चीन यात्रा के चौथे दिन मैं चीन के द्वीप हाएनान के सानया शहर के या लूङ वान् प्राकृतिक वन पार्क के दौरे पर निकले थे। रास्ते में चौड़ी सड़कें और सुन्दर बाग बगीचे थे। शहर सुव्यवस्थित ढंग से खुला खुला बसाया गया है। सड़क बिल्कुल साफ़सुथरा है, और किनारे किनारे फूल और छोटे छोटे पौधे लगाए गये हैं। जिस के चलते शहर का दृश्य बहुत ही मनोरम लग रहा था। सानया शहर में चौड़ी सकड़ों और फ्लाई ओभर का जाल बिछा हुआ है। सड़क के किनारे प्रकाश के लिये सौर्य ऊर्जा से तथा पवन चक्की से चलने वाले ट्यूब लाईट लगे हुए हैं। जिस से बिजली की बचत होती है और चौबीस घंटा प्रकाश मिलता रहता है। जिससे ऊर्जा और प्राकृतिक का संरक्षण होता है। रोड़ के किनारे यहां की महिलाएं छोटे छोटे दुकान लगाती हैं। वे भारत की तरह पान खाती है। इस इलाके में ईख, नारियल, आम और केला का उपज ज्यादा होता है। सब्जी की खेती भी बहुत होती है। खेतों में पानी पहुंचाने के लिये पक्की नालियां बनाई गयी है और पक्की सकड़ें भी बनी हुई है। किसान पक्की सड़कों से अपने सामान अपने खेतों तक मोटर रिक्शा से ले जाते हैं। सड़क के किनारे आम के सुन्दर बागिचे है, जिसमें मंजर लगे हैं। नारियल और सुपारी की भी खूब खेती की गयी है। सड़क के दोनों तरफ़ सुन्दर हरे पेड़ लह लहा रहे थे। यान लुङ वान् प्राकृतिक वन पार्क बहुत ही सुन्दर है और उसे सुन्दर बनाने के लिये काफ़ी मेहनत की जाती है। रोड़ पर कोई गंदगी नहीं दिखाई पड़ता है। पूरा क्षेत्र लगभग पांच किलोमिटर लंबा है। बेस से चोटी तक पहुंचने में लगभग अस्सी घूमावदार सड़क मोड़ पड़ते हैं। कहीं कहीं ऊंची चढ़ाई भी थी, यहां लोग पिछे की तरफ़ झुक जाते थे और लगता था कि बस से गिर जाएंगे। इस प्राकृतिक वन क्षेत्र में बहुत ही सुन्दर सुन्दर होटल, जो प्राकृतिक के सुन्दरता को बनाए रखते हुए पर्यटकों का स्वागत करते हैं। इस क्षेत्र में कई फ़िल्म भी बनाई गयी है। इस वन पार्क के चोटी पर लड़की से बना हुआ एक मिनार है, जिस पर चढ़कर हम लोग पूरे सान या क्षेत्र को देखे, यहीं पर एक बड़ा सा ड्रेकन भी है, जो पांच हजार किलो तांबा से बनाया गया है। यह जगह अत्यंत सुन्दर लगता है। इस पूरे प्राकृतिक वन पार्क को देखने के लिये एक दिन का समय बहुत ही कम है। और इस की सुन्दरता की कल्पना नहीं की जा सकती है।
यहां से हम लोग वू ची चो द्वीप गये। वू ची चो द्वीप के संबंध में कहा जाता है कि चीन में हाएनान एक द्वीप है और हाएनान में वू ची चो द्वीप है। जो धरती का स्वर्ग है। यहां से मोटर बॉट में बैठकर लगभग आधे घंटे के सफर के बाद हम लोग वू ची चो द्वीप पहुंचे। समुद्र में जब बॉट चलता था, तो पानी के लहरों के कारण बॉट ऊपर नीचे करता था, लगता था जैसे हम झुला झुल रहे थे। कभी कभी डर भी लग रहा था। द्वीप पर हम सभी लोग समुद्र के किनारे गये, और समुद्र के लहरों के साथ खेले। मैं वहां कुछ सिप भी चुना। समुद्र के लहरें लगभग चार से पांच फीट ऊपर तक उठती थी। कई बार इन लहरों से लोग डरकर ऊपर भाग जाते थे। इसे क्षेत्र में लोग बॉट डायविंग का आनंद ले रहे थे। करीब दो घंटे तक हम लोग यहां मज़ा किया। और फिर सानया शहर लौट आए। आज का सफर काफ़ी मज़ेदार और शानदार रहा। आज हम लोग सचमुच स्वर्ग के दौरे पर थे, जो शायद मुझे भारत में कभी देखने को नहीं मिलता।