स्वीकार कीजिए नमस्कार, हेमा कृपलानी का। दोस्तों, आपको याद होगा हम पिछले सप्ताह बात कर रहे थे उन चीनी महिलाओं के बारे में जिन्होंने साल 2012 में समाज में दिए अपने योगदान से एक बार फिर इस दुनिया को बतला दिया कि हम किसी से कम नहीं और आधे आकाश का बोझ हम अपने कंधों पर आसानी से उठाने में सक्षम हैं। इन चीनी महिलाओं ने जो कर दिखाया है उसके लिए इतिहास गवाह रहेगा। ये सभी ऐसी नायिकाएँ रहीं, जिन्होंने समाज के लिए कुछ किया, या समाज को कुछ दिया, या अत्यंत प्रतिकूल परिस्थितियों में कोई बड़ी सफलता अथवा उपलब्धि हासिल की। इस कार्यक्रम के जरिए हमारी हमेशा कोशिश रहती है कि आपको उन साधारण से लेकिन अपने इरादों से असाधारण,खास बने लोगों के बारे में आपको बताएँ। जिनसे हम सबको प्रेरणा लेनी चाहिए। पिछले सप्ताह न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम में हम ने आपको बताया हेलंनजिओंग प्रांत के एक मिडिल स्कूल में पढ़ाने वाली साधारण अध्यापिका झांग लीली के बारे में। मई 2012 को अपने स्कूल के गेट के बाहर दो विद्यार्थियों को सामने से आती बस से टकराने से बचाते हुए खुद बुरी तरह घायल हो गई। झांग को चीन की सबसे खूबसूरत स्कूल टीचर के नाम से जाना जाता है। 1980 में पैदा हुई शिओंग दून ने कैंसर से लड़ते हुए अपने बिगड़ते हालातों को कार्टूनों में कैदकर अपनी तकलीफ को हंसी में उड़ाते हुए सबको अपनी किताब भाड़ में जाओ मिं.कैंसर से सदा के लिए अपना बना लिया। हालांकि,वे अपनी इस कैंसर के साथ जंग में पिछले महीने हार गई लेकिन जाते-जाते यह सिखला गई कि गम में भी मुस्कुराना कोई उनसे सीखे। झझियांग टी.वी चैनल पर चीनी रियेलीटी शो वॉइस ऑफ चाइना ने बड़ी धूम मचा रखी है। उन्हीं में से वू मोचोअ अपनी अलग अंदाज और शैली की आवाज़ से सुर्खियों में बनी रहीं। और हमने बताया आपको फान बिंगबिंग के बारे में। ये चीन की सबसे मशहूर हीरोइन हैं जो विश्वभर में आयोजित फिल्म उत्सवों में चीनी पारंपरिक पोशाक पहनकर जाती हैं। और उसके साथ हमने आपको इस साल की महान चीनी महिलाओं की संघर्ष भरी कहानी भी बताईं। तो चलिए पिछले सप्ताह के भाग 1 के बाद आज के कार्यक्रम भाग 2 की शुरूआत करते हैं और आपको बताएँगे इन ग्रेट चीनी महिलाओं के बारे में।
जून 2012 शिंजियांग युगुर स्वायत प्रदेश से ऊरूमूची जाने वाले हनान एयरलाइन्स हवाईजहाज को उड़ान भरने के 10 मिनट में हाईजैक(अपहरण) करने का विफल प्रयास किया गया था। जहाँ गुओ जिया ने अपनी बहादुरी दिखाई। चीन की पहली महिला लियू यांग जिसने अंतरिक्ष में अपना कदम रखा। इस साल चीन ने शंनजोओ-9 नामक अतंरिक्ष यान का प्रक्षेपण किया जिसमें लियू यांग के साथ दो अन्य क्रू सदस्य शामिल थे जिन्होंने अंतरिक्ष में चलना तथा डॉकिंग टेस्ट किए। और हम बात करेंगे हुआवेई टेक्नोलोजी की सुन याफांग चीन की महिला अभियंता के बारे में।
छः लोगों ने 29 जून तिएनजिन एयरलाइंस जो हाइनान एयरलाइंस की एक डिवीजन है- जी एस 7554 हवाईजहाज़ को होतान हवाईअड्डे से उड़ान भरने के 10 मिनट के भीतर हाईजैक(अपहरण) करने का प्रयास किया। क्रू तथा यात्रियों ने मिलकर हाईजैक की कोशिशों को नाकाम किया जिसमें दो सुरक्षा कर्मी और दो हवाई परिचारिकाएँ घायल हो गईं। 1981 में पैदा हुई गुओ जिया उस दिन दक्षिण शिंजियांग युगुर स्वायत प्रदेश के होतान से ऊरूमूची जाने वाले हनान एयरलाइन्स के हवाईजहाज में 4 अन्य हवाई परिचारिकाओं में सबसे वरिष्ठ थीं। गुओ जिया पिछले सात वर्षों से यह काम कर रही हैं। जैसे ही उन्होंने देखा कि विमान में अप्रिय घटना घटने के आसार नज़र आ रहे हैं उन्होंने अलार्म बजा कर विमान-चालकों को आगाह कर दिया। जिससे कॉकपिट तो बंद हो गया और इसका पता चलते ही अपहरणकर्ताओं का ध्यान यात्रियों पर गया। गुओ जिया ने खाने की ट्राली को कॉकपिट के दरवाज़े के आगे रख दिया ताकि वहाँ तक वे ना पहुँचे और जब हाईजैकरस (अपहरणकर्ताओं) ने विस्फोटकों का सहारा लेना चाहा तब गुओ जिया और एक यात्री लियू हुईजुन उनकी ओर लपके। लियू ने जोर से उनके हाथ पर लात मारी और अपहरणकर्ता के हाथ से लाइटर नीचे गिर गया और दूसरे अपहरणकर्ता ने गुओ के सिर पर दे मारा। गुओ कहती हैं कि लोग मुझसे पूछते हैं कि क्या तुम्हें डर नहीं लगा। सच बताऊँ तो मैं बहुत डर गई थी। उस दिन विमान में 9 हवाई कर्मी थे। कॉकपिट में एक विमान कमांडर, दो उप विमान चालक, 4 विमान परिचारिकाएं जो सभी महिलाएँ थीं और दो सुरक्षा कर्मी। विमान परिचारिकाओं ने यात्रियों से सहायता माँगी। यात्रियों से सहायता मांगने पर सबने खड़े होकर अपहरणकर्ताओं को घेर लिया और उनके आस-पास दिवार खड़ी कर दी। मुझे याद है कि एक यात्री घायल होने के बावजूद उनसे लड़ता रहा। कुछ यात्री महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की रक्षा करने लगे। उनमें से एक यात्री कह रहा था अगर तुम मर्द हो तो आओ लड़ो। हवाई कर्मियों को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। मीडिया ने भी उनकी बहादुरी और हिम्मत की भूरी-भूरी प्रशंसा की। हाईनान एयरलाइंस जिसने 2011 में तिएनजिन एयरलाइंस खरीद ली ने अपने उन कर्मचारियों का जिन्होंने विमान को हाईजैकिंग से बचाया का सम्मान करते हुए कई उपहारों से नवाजा। हाईनान एयरलाइंस ने 22 बहादुर, हिम्मती और निडर यात्रियों को माननीय यात्री की उपाधि दी और आजीवन मुफ्त हवाई टिकट देने का वादा किया।
अब बात करते हैं ई शिवेन के बारे में। लंदन ओलम्पिक्स 2012 में चीन ने अपना परचम उन सभी खेलों में लहराए रखा जिसमें चीन के खिलाडि़यों को मात देना बहुत मुश्किल होता है जैसे टेबल टैनिस, जिमनासटिक्स और गोताखोरी(डाइविंग) और साथ-साथ उन सभी खेलों में भी बेहतरीन प्रदर्शन दिया जिनमें पहले उनका प्रदर्शन इतना अच्छा नहीं था। 13 अगस्त 2012 को लंदन ओलम्पिक्स का समापन हुआ और चीन ने 38 स्वर्ण,27 रजत और 22 कांस्य पदक जीते। अंतरराष्ट्रीय खेलों के कुँभ में भी चीन ने साबित कर दिया उनके खिलाड़ी सर्वश्रेष्ठ हैं और चीन का सभी पदकों की सूची में दूसरा स्थान रहा। चीन के अन्य एथलीटों की तरह सुन यांग और ई शीवेन ने भी उन खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन दिया जिनमें पहले अमरीकी और यूरोपीय देशों का शासन समझा जाता था। ई शीवेन, केवल 16 साल की उम्र में पहली चीनी एथलीट रहीं जिन्हें तैराकी में 2 स्वर्ण पदक मिले। ई शीवेन ने विश्व रिकार्ड बनाया और 28 जुलाई 2012 को महिलाओं की 400 मीटर व्यक्तिगत मेडले तैराकी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता। ई ने 4.28.43 मिनट में इस खिताब को हासिल कर लिया। ई 3 सेकेंड तेज़ थीं अमरीका की एलिजाबेथ बेसल जिन्हें कांस्य पदक मिला। कुछ दिन बाद महिलाओं की 200 मीटर व्यक्तिगत मेडले में अद्भुत प्रदर्शन कर नाटकीय जीत दर्ज की। पहले 100 मीटर में पाँचवे स्थान पर आने के बाद बेकस्ट्रोक में उनकी पकड़ मज़बूत होने लगी और अपनी पूरी ताकत के साथ फाइनल 50 मीटर इवेंट में (फ्रीस्टाइल) में प्रदर्शन दिखाया। ई ने 2.08.90 में खत्म कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया और इसके साथ वे एक ओलम्पिक्स में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली सबसे युवा एथलीट रहीं। ई के इतिहास रचने के बाद कुछ विदेशी मीडिया को उसके बनाए रिकार्ड पर शक होने लगा। कुछ विदेशी पत्रकारों ने उससे यह सवाल तक पूछ डाले कि कहीं वह प्रदर्शन को बढ़ाने वाली दवाओं का सेवन तो नहीं करतीं। हालांकि, ई की रफ्तार को लेकर कई अटकलें लगती रहीं इसलिए अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक संघ और अंतरराष्ट्रीय स्वीमिंग फेडरेशन ने यह कहकर सारी बातें साफ कर दीं कि ई ने सभी दवाओं के टेस्ट पास कर लिए हैं और वह इन खिताबों और सम्मान की सही हकदार है। ई ने दो ओलम्पिक गोल्ड मेडल जीतकर विश्व रिकार्ड तोड़ा और नया ओलम्पिक रिकार्ड बनाया। विश्व तैराकी संघ का गौरव है ई शीवेन।
अब बात करते हैं सुन याफांग की। सुन याफांग 1999 से शनजन की हुआवेई टेक्नोलोजी की अध्यक्षा पद पर रहीं चीन की महिला अभियंता हैं। इस साल फॉर्चयून पत्रिका में 50 सबसे प्रभावशाली बिजनिस वुमन में सुन याफांग को भी शामिल किया गया। रन झंगफेई ने 1988 में शनजन, दक्षिण चीन के क्वांगदोंग प्रांत में हुआवेई टेक्नोलोजी एक बहुराष्ट्रीय नेटवर्किंग और टेलीकम्युनिकेशन (दूरसंचार) उपकरण और सेवा कम्पनी की स्थापना की। हुआवेई विश्व की सबसे बड़ी दूरसंचार उपकरण बनाने वाली कम्पनी है। सुन याफांग ने 1982 में छंगदू विश्वविद्यालय से electronic science and technology. इन वर्षों में उन्होंने हुआवेई के प्रशिक्षण विभाग से लेकर, कई मध्यम और वरिष्ठ प्रबंधन पदवी के साथ-साथ उपाध्यक्षा और अब अध्यक्षा पद पर हैं। हालांकि, सुन याफांग हुआवेई की सह-संस्थापक नहीं है लेकिन उन्हें हमेशा से हुआवेई की रानी कहा जाता है और ये श्रेय उनके कम्पनी को दिए अमूल्य योगदान के लिए। सुन ने कम्पनी के विकास, बाज़ार, विपणन और मानव संसाधन के क्षेत्रों में बहुत काम किया। उनकी दूरगामी दृष्टि और अद्भुत प्रबंधन कौशल के कारण ने जल्द ही रन की सबसे भरोसेमंद कर्मचारी बन गईं। 1998 से 1999 तक कम्पनी को अधिक मात्रा में ऋण और विपणन संबंधित कारणों को लेकर कई आर्थिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ा। उस मुश्किल दौर में भी शेयरधारकों ने सुन को कम्पनी की अध्यक्षा चुना और उन्होंने हुआवेई को उस कठिनाई के दौर से बाहर भी निकाला। वर्ष 2006 तक हुआवेई की कमाई दुगुनी हो गई थी और वर्ष 2011 पूर्वाद्ध तक हुआवेई ने 150 बिलियन यू एस डॉलर की कमाई की जिसमें 1.9 बिलियन लाभ प्राप्त हुआ। समय के साथ-साथ हुआवेई और सुन का नाम और शोहरत बढ़ती जा रही है।
अब बात करते हैं लियू यांग की। तायंगोंग-1 अंतरिक्ष प्रयोगशाला की परिक्रमा में चीन के तीन व्यक्तियों के दल का मिशन था- पहली बार मानवयुक्त अंतरिक्ष की सैर करना और डॉकिंग प्रदर्शन किया। लियू सहित तीन अंतरिक्ष यात्री, यांग, चीन की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री शनजोअ-9 अंतरिक्ष यान पर सवार थे जब यह 16 जून 2012 को 6 बजकर 37 मिनट पर लांच किया गया था। लियू को 2010 में तायकोनॉट नामित किया गया था। लियू ने अंतरिक्ष उड़ान भरने से पहले एक लंबी यात्रा तय की। उसने 3-5 साल तक की ट्रैनिंग महज 2 सालों में पूरी की। इस प्रशिक्षण के पाठ्यक्रम में शारीरिक व्यायाम शामिल है, पर्यावरण अनुकूलनशीलता प्रशिक्षण, मनोवैज्ञानिक प्रशिक्षण, बुनियादी सिद्धांत और व्यावसायिक कौशल शामिल है। दल को उड़ान प्रक्रियाओं, नकली प्रदर्शन के साथ-साथ
मिशन और विभिन्न लाइफसेविंग और अस्तित्व कौशल भी सीखना पड़ता है। प्रत्येक अंतरिक्ष यात्री को प्रशिक्षण पूरा कर परीक्षा पास करनी पड़ती है तब जाकर मिशन के लिए मंजूरी दी जाती है। पूरे विश्व में लियू ध्यानआकर्षण का केन्द्र रहीं जब से चीन के अंतरिक्ष कार्यक्रम में शामिल हुईं। लियू ने इसे बहुत विनम्रतापूर्वक लिया। उसने कहा मैं कोई देवी नहीं बल्कि एक आम इंसान हूँ। मैं हमेशा कहती हूँ कि मैं भाग्यशाली हूँ, क्योंकि मुझे मौका मिला। अंतरिक्ष में एक महिला अंतरिक्ष यात्री को भेजना चीन के लिए भी एक ऐतिहासिक घटना थी। यह भी चीनी महिलाओं के विकास के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण था। लियू ने चीन के अंतरिक्ष कार्यक्रम के विकास के लिए बहुत योगदान दिया है। उसने पृथ्वी की परिक्रमा कर कई चीनी महिलाओं के सपने को साकार किया और ऐसा कर चीनी महिलाओं को दुनिया भर में लोगों के लिए और अधिक आकर्षक बन गईं। कुछ 57 महिला अंतरिक्ष यात्रियों ने अंतरिक्ष के इतिहास में अंतरिक्ष में प्रवेश किया है। उन महिलाओं के 46 अमेरीका से रहीं, तीन, रूस, तीन, कनाडा, दो, जापान और चीन, युनाइटिड किंगडम, फ्रांस, और कोरिया गणराज्य से एक-एक।
दोस्तों, सौ मील की लम्बी यात्रा भी एक कदम से शुरू होती है। बूँद-बूँद कर सागर भरता है। जिन महिलाओं की हमने आज बात की वे सब भी हमारी-आपकी तरह साधारण महिलाएँ ही हैं। लेकिन उनके असाधारण हौसलें, हिम्म्त, कुछ कर गुजरने की चाह, अपने लक्ष्य को पाने की इच्छा और उसे पाने के लिए जंमी-आसमां एक कर देने की ताकत ही हमसे अलग बनाती है। आइए, नए साल का स्वागत एक प्रण लेकर करें कि कुछ ऐसा कर जाएँ की हमारा नाम भी लोग हमारे जाने के बाद गर्व से लें। कुछ और नहीं तो कम से कम आपके दिल में घर कर जाएँ बस यही आरजू है हमारी। इसी के साथ दोस्तों मैं हेमा कृपलानी अब आप सब से विदा लेती हूँ इस वादे के साथ अगले साल फिर मुलाकात होगी आपकी और हमारी यहीं इसी न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम में। इस उम्मीद के साथ कि आने वाला साल हम सब के लिए लाए ढेरों खुशियाँ, न रहे उदासी, गम किसी के भी जीवन में। हँसते-खिलखिलाते रहें यूँ ही हम सब और खिला रहे ये गुलशन यूँ ही हरदम।
श्रोताओं, आपको हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम का यह क्रम कैसा लगा। हम आशा करते हैं कि आपको पसंद आया होगा। आप अपनी राय व सुझाव हमें ज़रूर लिख कर भेजें, ताकि हमें इस कार्यक्रम को और भी बेहतर बनाने में मदद मिल सकें। क्योंकि हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम आप से है, आप के लिए है, आप पर है। इसी के साथ हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है। आप नोट करें हमारा ई-मेल पताः hindi@cri.com.cn । आप हमें इस पते पर पत्र भी लिख कर भेज सकते हैं। हमारा पता हैः हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पी .ओ. बॉक्स 4216, सी .आर .आई.—7, पेइचिंग, चीन , पिन कोड 100040 । हमारा नई दिल्ली का पता हैः सी .आर .आई ब्यूरो, फस्ट फ्लॉर, A—6/4 वसंत विहार, नई दिल्ली, 110057 । श्रोताओ, हमें ज़रूर लिखयेगा। अच्छा, इसी के साथ मैं हेमा कृपलानी आप से विदा लेती हूँ इस वादे के साथ कि अगले हफ्ते फिर मिलेंगे।
तब तक प्रसन्न रहें, स्वस्थ रहें। नमस्कार