इधर के दो दिनों में एनपीसी व सीपीपीसीसी का रिपोर्टाज करने से मुझे महसूस हुआ कि दो सम्मेलनों में भाग लेने वाले चाहे प्रतिनिधि हो या सदस्य हो, वे जनता के बीच जाकर सर्वेक्षण करते हैं और जनता के लिए बातें करते हैं। उन्होंने जनता की रायों को प्रतिबिंबित करने की कोशिश की और अच्छे सुझाव भी पेश किए हैं। समस्या प्रस्तुत करना आसान है लेकिन ठोस कदम उठाना चुनौती है। मुझे आशा है कि चीन सरकार उन की बातें सुनकर कारगर रूप से समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करेगी। विश्वास है कि चीन का भविषय और उज्जवल होगा।
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