एनपीसी और सीपीपीसीसी का वार्षिक सम्मेलन आज सम्पन्न हो गया। इसके साथ ही मेरी रिपोर्टिंग का काम भी समाप्त हुआ। पिछले दो हफ्तों का अनुभव मेरे लिए अविस्मरणीय है। मुझे लगता है कि एनपीसी और सीपीपीसीसी के वार्षिक सम्मेलन न सिर्फ जनता द्वारा अपना अधिकार चलाने का मंच है, प्रतिनिधियों द्वारा राष्ट्रीय मामलों पर विचार-विमर्श करने का अवसर है, बल्कि आवाजाही करने और सूचना सार्वजनिक करने का सम्मेलन भी है। एनपीसी और सीपीपीसीसी के प्रतिनिधि आम नागरिक हैं। सम्मेलनों में जो उन्होंने कहा, वह आम लोगों के दिल की आवाज भी है। मेरे साथ सभी संवाददाताओं का ये उत्तरदायित्व है कि लोगों की आवाज का और व्यापक रूप से प्रचार किया जाए। आशा है कि अगली बार भी मुझे एनपीसी और सीपीपीसीसी की रिपोर्टिंग करने का अवसर मिलेगा।