स्वीकार कीजिए नमस्कार, हेमा कृपलानी का। हर साल उपलब्धियों के आधार पर 'वर्ष के व्यक्तित्व' चुनने का रिवाज है। ये व्यक्ति ऐसे नायक,नायिका होते हैं, जिन्होंने समाज के लिए कुछ किया हो, या समाज को कुछ दिया हो, या अत्यंत प्रतिकूल परिस्थितियों में कोई बड़ी सफलता अथवा उपलब्धि हासिल की हो। अक्सर इस सूची में राजनीति, बिजनस, सिनेमा और खेल-कूद की हस्तियों का बोलबाला रहता है। समाज के लिए काम करने वाले ऐसे लोग भी कभी-कभी इस सूची में आ जाते हैं, जो चर्चित हुए हों या जिन्हें कोई पुरस्कार मिला हो। किसी भी देश में 'वर्ष के शिखर व्यक्तियों' की सूची मामूली बदलाव के साथ बरसों-बरस तक करीब-करीब उन्हीं नामों से युक्त रहती है। किसी आम जन का चेहरा तो मानो ऐसी सूची के लिए वर्जित ही होता है। कोई आम जन भी इस सूची में काफी लोकप्रिय होने या मीडिया में उत्सुकता पैदा करने वाली इमेज के कारण ही आ पाता है। जाहिर है, इतना सब कुछ होने के बाद वह आम जन रह ही नहीं जाता, बल्कि सिलेब्रिटी हो जाता है। जरा सोचिए, ऐसी सूची में आम जन के नाम देखकर करोड़ों लोगों को कितनी प्रेरणा मिलेगी और उनमें से कितने ऐसा ही कुछ खास कर गुजरेंगे।
तो अब साल 2012 खत्म होने जा रहा है। पिछले 12 महीनों में बहुत सारी घटनाएँ घटीं। कुछ सुनहरी यादें छोड़ जाएँगी तो कुछ ऐसी जिनका हम अपने जीवनकाल में फिर दुबारा जिक्र तक नहीं करना चाहते। जाते हुए साल को अलविदा और आते हुए नए साल का स्वागत करने से पहले न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम में हम आपको आने वाले दो हफ्तों में उन चीनी महिलाओं के बारे में बताने वाले हैं जिन्होंने साल 2012 में समाज में दिए अपने योगदान से एक बार फिर इस दुनिया को बतला दिया कि हम किसी से कम नहीं और आधे आकाश का बोझ हम अपने कंधों पर आसानी से उठाने में सक्षम हैं। इन चीनी महिलाओं ने जो कर दिखाया है उसके लिए इतिहास गवाह रहेगा। अपनी इस सूची में हम शामिल कर रहें हैं हर खासो-आम चीनी महिलाओं को आप-हम जैसी आम महिला से कैसे बनी खास,इस बारे में आपको बताएँगे। चलिए, तो इस सूची में सबसे पहला नाम आता है चीन की पहली महिला लियू यांग जिसने अंतरिक्ष में अपना कदम रखा। इस साल चीन ने शंनजोओ-9 नामक अतंरिक्ष यान का प्रक्षेपण किया जिसमें लियू यांग के साथ दो अन्य क्रू सदस्य शामिल थे जिन्होंने अंतरिक्ष में चलना तथा डॉकिंग टेस्ट किए। 1 जुलाई को हॉगकॉग की चीन वापसी की 15वीं सालगिरह थी। कैरी लैम को Hong Kong Administrative Region के प्रशासन में मुख्य सचिव के पद पर चुना गया। लंदन 2012 ओलम्पिक्स में ई शिवेन, युवा तैराक ने तैराकी में 2 गोल्ड मेडल जीतने वाली चीनी तैराक ने विश्वभर में तथा ओलम्पिक्स में नया रिकार्ड बनाया। अब बात करते हैं हेलंनजिओंग प्रांत के एक मिडिल स्कूल में पढ़ाने वाली साधारण अध्यापिका झांग लीली के बारे में। मई 2012 को अपने स्कूल के गेट के बाहर दो विद्यार्थियों को सामने से आती बस से टकराने से बचाते हुए खुद बुरी तरह घायल हो गई। झांग को चीन की सबसे खूबसूरत स्कूल टीचर के नाम से जाना जाता है। जून 2012 शिंजियांग युगुर स्वायत प्रदेश से ऊरूमूची जाने वाले हनान एयरलाइन्स हवाईजहाज को उड़ान भरने के 10 मिनट में हाईजैक करने का विफल प्रयास किया गया था। जहाँ गुओ जिया ने अपनी बहादुरी दिखाई। 1980 में पैदा हुई शिओंग दून ने कैंसर से लड़ते हुए अपने बिगड़ते हालातों को कार्टूनों में कैदकर अपनी तकलीफ को हंसी में उड़ाते हुए सबको अपनी किताब भाड़ में जाओ मिं.कैंसर से सदा के लिए अपना बना लिया। हालांकि,वे अपनी इस कैंसर के साथ जंग में पिछले महीने हार गई लेकिन जाते-जाते यह सिखला गई कि गम में भी मुस्कुराना कोई उनसे सीखे। झझियांग टी.वी चैनल पर चीनी रियेलीटी शो वॉइस ऑफ चाइना ने बड़ी धूम मचा रखी है। उन्हीं में से वू मोचोअ अपनी अलग अंदाज और शैली की आवाज़ से सुर्खियों में बनी रहीं। और बात करते हैं फान बिंगबिंग की। ये चीन की सबसे मश्हूर हीरोइन हैं जो विश्वभर में आयोजित फिल्म उत्सवों में चीनी पारंपरिक पोशाक पहनकर जाती हैं। हम आपको इस साल की महान चीनी महिलाओं के सिर्फ नाम नहीं बताएँगे बल्कि उनमें से कुछ की संघर्ष भरी कहानी भी बताएंगे। इस कार्यक्रम के जरिए हमारी हमेशा कोशिश रहती है कि आपको उन साधारण से लेकिन अपने इरादों से असाधारण,खास बने लोगों के बारे में आपको बताएँ। जिनसे हम सबको प्रेरणा लेनी चाहिए।
झांग लीली स्नातकोपरांत हेलंनजिओंग प्रांत के एक मिडिल स्कूल में पढ़ाने लगी। उसकी तनख्वा करीब 1000 युआन थी। 8 मई 2012 को अपने स्कूल के दो विद्यार्थियों को जो स्कूल के गेट से बाहर निकलकर सड़क पार कर रहे थे कि आचानक एक बस तेज़ गति से सामने से आ रही थी। उन दोनों बच्चों को बचाते हुए वह बस से टकरा गई और बुरी तरह घायल हो गई। उसने बच्चों को तो बचा लिया लेकिन खुद को बचा नहीं पाई और उसके दोनों पैर बस के नीचे कुचले गए। उसकी दोनों टाँगों को घुटने के ऊपर से काटना पड़ा। चीन के लोगों को उसके बारे में पता चला और उसे कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। जुलाई 2012 में आई.सी.यू में ही उसने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण की। उसे हेलंनजिओंग विकलांग लोगों की समिति की उपाध्यक्षा बनाया गया। लेकिन झांग का कहना है कि मुझे हीरो न समझा जाए मैंने तो केवल अपना कर्तव्य निभाया है। मैं उम्मीद करती हूँ कि मैं जल्द ठीक होकर अपने स्कूल वापस जाकर बच्चों को पढ़ा पाऊँगी।
1980 में पैदा हुई शिओंग दून चीन की महिला कार्टूनिस्ट हैं जिनकी कई किताबें छप चुकी हैं। उनकी पहली कॉमिक थी ग्रोथ ऑफ मेच्योर लिटिल वुमन। अगस्त 2011 में अचानक उनके जीवन ने अलग मोड़ लिया। वे बिस्तर से उठी और अचानक गिर पड़ी। उनके मुँह से झाग निकलने लगा और बेहोश हो गई। सहेली की मदद से अस्पताल पहुँची। टेस्ट के बाद पता चला कि शिओंग को कैंसर है। इलाज शुरू हुआ, किमोथैरिपी होने लगी। पर उसने हिम्म्त नहीं हारी और महीनों अस्पताल में गुजारने के बाद उसने अपनी नई कॉमिक सीरीस लिखना शुरू कर दिया। भाड़ में जाओ मिं.कैंसर और चीन के सबसे बड़े वेब पोर्टल पर अपलोड करने लगी। उसकी यह कामिक सीरीस रातों रात हिट हो गई और उसे 4 मिलियन हिट मिले। अपने मजाकिया अंदाज, जीवंत दृश्य और सकारात्मक रवैये ने सबका दिल जीत लिया। लोगों को उसके निर्भिक अंदाज़, अपने दर्द को मुस्कान में परिवर्तित कर देने की उसकी अद्भुत क्षमता ने प्रभावित किया। उसकी आनलाइन कॉमिक्स को पढ़ वेबसाइट ने उससे संपर्क किया कि वह अपनी यह किताब छपवाए। वेबसाइट ने कहा कि वे इस किताब की बिक्री से और कॉमिक्स के पात्रों को टी.शर्ट पर छपवाए और उनसे जमा धन राशि का प्रयोग उसके इलाज में हो पाएगा। 21 मार्च 2012 को शिओंग के इलाज हेतू धन राशि जमा करने के लिए वेबसाइट लॉच की गई। 10,000 युआन का लक्ष्य रखा था जो पहले दिन ही पूरा हो गया। कुल मिला कर 3 लाख 40 हज़ार इकट्ठे हुए। शिओंग ने कहा कि वह इन पैसों का इस्तमाल अन्य कामों के लिए करना चाहती है। जैसे कि वह अपनी किताब भाड़ में जाओ मिं.कैंसर छपवाना चाहती है और कैंसर मरीजों को किताब देना चाहती है। उसने कहा मैं जो कर रही हूँ वह तो कुछ भी नहीं है। शायद मेरे कॉमिक्स पढ़ उन्हें अच्छा महसूस हो। मुझे कॉमिक्स लिखना अच्छा लगता है। ऐसा कर मैं अपने दर्द को भूल जाती हूँ। 2012 में उसकी कॉमिक्स भाड़ में जाओ मिं.कैंसर रिलीस हुई और लोगों को बहुत अच्छी लगी। कई लोगों ने उसे ऑनलाइन मैसज भेजे। लेकिन नियति के आगे किसी की नहीं चलती 16 नवम्बर 2012 को कैंसर से जंग लड़ रही शिओंग हार गई लेकिन अपने पीछे छोड़ गई ढेर सारी हिम्मत, बहादुरी, जीवन को लेकर अपने सकारात्मक विचार, अपने कॉमिक्स जिससे हम सब सीख सकते हैं और शिओंग जैसे लोग हमेशा जिंदा रहते हैं लोगों के दिल-दिमाग में। उसने लाखों-करोड़ों लोगों का दिल अपने कॉमिकस से जीत लिया।
अब बात करते हैं- वू मोचोअ के बारे में।
जुलाई में शुरू हुआ झझियांग टी.वी चैनल पर चीनी रियेलीटी शो वॉइस ऑफ चाइना ने बड़ी धूम मचा रखी है। जिसे 4.11 प्रतिश्त टी आर पी मिली और हर हफ्ते दर्शकों में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी जा रही है। ये शो विदेशों में प्रसारित वॉइस ऑफ यू के, वॉइस ऑफ यू एस की थीम पर चीन में भी चाइनीस कलाकारों को लेकर चीनी गीत-संगीत का एक रिएल्टी शो प्रसारित किया जा रहा है। जिसमें तीन चरण हैं। पहला ऑडिशन, दूसरा प्रतियोगिता और तीसरा है लाइव प्रदर्शन(लाइव पर्फारमेंन्स)। चार निर्णायक जो चीन के बेहतरीन गायकों में से हैं। वे इन प्रतियोगी गायकों को चुन कर अपना एक दल बनाते हैं और उनके गुरु बन उन्हें संगीत प्रशिक्षण देते हैं। वे अपने-अपने दल के गायक-गायिकाओं को प्रोत्साहित करते हैं और जीत के लिए प्रेरित करते हैं। इस साल के वॉइस ऑफ चाइना के शो में एक प्रतियोगी जो उभर कर सामने आई और जो आकर्षण का केन्द्र बनी। वे हैं, वू मोचोअ अपनी अलग अंदाज और शैली की आवाज़ से सुर्खियों में बनी रहीं। 1990 में पैदा हुई वू मोचोअ द्वितीय स्थान पर रहीं। वू अपने अतिरंजित भाव-अभिव्यक्ति, युनीक(अनोखे) गाने के अंदाज़ के कारण विवादास्पद प्रतियोगी रहीं। उसके विरोधियों ने कहा कि उसकी आवाज़ डरावनी तथा भयावह है जिसे सुन बच्चे डर के मारे रोने लगते हैं। लेकिन इस बात से कोई इंकार नहीं करता कि उसकी आवाज़ के कारण वह लोगों को हमेशा याद रहेगी। आज भी लोग उसके बारे में और उसके अनोखे प्रदर्शन के बारे में बातें करते हैं। कई लोग उसकी प्रशंसा करते हैं कि वह सबसे अलग हैं। उसके समर्थक यह कहते हैं कि चीन को वू की तरह अनोखे और अजीब आवाज़ में गाने वाले गायक व गायिकाओं की ज़रूरत है ताकि लोगों को बताया जा सके कि संगीत में भी कई आयाम मौजूद हैं और ऐसे प्रयोग करने की और ज्यादा आवश्यकता है।
बात करते हैं फान बिंगबिंग की। ये चीन की सबसे मशहूर हीरोइन हैं जिन्हें फोरब्स पत्रिका ने मई 2012 में चीन की सलेब्रीटी सूची में नम्बर तीन पर रखा। यह खिताब उन्हें उनकी पिछले साल आई फिल्म बुद्धा मॉउंटेन, फॉउडिंग ऑफ अ पार्टी और शाओलिन की सफलता और नोकिया, हैगन डाझ जैसी बहुचर्चित कंपनियों के लिए एन्डोरसमेंट करने पर मिला। तृतीय स्थान पर आने वाली फान पहली महिला रहीं। 1997 से टी.वी पर आने वाले एक ड्रामा से चर्चा में आई फान ने सफलता की जो सीढियाँ चढ़नी शुरू की तो फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनका कहना है कि मैं जितना अच्छे से आलोचना सह सकती हूँ तो मैं उतना ही बेहतर तरीके से तारीफ भी। मैं अपने आप को साबित कर सकती हूँ। अब उन्होंने अपना स्टूडियो भी शुरू किया है। वे अपने खुद के टी.वी शो बनाती हैं। उनकी फिल्में कान फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित की जाती है और वे इन महोत्सवों में चीन की पारंपरिक पोशाक पहनकर जाती हैं। वे अंतरर्राष्ट्रीय मंच पर चीन की संस्कृति, सभ्यता को प्रदर्शित करना चाहती हैं। वे अपने अंतरर्राष्ट्रीय मंच पर बढ़ती लोकप्रियता को देख बहुत खुश और गर्व महसूस करती हैं। दोस्तों, घड़ी की सुइयाँ टिक-टिक कर कह रही हैं कि आप के साथ आज की मुलाकात का वक्त इतना ही लेकिन आप हमारे साथ बने रहिएगा अगले सप्ताह भी हम आपको बताएँगे उन खास चीनी महिलाओं के बारे में जिनसे हम सब प्रेरणा ले सकते हैं और अपने जीवन को मायने दे सकते हैं।
श्रोताओं, आपको हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम का यह क्रम कैसा लगा। हम आशा करते हैं कि आपको पसंद आया होगा। आप अपनी राय व सुझाव हमें ज़रूर लिख कर भेजें, ताकि हमें इस कार्यक्रम को और भी बेहतर बनाने में मदद मिल सकें। क्योंकि हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम आप से है, आप के लिए है, आप पर है। इसी के साथ हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है। आप नोट करें हमारा ई-मेल पताः hindi@cri.com.cn । आप हमें इस पते पर पत्र भी लिख कर भेज सकते हैं। हमारा पता हैः हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पी .ओ. बॉक्स 4216, सी .आर .आई.—7, पेइचिंग, चीन , पिन कोड 100040 । हमारा नई दिल्ली का पता हैः सी .आर .आई ब्यूरो, फस्ट फ्लॉर, A—6/4 वसंत विहार, नई दिल्ली, 110057 । श्रोताओ, हमें ज़रूर लिखयेगा। अच्छा, इसी के साथ मैं हेमा कृपलानी आप से विदा लेती हूँ इस वादे के साथ कि अगले हफ्ते फिर मिलेंगे।
तब तक प्रसन्न रहें, स्वस्थ रहें। नमस्कार