हेमा कृपलानी लेकर हाजिर है आपका अपना कार्यक्रम न्यूशिंग स्पेशल। चलिए करते हैं, शुरुआत आज के कार्यक्रम की।
दोस्तों, महिला सश्क्तिकरण पर आजकल बहुत ज़ोर दिया जा रहा है। आजकल हर जगह लैंगिग समानताओं की बात की जा रही हैं। महिलाओं को भी उनका हक मिलना चाहिए। महिलाएँ भी पुरुषों की भांति हर काम करने में सक्षम हैं। वे किसी से कम नहीं। और सच में कम नहीं आजकल ऐसे कौन-से काम या व्यवसाय हैं जहाँ महिलाएँ नहीं हैं या वे वो काम नहीं कर सकती हैं। आजकल तो अधिकतर पुरुष भी यही चाहते हैं कि उनकी पत्नी ज्यादा-से-ज्यादा कमाएँ लेकिन-लेकिन अपने पति से कम। चीन में हुए एक सर्वे में यह बात सामने आई है। विश्लेषकों के अनुसार इसका कारण चीन में बढ़ते जीवनशैली पर खर्च और साथ-साथ महिलाओं पर बढ़ती जिम्मेदारी कि वे अपने परिवार में कमाने का मुख्य जरिया, एकल ब्रेडवीनर हैं। चीन में सामाजिक विज्ञान अकादमिक प्रेस द्वारा सामाजिक मानसिकता पर वार्षिक रिपोर्ट 2012-2013 पर शोध रिपोर्ट प्रकाशित की गई जिसमें इस विषय पर ध्यान दिया गया कि लोग अपने जीवनसाथी का चयन करने से पहले किन मापदंडों को तय करते हैं। 1 प्रतिशत से भी कम पुरुष प्रतिभागियों का कहना है कि उन्हें उम्मीद हैं कि उनकी भविष्य में बनने वाली जीवनसाथी उनसे ज्यादा कमाएगी वहीं उन पुरुषों का अनुपात बहुत ज्यादा हैं जो चाहते हैं कि उनकी पत्नी उनके जितना कमाए। 2005 के 18.3 प्रतिशत से 2010 में 25.7 प्रतिशत तक इस उम्मीद में बढ़ावा देखा गया है। इस बीच, महिलाओं को अपने जीवन साथी की आय से उम्मीदों को लेकर किसी भी उल्लेखनीय रुझान को नहीं देखा गया। 44 प्रतिशत महिला उत्तरदाताओं का मानना है कि वे चाहती हैं कि उनके पति उनसे ज्यादा पैसे कमाएँ। आमतौर पर महिलाएँ पुरुषों की आय को लेकर ज्यादा ऊँची उम्मीदें बाँधती हैं। चीनी विज्ञान अकादमी के मनोविज्ञान संस्थान में एक शोधकर्ता की रिपोर्ट के लेखकों में से एक झांग झन का मानना है कि तेजी से सामाजिक विकास के साथ परिवार बनाना और उसकी देखभाल करने की लागत बढ़ रही है। तो नए ट्रैंड के अनुसार अब केवल पुरुष ही परिवारों में एकल ब्रेडवीनर नहीं रह गए हैं महिलाएँ भी घर से बाहर निकल काम करने लगी हैं,पैसे कमाने लगी हैं। पतियों और पत्नियों की बदलती भूमिका के साथ दोनों के बीच उम्र के अंतराल को भी स्वीकारा जाने लगा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाएँ अब अपने से अधिक उम्र के पुरुषों के साथ शादी करना चाहती हैं। लेकिन हाल के वर्षों में प्रत्याशित पुरुषों और महिलाओं के बीच उम्र के अंतर को कम होते देखा गया है। 2005 में महिलाओं द्वारा औसत उम्र में अंतर 4.14-12.58 साल तक स्वीकार किया जाता था जबकि 2010 में यह 1.1-8.47 साल था। 2010 में पुरुष अपने से 5.24 साल छोटी और 0.99 साल तक बड़ी आयु की महिलाओं को स्वीकार करते थे।
रिपोर्ट संस्थान और ऑनलाइन डेटिंग वेबसाइट Baihe.com द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की गई। 35,000 से अधिक उपयोगकर्ताओं को रैंडमली चुना गया जिन्होंने सर्वेक्षण में भाग लिया। विश्लेषण 18 से 40 की उम्र के बीच 31,435 उत्तरदाताओं के आधार पर किया गया था।
झांग ने कहा, लोगों का मानदंड संबंधित हैं कि वे जिस तरह से शादी-शुदा जीवन में व्यवहार करने के लिए एक साथी चुनते हैं और सामाजिक मुद्दों जैसे तलाक की दर पर इनका प्रभाव पड़ता है। ऑनलाइन डेटिंग युवा पीढ़ी के बीच बहुत लोकप्रिय है, हम ऑनलाइन डेटिंग वेबसाइट के उपयोगकर्ताओं के मनोविज्ञान का अध्ययन करते हैं जिससे हमें प्यार और शादी में प्रवृत्तियों के बारे में और साथ-साथ वे क्या सोच रखते हैं के बारे में पता चलता है।
30 वर्षीय हान शुआंग,जिनकी ऑनलाइन डेटिंग वेबसाइट Jiayuan.com के माध्यम से अपने पति से मुलाकात हुई थी ने कहा कि वे अपने पति की आय के बारे में ज्यादा परवाह नहीं करती हैं।
हान ने कहा, मैं काम करती हूँ और मुझे अच्छे पैसे मिलते हैं, तो जब मैंने अपने लिए पति को चुना तो मैंने इस बात की परवाह नहीं है कि वे कितना कमाते हैं। मेरी एक ही आवश्यकता थी कि उनकी नौकरी स्थिर नौकरी है, ताकि परिवार की आय सुरक्षित रहे।
मैं जानती हूँ कि कुछ महिलाएँ उन पुरुषों के साथ शादी करना चाहती हैं जो ज्यादा पैसा कमाते हों लेकिन मुझे लगता है कि इन महिलाओं की खुद की कम आय है, तो वे शादी के माध्यम से समाधान खोजने की उम्मीद करती हैं। हमारी शादी में हम दोनों वित्तिय समानता का मिलकर आनंद लेते हैं।
Jiayuan.com द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार एक शोध के अनुसार, महिलाएँ अधिक आर्थिक रूप से स्वतंत्र होती जा रही हैं। उनतालीस प्रतिशत महिलाओं ने शादी के बाद गृहिणी बनने से इंकार कर दिया है और 98 प्रतिशत ने कहा कि वे अपने पति से उनकी आय के बारे में नहीं पूछेंगी।
वांग सिरान, Jiayuan.com की एक सलाहकार ने कहा कि शादी की ओर बदलता रवैया समाज में एक बड़े परिवर्तन का हिस्सा है।
1970 के दशक में, बुद्धिजीवियों की उच्च सामाजिक स्थिति होती थी, तो पति या पत्नी के चयन में शैक्षिक पृष्ठभूमि को अधिक महत्व दिया जाता था। 1980 के दशक से 1990 के दशक के बीच तेजी से होते आर्थिक विकास के कारण आय को प्राथमिकता दी जाती थी।
नई प्रवृत्ति से पता चलता है कि महिलाएं पहले की तुलना में जागृत हो गईं हैं। अब अधिकतर पुरुषों और महिलाओं का मानना है कि महिलाएं परिवार के अर्थशास्त्र में एक बड़ी भूमिका निभा सकती हैं।
चलिए, ये सिक्के का एक पहलू था अब ज़रा दूसरी तरफ भी देखें।
चीन की प्रसिद्ध फिल्म स्टार झांग झीई और प्रसिद्ध टी.वी एंकर सा बेइनिंग आजकल नेटीजनों के बीच हॉट टॉपिक बने हुए हैं। कई नेटीजनों का मानना हैं कि झांग झीई की सालाना कमाई करीब 790 मीलियन युआन है सा से 77 प्रतिशत ज्यादा। हालांकि, ये दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं लेकिन चीनी नेटीजनों का ध्यान इनकी तरफ इसलिए आकर्षित हुआ है क्योंकि पारंपरिक चीनी सोच के अनुसार एक पुरुष को अपनी पत्नी से ज्यादा कमाना चाहिए। लेकिन विकसित देशों में परिवार की आय में महिलाओं का योगदान पुरुषों की तुलना ज्यादा है। इस बदलते ट्रैंड ने महिलाओं की पारंपरिक भूमिका जहाँ वह केवल एक बेचारी हॉउसवाइफ होती थी वहीं उसने पुरुषों को चुनौती दी हैं जहाँ उनकी छवि केवल एक ब्रैडवीनर के रुप में होती थी। रिचर सैक्स की लेखिका लीज़ा मुंडे ने 2012 मार्च में टाइम्स पत्रिका में लिखा था कि अमरीका में 2009 में 10 में से 4 महिलाएँ अपने पतियों से ज्यादा कमाती थी। जिसमें की पिछले 20 सालों में 50 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी देखी गई हैं। हालांकि, इस बात का फिलहाल अनुमान लगाना कठिन है कि कितनी चीनी महिलाएँ अपने पतियों से ज्यादा कमाती हैं लेकिन बेशक उनका आर्थिक योदगान परिवार में सालों-साल बढ़ता जा रहा है। बी.बी.सी के अनुसार 1950 के दशक में चीनी महिलाओं का योगदान 20 प्रतिशत था जो कि 1990 तक 40 प्रतिशत हुआ और 2009 तक 50 प्रतिशत। आमतौर पर अब भी चीन में महिलाओं के पास कम अवसर हैं नौकरियो में, प्रमोशन में और उन्हें पुरुषों की तुलना में कम वेतन भी मिलता है पर इसका यह मतलब तो हरगिज़ नहीं होता कि पुरुष महिलाओं से ज्यादा कमाएं। 2010 में महिला संघ और राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (women's federation and the National Bureau of Statistics) द्वारा किए गए एक सर्वे में पता चला है कि उच्च शिक्षा के आकड़े अगर देखे जाएँ तो महिलाएँ पुरुषों की तुलना में उनसे 7.1 प्रतिशत आगे हैं। अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार विजेता गैरी एस बैकर का कहना है कि जिस तरह से महिलाएँ उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं और अगर यूँही चलता रहा तो बहुत जल्द महिलाओं की आय पुरुषों से ज्यादा होगी। चीन में हालांकि अब भी शादी को लेकर पारंपरिक पैटर्न ही चल रहा है। लोग अब भी आशा करते हैं कि महिलाएँ अपने से बड़े, लम्बे और अमीर आदमी से शादी करेंगी। लेकिन अगर कोई महिला अपने पति से ज्यादा पैसे कमाने लगे तो लोगों को पारंपरिक रीति-रिवाज के अनुसार उनके रिश्तों को नहीं आंकना चाहिए। इन्हीं परंपराओं के कारण कि आदमी केवल ये कर सकते हैं और महिलाएं केवल ये कर सकती हैं के कारण कई महिलाएँ अपनी पूरी क्षमता और प्रतिभा को दुनिया के सामने लाने में असमर्थ हैं। वे असमंजस की स्थिति में हैं कि आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो या अपने पारंपरिक रोल को निभाएँ और पुरुषों से हमेशा पीछे रहें। इसी असमंजस के कारण एक तरफ तो वे ज्यादा आय चाहती हैं और दूसरी तरफ यह बात उन्हें खटकती रहती है कि वे अपने साथी से ज्यादा कमाती हैं।
2012-2013 चीन में सामाजिक मानसिकता की एक रिपोर्ट छापी गई जिसमें कहा गया कि 1 प्रतिशत से भी कम पुरुषों ने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि उनकी भविष्य में होने वाली जीवन-साथी उनसे ज्यादा कमाएगी। और 25.7 प्रतिशत ने कहा कि वे चाहते हैं कि उनकी पत्नी उनके जितना कमाए। ऐसा लगता है मानो कमाऊँ बीवी अपने साथ पैसे के साथ टेंशन भी लाती है। जय टैकमैन द्वारा की गई 25 सालों की स्टडी यह बताती है कि 40 प्रतिशत महिलाएँ जो अपने परिवार में एकल कमाने वाली सदस्य हैं का तलाक होता है। कुछ चीनी बुद्धिजीवियों का मानना है कि 2:1 या 5:1 के अनुपात में दोनों महिला और पुरुष के बीच आय में अंतर होना चाहिए ताकि उनकी शादी-शुदा जिंदगी सुख से कट सके। पर क्या ऐसा नहीं हो सकता कि अगर महिला अपने जीवन में ज्यादा नाम,पैसा और शोहरत कमाएँ। अपने करियर को आसमां की ऊँचाईयों तक लेकर जाए और उसका पति घर-गृहस्थी संभाले। घर की, बच्चों की पूरी-पूरी जिम्मेदारी उस पर हो। अहम और गुरुर आदमियों को शायद ऐसा करने से रोकता है घरेलू कामकाज, चूल्हे-चौके की जिम्मेदारी महिलाएँ बखूबी निभाती आई हैं और निभाती रहेंगी। आदमियों की पहचान करियर,पैसा और अधिकार से होती है और परिवार के लिए वह ही पैसे कमाएगा। यह भी उनकी जिम्मेदारी होती है। परिणामस्वरुप, दोनों के बीच मतभेद होने शुरु हो जाते है जब महिला अपने पति से ज्यादा कमाना शुरु कर देती है। ज़रुरत है अपनी सोच को बदलने की परिवार में लिंग को लेकर काम में बंटवारे की। उदाहरण के तौर पर एक पुरुष का पौरुष केवल उसके अधिकार, अहम और गुरुर या हीरोइक एक्शन न रहकर बल्कि एक अच्छा कुक, प्यार करने वाला पति और एक कैरिंग पिताजी भी हो तो। हालांकि, चीन के बड़े शहरों में हाउस हस्बैंडस कोई नई चीज़ नहीं। युवा और किशोर अध्ययन संस्थान, शंघाई सामाजिक विज्ञान अकादमी
(The Institute of Youth and Juvenile Studies, Shanghai Academy of Social Sciences) ने 724 घरों से सर्वे किया जिनमें 18 साल की आयु से कम के बच्चे थे। 16 प्रतिशत घरों में दोनों माता-पिता में से एक पूरा समय घर पर रहते हैं जिनमें 40 प्रतिशत घरों में फूल-टाइम पिताजी थे। उन्हें हीन भावना से देखने की बजाए हमें उनकी तारीफ करनी चाहिए जो काम वो कर रहे हैं जिससे उनके इस सुंदर और अनूठे रुप को सब देख पा रहे हैं।
मोटे तौर पर देखें तो एक खुशहाल शादी-शुदा जीवन या रिश्ते को मापने के लिए उनके बीच संतुलन और सामंजस्य को आंका जाता है साथ-साथ हर इंसान की जरूरत और उसका करिसमा। और हाँ, समाज में दोनों के बदलते रोल को स्वीकारना ज़रा मुश्किल है और इसमें शायद समय लगेगा, पारंपरिक पति-पत्नी के रिश्तों में अब बदलाव आने लगे हैं।
श्रोताओं, आपको हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम का यह क्रम कैसा लगा। हम आशा करते हैं कि आपको पसंद आया होगा। आप अपनी राय व सुझाव हमें ज़रूर लिख कर भेजें, ताकि हमें इस कार्यक्रम को और भी बेहतर बनाने में मदद मिल सकें। क्योंकि हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम आप से है, आप के लिए है, आप पर है। इसी के साथ हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है। आप नोट करें हमारा ई-मेल पताः hindi@cri.com.cn । आप हमें इस पते पर पत्र भी लिख कर भेज सकते हैं। हमारा पता हैः हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पी .ओ. बॉक्स 4216, सी .आर .आई.—7, पेइचिंग, चीन , पिन कोड 100040 । हमारा नई दिल्ली का पता हैः सी .आर .आई ब्यूरो, फस्ट फ्लॉर, A—6/4 वसंत विहार, नई दिल्ली, 110057 । श्रोताओ, हमें ज़रूर लिखयेगा। अच्छा, इसी के साथ मैं हेमा कृपलानी आप से विदा लेती हूँ इस वादे के साथ कि अगले हफ्ते फिर मिलेंगे।
तब तक प्रसन्न रहें, स्वस्थ रहें। नमस्कार