भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के महासचिव दिदर सिंह के मुताबिक सब नवोदित आर्थिक समुदायों की वृद्धि धीमी रहती हुई दिखाई पड़ रही है। पिछले साल में भारत की जी.डी.पी. की वृद्धि दर 5 प्रतिशत रही, जोकि गति में कमी आयी। लेकिन उनका मानना है कि वृद्धि की गति से समस्या को कोई लेना-देना नहीं है। भारत के लिये स्थिर वृद्धि अधिक महत्वपूर्ण है। इसके अलावा गत 20 सालों में निजी भारतीय उद्यमों के समक्ष भरपूर मौके मिले है। अब पूरे विश्व में भारतीय कंपनियां देखने को मिलती है।