सकता है। तो बस फिक्र को मारो गोली और कहो चल हट। तू मुझे नहीं जानती कि मैं क्या हूँ और कौन हूँ। मैं और मेरे अंदर छुपी ताकत पर्वतों को हिलाने की क्षमता रखती हैं। और फिर देखिए, कैसे आप खुद को महसूस करेंगे हल्का और लाइट। ट्राई तो कीजिए।

चलिए, बढ़ते है कार्यक्रम में आगे और बात करते हैं। खुद को रीचार्ज करने की।

हर किसी के जीवन में ऐसा पल जरूर आता है, जब उसे अपने काम और अपनी दिनचर्या से ऊब या बोरियत होने लगती है। दरअसल जब समय प्रबंधन की कमी और आसपास का माहौल अनुकूल नहीं होता तो मन पलायन करने लगता है। प्रोफेशनल व निजी जीवन में आप हमेशा दूसरों को खुश करना चाहती हैं। लेकिन हर किसी को खुश रख पाना मुमकिन नहीं है। इस तरह आप खुद को नजरअंदाज करती हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, आज आप खुद ही अपनी चुनौती हैं। दरअसल, खुद को बेहतर साबित करने और दूसरों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए आप पहले ही इतनी मेहनत कर चुकी होती हैं कि दोबारा खुद को बेहतर साबित करने के लिए आपकी लडाई खुद से ही होती है। जब आप अपने पैरामीटर तक नहीं पहुंच पातीं तब खुद में गलती,खुद को कम महसूस करने लगती हैं। यह भावना आपमें इतना घर कर जाती है कि आपका मन काम से दूर भागने लगता है। काम से बोरियत होने लगती है और यह बोरियत थकान पैदा करती है। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो नई ऊर्जा के साथ आगे बढने के लिए यहां दिए गए कुछ उपाय अपनाएं।

अपने पसंदीदा कार्य को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। अगर नेटसर्फिग या चैटिंग से आपका मूड अच्छा होता है तो दिन की शुरुआत दूर बैठे अपने पसंदीदा मित्र से फोन या चैट पर बात करके करें।

सुबह जल्दी उठकर नजदीक किसी पार्क में जाएं। पेंटिंग का शौक है तो पेपर और कलर साथ ले जाएं। अपनी कल्पना को कागज पर उकेरें। अच्छी किताबें पढें, जो आपकी नकारात्मक ऊर्जा को बाहर कर, सकारात्मक सोच पैदा करें। छुट्टी के दिन ब्यूटी सलॉन जाकर स्पा, बॉडी मसाज या मेनिक्योर करवाएं। खुद को प्राथमिकता देना अपनी आदत बनाएं। जो करें अपनी खुशी के लिए करें।

अपने माता-पिता और रिश्तेदारों से बात करें। बच्चों को घूमने के लिए रिश्तेदारों के पास भेज दें। आप अपने पति के साथ कुछ वक्त गुजारें। इस तरह बच्चों को भी उनका स्पेस मिल जाएगा और आपको भी।

अगर आप काम करती हैं तो ऑफिस से लौटकर अपना सेलफोन बंद कर दें। पसंदीदा म्यूजिक लगाकर हलकी रोशनी में चाय का आनंद लें। आपकी थकान मिनटों में छूमंतर हो जाएगी।

आमतौर पर हम सभी काम के दौरान गहरी सांस नहीं लेते। इस तरह फेफडे खुल नहीं पाते और हमारे शरीर में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती। इस कारण थकान महसूस होने लगती है। जब थकान महसूस हो तो 10 बार गहरी सांस लें, ताकि आपके शरीर में पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंच सके।

योग करें। योग रीचार्ज करने की बहुत उपयोगी विधि है। आपकी थकान धीरे-धीरे कम हो जाएगी। एक पुराना रफ कागज लें और आपका जो मन करे उस पर लिखकर फाड दें। कुछ देर ऐसा करने से भी तनाव कम होगा।

शरीर में पानी की कमी से थकान महसूस होती है। इसलिए एक ग्लास बर्फ के पानी में नींबू का रस निचोडकर स्वादानुसार नमक व चीनी मिलाकर पिएं। इससे तत्काल एनर्जी मिलेगी।

कॉफी या चाय पीने से अच्छा है कि आप जिम चली जाएं, पार्क में जाए या एक अच्छी नींद ले लें। जिस वक्त आपको थकान या बोरियत हो, कुछ समय के लिए वह काम बंद कर दें। बाहर निकल कर कुछ देर टहलें। गूगल में प्रकृति की तस्वीरें सर्च करें। कुछ अच्छा सोचें और नहीं तो अपने जीवन के सुनहरे पलों को दुबारा याद करें। फोटो एलबम में लगे अपने फोटो देखें। करके देखिए और फिर हमें बताना मत भूलिएगा कि कैसा लगा आपको खुद को रीचार्ज करके।

चलिए, बढ़ते हैं आगे। आज हमने दिल के तारों को छेड़ने की कोशिश की, मन के उलझे तारों को सुलझाने की कोशिश की बट डॉट वरी। आखिरकार हैं तो वुमनिया, स्ट्रांग, उर्जावान और जहाँ तक रही बात भारतीय महिलाओं की तो भई उनका लोहा तो अब सारी दुनिया मानती हैं।

श्रोताओं, आपको हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम का यह क्रम कैसा लगा। हम आशा करते हैं कि आपको पसंद आया होगा। आप अपनी राय व सुझाव हमें ज़रूर लिख कर भेजें, ताकि हमें इस कार्यक्रम को और भी बेहतर बनाने में मदद मिल सकें। क्योंकि हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम आप से है, आप के लिए है, आप पर है। इसी के साथ हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है। आप नोट करें हमारा ई-मेल पताः hindi@cri.com.cn । आप हमें इस पते पर पत्र भी लिख कर भेज सकते हैं। हमारा पता हैः हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पी .ओ. बॉक्स 4216, सी .आर .आई.—7, पेइचिंग, चीन , पिन कोड 100040 । हमारा नई दिल्ली का पता हैः सी .आर .आई ब्यूरो, फस्ट फ्लॉर, A—6/4 वसंत विहार, नई दिल्ली, 110057 । श्रोताओ, हमें ज़रूर लिखयेगा। अच्छा, इसी के साथ मैं हेमा कृपलानी आप से विदा लेती हूँ इस वादे के साथ कि अगले हफ्ते फिर मिलेंगे।

तब तक प्रसन्न रहें, स्वस्थ रहें। नमस्कार

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