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12-11-13
2012-11-27 15:38:27

स्वीकार कीजिए नमस्कार, हेमा कृपलानी का। खुदी को कर बुलंद इतना बंदे, की हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति और 'मिसाइल मैन' डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम जिन्होंने अपनी तकदीर भी खुद लिखी और अपनी मंजिल तक पहुँचने के लिए राह भी खुद बनाई। 1 से 3 नवंबर तक पहली बार चीन दौरे पर आए 'मिसाइल मैन' ए पी जे अब्दुल कलाम को चीन सरकार की ओर से प्रायोजित बुद्धिजीवियों के संगठन पेइचिंग फोरम ने आमंत्रित किया था। वे अपनी यात्रा के दौरान चीनी अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अकादमी (सीएएसटी) गए और पेइचिंग विश्वविद्यालय के छात्रों को भी संबोधित किया। प्रतिष्ठित पेइचिंग विश्वविद्यालय के अध्यक्ष झूअ शानलू ने डॉ. कलाम को विश्वविद्यालय में अपनी पसंद का विषय और प्रयोगशाला स्थापित कर छात्रों को पढ़ाने के लिए आमंत्रित किया। कलाम ने सहर्ष इसे स्वीकार किया लेकिन कहा कि यह निर्भर करता है कि मुझे कब और कितना समय मिल पाएगा। शनिवार शाम को भारतीय दूतावास में उनके स्वागत समारोह का आयोजन किया गया जहाँ उन्होंने चीनी और भारतीय पेशेवरों के साथ बातचीत की। विश्व-सम्मानित डॉ. कलाम को देखने और मिलने के लिए सभी बहुत आतुर और उत्साहित थे खासकर बच्चे। आज हम उनके भाषण के मुख्य अंश आपको सुनवाएँगे।

सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा- मुझे आज यहाँ चीन में आप सब लोगों के बीच आकर बहुत अच्छा लग रहा है, अपनी यात्रा के दौरान मैंने बुद्धिजीवियों, छात्रों, विमानन विशेषज्ञों और राजनयिक संस्थानों के साथ विस्तार से चर्चा की है।

चीन-भारत दोनों देशों के 2.5 अरब लोगों की समृद्धि और दुनिया में शांति लाने के लिए एक साथ काम कर रहे है, यह एक सपना है जो निश्चित रूप से एक दिन सच होगा। प्रबुद्ध समाज के विकास के लिए उन्होंने कहा तीन घटकों का होना अतिआवश्यक है। पहला- शिक्षा के साथ नैतिक मूल्य प्रणाली दूसरा धर्म को आध्यात्मिकता में बदलना और तीसरा आर्थिक विकास। डॉ. कलाम ने कहा कि हैप्पी फैमली के लिए उन्होंने अपनी एक परिभाषा तैयार की है। यह गणित की इक्कवेशन की तरह है- हैप्पी फैमली इकुअल टू स्परीच्युअल होम, आध्यात्मिक घर प्लस हैप्पी माँ प्लस ट्रांसपेरेंट पिताजी प्लस साफ-सुथरा, हरा-भरा घर। स्परीच्युअल होम, आध्यात्मिक घर का मतलब आप जहाँ कहीं भी रहें आपके घर में एक छोटी लाइब्रेरी होनी चाहिए। 10-20 सर्वश्रेष्ठ किताबें होनी चाहिए, माता-पिता को उन्हें पढ़ना चाहिए और बच्चों को पढ़ने की आदत डालनी चाहिए। साथ-साथ हर घर में एक छोटा ही सही लेकिन पूजा स्थल ज़रुर होना चाहिए। हैप्पी माँ का होना बहुत जरुरी है क्योंकि अगर माँ खुश तो घर में सुख-शांति, घर में शांति तो समाज में सुख-शांति, अगर समाज खुश तो भारत-चीन देश खुश उसके बाद उन्होंने ट्रांसपेरेंट पिताजी, पारदर्शिता पर अपनी परिभाषा दी, जहाँ बच्चों को अहम भूमिका निभानी होती है, उन्होंने कहा कि अगर पिताजी घर में पारदर्शिता नहीं रखते तो बच्चों को उन्हें कहना चाहिए कि घर में पैसे से लेकर नैतिकता पारदर्शी होनी चाहिए। चौथा अपने घर के आस-पास और पर्यावरण को साफ-सुथरा और हरा-भरा रखें जब भी मौका मिले पेड़-पौधे लगाएँ।

अंत में उन्होंने कहा कि संघर्ष और युद्ध से बचने के लिए महत्वपूर्ण है देश की समृद्धि, दुनिया की समृद्धि। इस के लिए, हमें दुनिया भर के सभी देशों के लिए राष्ट्रीय नैतिकता की जरूरत है। उन्होंने अपनी बात इन अनमोल पक्तियों द्वारा खत्म की। यदि इन्हें हम सब अपने जीवन में अमल में लाएँ तो एक दुनिया,सुंदर दुनिया का स्वप्न पूरा हो जाएँ। वो पक्तियाँ कुछ इस तरह थी- Where there is righteousness in the heart, there is beauty in the character. Where there is beauty in the character, there is harmony in the home, when there is harmony in the home there is order in the nation when there is order in the nation there is peace in the world.

जब आपका मन पवित्र होगा, विचार शुद्ध होंगे तो, आपका व्यक्तित्व,चरित्र निखरेगा, जब चरित्र निखरेगा तो घर में सद्भावना होगी, जब घर का माहौल सुखद होगा तो देश में शांति होगी, जब देश में शांति होगी तब दुनिया में अमन-चैन, शांति बनी रहेगी।

उसके बाद समारोह में उपस्थित लोगों में से कुछ ने उनसे सवाल भी किए।

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