दो सभा के साक्षात्कार में शामिल होने से पहले ही मेरे पूर्ववर्तियों ने मुझे अपने अनुभव बताते हुए कहा था कि अगर तुम अच्छी रिपोर्ट लिखना चाहती हो, तो धैर्य के साथ बैठकर सभी सरकारी रिपोर्ट पर ध्यान देना। लेकिन यहां आकर मुझे आभास हुआ कि यहां बैठना भी इतना आसान नहीं है। क्योंकि हर संवाददाता सम्मेलन में देश विदेश से आनेवाले बहुत सारे संवाददाता भाग लेते हैं, जबकि यहां पर कुर्सियां कम हैं। कभी कभी हम एक, दो घंटों के लिये खड़े रहते हुए भी रिपोर्ट सुनते हैं।
समाचार पत्र के एक संवाददाता ने दो घंटों की रिपोर्ट सुनकर मज़ाक करते हुए कहा कि लंबे समय तक खड़े रहते हुए मेरी टांगें भी पतली हो गयी हैं। लेकिन मुझे बहुत खुशी भी है, क्योंकि मैं अपनी कलम से बहुत अधिक पाठकों को सरकार के भाषण और अपने अनुभव का साझा करूंगा।