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13-02-05
2013-02-26 16:35:43

 

दोस्तों, न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम लेकर मैं हेमा कृपलानी एक बार फिर हाजिर हूँ। आज के कार्यक्रम में हम बात करेंगे महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े पाँच चौंकाने वाले तथ्य। जिनके बारे में आप कभी सोच भी नहीं सकते होंगे कि रोज़मर्रा के जीवन में इस्तेमाल होने वाली चीज़ें आपकी जान तक ले सकती हैं। लिपस्टिक से लेकर ग्रीन टी तक हर महिला को इन स्वास्थ्य से जुड़े तथ्य मालूम होने चाहिए क्योंकि हम रोज़ न जाने कितने प्रोडक्टस, उत्पादों का उपभोग करते हैं। जो हमारी आदत में कब शामिल हो गए हमें पता ही नहीं चला। जहाँ कुछ स्वास्थ्य के लिए अच्छा है तो कहीं कुछ ऐसा जो घातक साबित हो सकता है। तो चलिए, आज आपको बताते हैं इन पाँच शॉकिंग हैल्थ फैक्टस के बारे में। क्या आप जानती हैं कि लिपस्टिक दिल के दौरे का कारण बन सकती है। कई बड़े-बड़े ब्रैंडस की लिपस्टिक में हानिकारक कैमीकल्स होते हैं जैसे parabens, methacrylate, lead, calcium and triclosan। इस तरह के हानिकारक पदार्थ आपके खून में जल्द घुल जाते हैं क्योंकि आप इन्हें सीधे अपने होंठों पर लगाती हैं जिससे ये और भी ज्यादा खतरनाक साबित होते हैं। ये और भी ज्यादा घातक हो जाता है जब कुछ महिलाएँ दिन में कई बार अपने होंठों पर बार-बार ठीक करने के लिहाज से लिपस्टिक लगाती हैं। और अगर आप अपनी छवि को लेकर बहुत सचेत रहती है तो अनजाने में आप इन खतरनाक कैमीकलस को अपने शरीर में पहुँचा रही हैं। अब बताते हैं आपको इनसे होने वाले नुकसान के बारे में। हालांकि, अभी जो हमने आपको जिन खतरनाक कैमीकलस के बारे में बताया उनमें से कोई भी हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं ,लेकिन ट्राक्लोसन तो सबसे ज्यादा खतरनाक है हमारे लिए। शोधकर्ताओं के अनुसार चूहों को जब ट्राक्लोसन के संपर्क में लाया गया तब उनके दिमागी प्रक्रियाओं पर असर पड़ने लगा और इससे दिल का दौरा पड़ सकता है और मांस-पेशी संबंधित समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं। हालांकि, मनुष्यों पर इसका प्रयोग नहीं किया गया है लेकिन इस बात की पुष्टि हो गई है कि ट्राक्लोसन का हमारी सेहत पर बुरा असर पड़ता है और स्किनकेयर उत्पाद बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी जॉन्सन एंड जॉन्सन ने अपने उत्पादों से इन रसायनिकों को हटाने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने घोषणा की है कि वे अब परॉबन्स का प्रयोग नहीं करेंगे।

अब बात करते हैं ऑस्टयोपोरोसिस की, यह हड्डियों की सबसे आम बीमारी है और दर्दनाक भी। हड्डियाँ कमज़ोर हो जाती हैं और जिनमें फ्रेक्चर या टूटने का खतरा बना रहता है। महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा इस बीमारी के होने का खतरा ज्यादा बना रहता है क्योंकि महिलाओं की हड्डियाँ ज्यादा नाजुक और हल्की होती है। और पुरुषों की तुलना वे लम्बा समय जीती हैं। शोध के अनुसार ग्रीन टी में कुछ ऐसे कैमीकल्स हैं जो हड्डियों के विकास में सहायक होती हैं। हैरानी की बात यह है कि ग्रीन टी में ऐसे कंपाउंड पाए जाते हैं जो हडिड्यों को कमज़ोर कर देते हैं। अगर आपको ग्रीन टी पीना पसंद नहीं तो आप किसी भी हर्बल ड्रींक में शहद मिलाकर पी सकते हैं या अलसी के बीज के तेल का प्रयोग कर सकते हैं। अलसी के बीज के तेल का प्रयोग खास कर उन लोगों के लिए कारगर साबित होता है जिनमें ऑस्टयोपोरोसिस की समस्या शुरु हो रही है क्योंकि इसमें पाए जाने वाला वसा का हड्डियों के घनत्व पर सकारात्मक असर डालता है।

मैकअप से बढ़ता है मोटापा

बाज़ार में मिलने वाले अधिकतर मैकअप यानी सौंदर्य प्रसाधनों में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो सेहत के लिए अच्छे नहीं। हाल के वर्षों में जिस रसायन ने सबकी नींद हराम कर रखी है वह है phthalates जो 70प्रतिश्त सौंदर्य प्रसाधनों में पाया जाता है जिनमें मैक अप, त्वचा को साफ करने वाले लोशन और बॉडी लोशन हैं। न्यू यार्क के मॉउंट सिनाई मेडिकल सेंटर के द्वारा किए एक शोध के अनुसार बच्चों के मूत्र में phthalates की अधिक मात्रा में पाए जाना और मोटापे के बीच गहरा संबंध है। हालांकि, शोध के उपरान्त इस बात को स्पष्ट रुप से नहीं कहा गया कि इस रसायन का मोटापे से संबंध है।

वजन कम करने से स्तन कैंसर के खतरे को टाला जा सकता है।

महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे आम बीमारी है जिसका वे सामना कर रही हैं और महिलाओं में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण बन गया है- स्तन कैंसर। हैरतअंगेज खबर यह आ रही है कि हर आठ में से एक महिला अपने जीवनकाल में स्तन कैंसर से कभी-न-कभी ग्रसित ज़रुर होती हैं। हालांकि, स्तन कैंसर होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे ज्यादा वजन या वसा युक्त भोजन खाना उन में से कुछ हैं। ऐसा माना जाता है कि आपके बड़े वजन में से अगर आप इसका आधा कर लेती हैं तो स्तन कैंसर होने के भी चांस आपमें 50 प्रतिशत हो जाते हैं। और अगर आप अपने भोजन में से अतिरिक्त फैटस वाला खाना निकाल देती हैं, अनहैल्दी खाना निकाल देती हैं तो भी संभंव है कि आप इस बीमारी से बच सकें।

और अब बात करते हैं अधोवस्त्र यानी भीतर पहनने वाले कपड़े। अंडरवेएर। क्या आप जानती हैं कि अगर आप गलत ब्रा पहन रही हैं तो आप हो सकती है सिरदर्द का शिकार। ये सब जानती हैं कि गलत साइज का ब्रा पहनना खतरनाक साबित हो सकता है लेकिन फिर भी हर 5 में से 4 महिलाएँ गलत फिटिंग वाली ब्रा पहनती हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार गलत फिटिंग वाली ब्रा केवल हमारी छवि के लिए ही नहीं बल्कि हमारी सेहत के लिए भी हानिकारक है। स्तन पर पड़ने वाले अत्यधिक दबाव और स्ट्रैन से हमारे शरीर में कई प्रकार की परेशानियाँ उत्पन्न हो जाती हैं जैसे कमर दर्द, पीठ दर्द, सिरदर्द और गर्दन में बल। जाहिर तौर पर 10 में से 6 महिलाएँ गलत फिटिंग वाली ब्रा पहनने के कारण इनमें से किसी न किसी समस्या का सामना ज़रुर करती हैं। अधिकतर महिलाएँ सोचती हैं कि उनके स्तनों का आकार आजीवन एक रहता है इसलिए वे एक ही साइज का ब्रा पहनती हैं। पर यह सच नहीं और महिलाओं को नियमित रुप से साइज की जाँच करनी चाहिए।

श्रोताओं, आपको हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम का यह क्रम कैसा लगा। हम आशा करते हैं कि आपको पसंद आया होगा। आप अपनी राय व सुझाव हमें ज़रूर लिख कर भेजें, ताकि हमें इस कार्यक्रम को और भी बेहतर बनाने में मदद मिल सकें। क्योंकि हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम आप से है, आप के लिए है, आप पर है। इसी के साथ हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है। आप नोट करें हमारा ई-मेल पताः hindi@cri.com.cn । आप हमें इस पते पर पत्र भी लिख कर भेज सकते हैं। हमारा पता हैः हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पी .ओ. बॉक्स 4216, सी .आर .आई.—7, पेइचिंग, चीन , पिन कोड 100040 । हमारा नई दिल्ली का पता हैः सी .आर .आई ब्यूरो, फस्ट फ्लॉर, A—6/4 वसंत विहार, नई दिल्ली, 110057 । श्रोताओ, हमें ज़रूर लिखयेगा। अच्छा, इसी के साथ मैं हेमा कृपलानी आप से विदा लेती हूँ इस वादे के साथ कि अगले हफ्ते फिर मिलेंगे।

तब तक प्रसन्न रहें, स्वस्थ रहें। नमस्कार

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