आज हमारी चीन यात्रा की अखिरी दिन है। तय कार्यक्रम के अनुसार आज हमने चीन के लंबी दिवार देखने जाना था। लेकिन बर्फ़बारी के चलते यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। आज हम लोग स्वर्ग मंदिर का दौरा किये। यह बहुत विशाल मंदिर है, जहां इश्वर को खुश करने के लिये राजा पूजा किया करते थे। अच्छे फसल के लिये राजा यहां पूजा करते थे। यह मंदिर मुख्यतः नीले रंग से बना हुआ है, जो आसमान का प्रतीक है। राजा यहां उपवास रहकर बिधी बिधान से पूजा करते थे। यहां एक छोटा सा संग्रहालय भी है, जिस में राजा के पूजा करने की बिधी बर्णित है। कल काफ़ी बर्फ़बारी हुआ था, सड़क मार्ग बर्फ़ से ढका हुआ है। बर्फ़ के कारण यह मंदिर काफ़ी सुन्दर लग रहा था। हाथ में बर्फ़ लेकर मैं ने फ़ोटो भी खिंचाया। यह फ़ोटो काफ़ी सुन्दर है, जिससे मैंने चंद्रिमा जी के कैमरे में देखा। इस पार्क में एक छः सौ साल पूराना पाइन का पेड़ है, जहां लोग दीर्घायु होने का आशिर्वाद लेते हैं। मैं भी अपने लंबी उमर के लिये इस पेड़ से आशिर्वाद लिया। इस मंदिर के क्षेत्र में लगभग 2600 पुराने पाइन के पेड़ हैं। इस पार्क में बूढ़े और बूढ़ियां संगीत बजाकर नृत्य कर रहे थे। लोग संगीत के साथ कसरत भी कर रहे थे। इसी जगह स्थानीय लोग एक चीनी खेल (पानयू छो) खेल रहे थे। मैं भी इस खेल का आनंद लिया। आज शाम को हम कुछ बाजार किये, और अपने परिवारों के लिये चीनी उपहार खरीदे, कुल मिलाकर आज का दिन बहुत ही आनंद दायक रहा।
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