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12-07-03
2012-07-11 18:22:19

यह चाइना रेडियो इंटरनेशनल है। श्रोता दोस्तो, न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम में, मैं हेमा कृपलानी आप सब का हार्दिक स्वागत करती हूँ। दोस्तो, एक बार फिर हम हाजिर है न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम के साथ।

दोस्तों, न्यूशिंग स्पेशल में हम आज बात करने जा रहे हैं, बालकनी में खेती करने वाले किसानों की। सुनने में कुछ अजीब लग रहा है, न। जी हाँ, आजकल जहाँ लोग पैसे कमाने की होड़ में लगे हैं, वक्त से आगे निकलने की रेट रेस में जिन तकलीफों का, स्ट्रैस का सामना करने में लगे हैं और वहीं साथ-साथ हैल्थी लाइफस्टाइल को भी मेनटेन करना है। यह तो बिल्कुल दो धारी तलवार पर चलने के समान है। हैल्थ एक्सपर्टस का कहना है- अच्छा स्वास्थ्य चाहते हो तो मौसमी फल और सब्जियाँ खाओ जो इस रोज़ की आपाधापी में लगे हैं उन लोगों के लिए अपनी प्लेट में यह हर रोज़ सजाना शायद मुमकिन नहीं और आज के समय में खाद्य सुरक्षा को लेकर भी लोगों की चिंताएँ बढ़ गईं हैं कि हम जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद समझकर खा रहे हैं, जो हमारे पेट में जा रहा है कहीं इसका उल्टा न हो। अब मानव स्वभाव ही ऐसा है वह हर मुश्किल, हर तकलीफ से उबरने उसका समाधान ढ़ूँढ़ने की कोशिश में जुटा रहता है। ऐसी ही कोशिश यहां चीन में भी की जा रही है। हाल ही में खाद्य सुरक्षा की बढ़ती चिंता और समस्याओं ने जन्म दिया है अरबन फार्मस को यानि शहरी खेतों को। इन में से अधिकतर फार्मस लोगों के घर तक ताज़ी आरगेनिक सब्जियाँ और फल पहुँचाते हैं तो साथ-साथ ये फार्मस आपको भी मौका देते हैं कि आप इन फार्मस पर छोटा-सा प्लाट अपने लिए किराए पर लें और अपने लिए खुद सब्जियाँ और फल उगाएँ। ऐसे दो फार्म तोअजीए और डॉन्की फार्म बीजिंग में हैं जो आरगेनिक यानि जैविक उपज और हरित जीवनशैली यानि ग्रीन लाइफस्टाइल का समर्थन करते हैं। इसमें कोई हैरत की बात नहीं कि दोनों फार्मस यहाँ बेहद प्रसिद्ध हैं। चलिए, इन फार्मस के बारे में विस्तृत चर्चा करने से पहले बात करते है शहरी किसानों के बारे में। खाद्य सुरक्षा को लेकर लोगों की बढ़ती चिन्ताओं को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइटें भी इस मुहिम में शामिल हो गई हैं अपने उत्पादों के साथ। आजकल चीन में दो चीज़ों का बुखार सब पर चढ़ा हुआ है- पहला, ऑनलाइन शॉपिंग और दूसरा खाद्य सुरक्षा के बारे में बढ़ती चिंताओं ने शहरी किसानों की एक नई पीढ़ी को जन्म दिया है। बीजिंग जैसे महानगरों के निवासी जिनमें अधिकतर युवा लोग हैं जिनकी आयु 25 से 35 साल तक है वे अपने घर की बालकनियों में सब्जियाँ और कुछ जड़ी-बुटियाँ उगा रहे हैं या फिर शहर के बाहर किराए पर लिए खेतों में। अब चीन की मुख्य ऑनलाइन शॉपिंग सेवा प्रदाता टाओबाओ की मदद ले रहे हैं अपने घर में मीनी गार्डन बनाने के लिए। इस कंपनी के अनुसार टाओबाओ ऑनलाइन पर सब्ज़ियों के बीजों की खोज करने वालों में पिछले साल भर में 280 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। टाओबाओ की जनसंपर्क अधिकारी का कहना है कि इसका मतलब यह हुआ कि हर दिन 6,000 से अधिक लोगों ने अपनी बालकनियों को एक छोटे वनस्पति उद्यान में परिवर्तित करने की उम्मीद से बीज और खेती में काम आने वाले उपकरणों की खोज करने के लिए टाओबाओ ऑनलाइन शॉपिंग सेवा प्रदाता की तरफ रूख किया। मुझे एक ऐसी ही 26 साल की शियु लिंग, जो अब शहरी किसान भी हैं, से बात करने का मौका मिला तो उन्होंने बताया कि, 2010 से वे अपने घर की छोटी-सी बालकनी में सब्जियाँ उगाती आ रही हैं। यह मेरा खाना सुरक्षित रखने का एक ही तरीका है, कम से कम अपनी सब्जियों को स्वच्छ और सुरक्षित तो मैं रख ही सकती हूँ। ऐसा करने के बाद मैंने जाना कि मेरे कई दोस्तों को सब्जियाँ खाने के महत्व का एहसास हुआ। वे सब इस साल सब्जियाँ उगाने में व्यस्त हैं और उन्होंने मुझसे खेती के उपकरण प्राप्त करने के लिए मदद भी ली। इतनी डिमांड को मद्देनज़र रखते हुए इस साल अप्रैल में मैंने सब्जियों के बीज की अपनी एक दुकान खोल ली। उन्होंने बताया कि मैंने जितनी उम्मीद की थी, मेरी दुकान में बिक्री उससे बहुत अधिक हुई। तब से लेकर आज तक मैं 2,000 से अधिक बीजों के बैग बेच चुकी हूँ। और साथ-साथ ये भी बताना चाहती हूँ कि मेरे दोस्तों ने पैसे बचाने के लिए नहीं बल्कि खाद्य सुरक्षा की गारंटी करने के लिए सब्जियों को उगाना शुरु किया है। हाल के कुछ सालों में हुए खाद्य घोटालों की बढ़ती संख्या ने देश को हिलाकर रख दिया है। जिनमें से एक जहाँ खोज के बाद पता चला कि खीरों में गर्भ निरोधक पाए गए और एक अन्य घटना जहां लीक(प्याज के परिवार की एक वनस्पती) जहरीले कीटनाशकों से भरा पाया गया। दूषित खाद्य पदार्थों की सूची में शामिल होने वाली नवीनतम फसल है यानताए सेब जिसमें यह पाया गया कि जिस कागज़ के बैग में सेब लिपटे थे वह रसायन युक्त कागज़ था। एक और शहरी किसान के बारे में आपको बताते हैं शू जीआन ने दो साल तक किराए पर लिए 30 वर्ग मीटर खेत, जिसका किराया लगभग 3560 युआन है, पर बीज और जैविक उर्वरकों पर करीब 1000 युआन से ज्यादा खर्च किए। लेकिन इसका असर देखिए उनकी माँ सब्जियाँ उगाने में उनकी मदद करने के लिए अपने गृहनगर को छोड़ उनके पास आ गईं।

खुद अपनी मेहनत से सब्जियाँ उगाने में उन्हें बाजार से खरीदने की तुलना में अधिक पैसा खर्च करना पड़ता है इसमें बहुत समय और अतिरिक्त ऊर्जा की खपत होती है लेकिन भोजन के प्रदूषित होने का खतरा हर जगह है। मैं अपनी 3 वर्षीय बेटी को इनमें से किसी से भी ग्रस्त होने के खतरे से बचाना चाहता हूँ। हर सप्ताहांत में मेरा पूरा परिवार खेत पर एक साथ जाकर खेती करता है और हम सबको एक साथ मिलकर खेती करने में बहुत मज़ा आता है और मैं अपने खेत पर उगी सब्जियाँ अपने अन्य दोस्तों और सहकर्मियों को भी देता हूँ। टाओबाओ ने सब्जियों की बढ़ती मांग को नोटिस किया किया है। शहरी किसानों को बीज और उपकरणों की बिक्री के अलावा, इस प्रमुख आनलाइन शॉपिंग प्रदाता ने इस साल जून से अपनी एक नई स्वतंत्र वेबसाइट agri.taobao.com पर ताज़ा सब्जियाँ और अन्य जैविक खाद्य उत्पाद जैसे चावलों की भी बिक्री शुरू कर दी है। उनके साथ उनके इस नए मंच पर कई अन्य 1000 फर्में और कंपनियाँ भी शामिल होना चाहती हैं। लेकिन ताज़ा सब्जियों और अन्य फ्रैश उत्पादों की पैकेजिंग और परिवहन की विशेष आवश्यकताएँ होती हैं, इसलिए इनकी बिक्री इतनी ज्यादा नहीं होती हैं।

उन शहरियों के लिए भी जो फसलों को उगाने के लिए बड़े खेतों को किराए पर लेने की इच्छा रखते हैं। वेबसाइट पर उनके लिए भी कई बड़ी योजनाएँ उपलब्ध हैं और वे जल्द ही खेतों के मालिक और किराएदारों के लिए नियमों को जारी करने वाले हैं और अब तो जल्द ही लोगों को वेबसाइट के द्वारा भी यह जानकारी मिल पाएगी कि कौन-से और कहाँ-कहाँ खेत उपलब्ध हैं किराए पर उपयोगकर्ताओं के लिए।

लेकिन, यह सेवाएँ अभी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है। संभवतः निकट भविष्य में चीन में सभी शहरों में इस प्रकार अतिरिक्त सब्जियों या अन्य कृषि उत्पादों के मुक्त और सुविधाजनक विनिमय को प्रोत्साहन मिलेगा। लेकिन, इस लक्ष्य को प्राप्त करने में कई समस्याएँ आड़े आ रही हैं, जिनमें पैकेजिंग एक है। पूरी तरह सफलता कब मिलेगी फिलहाल इसका पता नहीं। लेकिन कई शहरी निवासी अब खुशी-खुशी शहरी किसान बनने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। चलिए, अब आपको तोअजीए फार्म के बारे में बताते हैं जो बीजिंग में ऑरगेनिक फार्मिंग कर रहा है। तोअजीए फार्म की शुरूआत करने वाली दो मम्मियाँ हैं,झांग और गुओ, जो अपने बच्चों को सुरक्षित, सैफ और केमिकल फ्री भोजन खिलाना चाहती थीं। बीजिंग के ग्रामीण इलाके में खेत लेकर खेती करने का मतलब उनके लिए अपने परिवार को हैल्थी जीवनशैली की तरफ प्रेरित करना था। दोनों की मुलाकात ऑनलाइन चैटिंग वेबसाइट पर हुई और दोनों में दोस्ती हो गई और दोस्ती इतनी पक्की हो गई कि उन दोनों ने एक साथ मिलकर ऑरगेनिक सब्जियाँ उगाने का फैसला किया। यह बात है 2005 की उस समय उन दोनों ने केवल अपने परिवार के लिए एक छोटा सा फार्म लेकर उस पर सब्जियाँ उगाने का फैसला किया लेकिन दोनों दिल-ही-दिल में यह चाहती थी कि वे इतनी सफलता प्राप्त कर सकें कि वे उसे व्यवसाय में तब्दील कर पाए। साथ-साथ काम करने के दौरान उन्होंने जाना कि वे दोनों एक-दूसरे से कितनी अलग हैं। झांग जो एक गृहणी थी और गुओ मार्केटींग क्षेत्र से थीं। समय बीतता गया और साथ-साथ दोनों ने एक दूसरे को बेहतर तरीके से समझना शुरु किया और 2009 में उन्होंने अपना बिजनिस करना शुरु किया। तोअजीए फार्म, जो केवल ऑरगेनिक सब्जियाँ उगाता है कि औपचारिक शुरुआत 15 सितम्बर 2009 को हुई। शुरुआत में वे केवल झांग और गुओ के अलावा अन्य 2 सदस्य थे। एक महिला जो मार्केटिंग संभालती और एक आदमी जो पैकेजिग देखता था। अपने शुरुआती दिनों में उन्होंने तिएंजिन के एक फार्म के सहयोग से अपने खेतों में ऑरगेनिक सब्जियाँ लगाने में मदद ली और झांग वहीं फार्म में रहकर फसल की देखभाल करती थी। 2009 नवंबर में अचानक बर्फबारी के कारण उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। बर्फबारी के कारण सारी सब्जियाँ जम गई और खराब हो गई। इसके बाद उन्होंने फैसला किया कि अब हम दूसरों से सहयोग नहीं लेंगे और स्वयं अपनी सब्जियाँ उगाएँगे। उसके बाद बर्फबारी के अगले दिन दोनों सहेलियाँ मिलकर ग्रीनहॉउस की खोज करने लगी। तब कहीं मुश्किल से जाकर उन्हें दो ग्रीनहॉउस मिले और उन्होंने सब्जियाँ उगाने का फैसला लिया नहीं तो उन्हें अगले साल तक का इंतज़ार करना पड़ता। दोनों के परिवार और मित्रों ने उनका समर्थन किया और उन पर विश्वास करते हुए पैसे लगाए और यहां से शुरुआत हुई उनके अपने ऑरगेनिक फार्म की। दोनों ने अपनी जिम्मेदारियाँ बाँट ली। झांग ने सब्जियाँ रोपने, पैक करने और ट्रास्पोर्ट करने का काम संभाला तो गुओ ने बीजिंग में सेल्स और मार्केटिंग की जिम्मेदारी संभाली। झांग के अनुसार,मैं जो अपने घर में एक फूल लगाना और उसकी देखभाल करना तक नहीं जानती तो पूरे खेत को कैसे संभालूँगी यह सोच-सोचकर मैं डर रही थी। मैं जब पहली बार खेत में गई तो सब्जियों को देखकर मैं उनसे प्रार्थना करने लगी की प्लीज तुम ठीक रहना, तुम मुरझाना या खराब मत होना। मार्च 2010 में हम ने खीरे और टमाटर उगाने का फैसला लिया। खीरे तो नहीं उग पाए लेकिन टमाटर ठीक थे। मैं इतना डर गई थी कि कहीं हम असफल हो गए तो.......मैं गुओ से बात करने से भी डर रही थी। शुरुआती दिनों में मैं रोज़ सुबह 4 बजे उठकर ग्रीनहॉउस में सब्जियाँ देखने जाती थी। मैं यह चेक करती थी कि कहीं वे मुरझा तो नहीं गईं या उगने से पहले ही मर गईं। जब हमारी फसलें ठीक-ठाक उग गईं और दूसरी पारी की फसलों में खीरों की भी बहुत बढ़िया फसल जब उगी तो तब जाकर मेरी जान में जान आई। उनके सामने सिर्फ ये चुनौती नहीं थी बल्कि स्थानीय किसानों के साथ विश्वास कायम करना बहुत मुश्किल था। वे जब पहले किसानों के साथ अपने और गुओ के विचार साझा करती थी तो वे उनकी बात सुनने से साफ इंकार कर देते थे। किसानों के अनुसार झांग एक शहरी हैं और वे खेती के बारे में भला क्या जानें। किसानों से अपनी बात मनवाना बहुत बड़ी चुनौती थी उनके सामने क्योंकि झांग जो भी कहती तो किसानों का पहला जवाब होता ना। वे उनके निर्देशों को मानने से साफ इंकार कर देते। लेकिन इस साल कहानी कुछ और है, मेरे खेती करने के तरीकों को देखकर जब उन्होंने जाना कि फसल ज्यादा बेहतर और स्थिर है तो अब वे भी सहमत हैं मुझसे क्योंकि किसान भी अच्छी फसल की कामना करते हैं यहां फर्क सिर्फ समझ का था और ज़रुरत थी समय की एक-दूसरे को समझने के लिए। वहाँ गुओ का कहना है कि सब कुछ इतना आसान नहीं था, सबसे बड़ी चुनौती थी क्लाएंटेल यानि ग्राहक बनाना क्योंकि सब जानते हैं कि ऑरगेनिक खाना सेहत के लिए अच्छा है लेकिन उनकी उम्मीदें ऑरगेनिक भोजन से कुछ और ही होती है। ग्राहकों को और उनकी ज़रुरतों, उम्मीदों को समझने में दो महिने से अधिक का समय लग जाता है। एक बार उन्हें हम पर भरोसा हो जाता है तो फिर वे हमेशा हम से ही सब्जियाँ खरीदनी पसंद करते हैं। पहले-पहल हमारे ग्राहकों में केवल हमारे मित्र थे लेकिन अब हमारे मित्रों के मित्र भी हम ही से सब्जियाँ खरीदनी पसंद करते हैं। कुल मिलाकर अब हमारे 40-50 ग्राहक हैं। उसी तरह से डॉन्की फार्म भी बीजिंगवासियों को ऑरगेनिक सब्जियाँ पहुँचाने में लगा हुआ है। हालांकि, ऑरगेनिक फार्म का संचालन करना इतना आसान नहीं है लेकिन कई लोग इस मुहिम में शामिल हो गए हैं। कृषि मंत्रालय ने ऑरगेनिक फार्म की पहल की चीन में। जब हम ऑरगेनिक खेती की बात करते हैं तो लोगों का यही मानना है कि ऑरगेनिक खेती मतलब जहाँ कीटनाशकों और उर्वरकों का प्रयोग नहीं होता। लेकिन ऑरगेनिक खेती के पीछे सबसे पहला मकसद किसानों के अधिकारों की रक्षा करना और फेयर ट्रेड को प्रोत्साहित करना है जिसे हमेशा से ही नज़रअंदाज़ किया गया है। चीन में खाद्य और कृषि उत्पाद को तीन श्रेणियों में विभाजित किया जाता है और विभाजन आधारित होता है कि इनमें कितनी मात्रा में कीटनाशकों और उर्वरकों का प्रयोग किया गया है। ये श्रेणी है- हैल्थी, ग्रीन और ऑरगेनिक। हैल्थी- जिन उत्पादों में प्रतिबंधित कीटनाशकों और उर्वरकों का प्रयोग नहीं किया गया है। ग्रीन- जिन उत्पादों में कीटनाशकों और उर्वरकों का प्रयोग कम मात्रा में किया गया है। ऑरगेनिक- जो इस श्रेणी में सबसे उच्च स्थान पर है का मतलब इन उत्पादों में किसी भी प्रकार के कीटनाशकों, रसायनों और उर्वरकों का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं किया गया है। दोनों ही ऑरगेनिक फार्मों के संचालकों का मानना है कि चीन में जैविक फार्मिंग का भविष्य बहुत उज्जवल है। हालांकि, जैविक फार्मिंग का प्रयोग यहाँ अभी हाल ही में होना शुरु किया गया है इसलिए इन उत्पादों के दाम अभी ज़्यादा है लेकिन उम्मीद करते हैं कि भविष्य में दाम कम होंगे। जब दाम कम होंगे तो अधिक-से-अधिक लोग इनका प्रयोग करना शुरु करेंगे और मेरा मानना है कि खाद्य सुरक्षा सबका अधिकार है और सुरक्षित भोजन सबको उपलब्ध होना ही चाहिए। ऑरगेनिक भोजन लग़्ज़री नहीं हम सब की ज़रुरत है।

श्रोताओं, आपको हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम का यह क्रम कैसा लगा। हम आशा करते हैं कि आपको पसंद आया होगा। आप अपनी राय व सुझाव हमें ज़रूर लिख कर भेजें, ताकि हमें इस कार्यक्रम को और भी बेहतर बनाने में मदद मिल सकें। क्योंकि हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम आप से है, आप के लिए है, आप पर है। इसी के साथ हमारा न्यूशिंग स्पेशल कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है। आप नोट करें हमारा ई-मेल पताः hindi@cri.com.cn । आप हमें इस पते पर पत्र भी लिख कर भेज सकते हैं। हमारा पता हैः हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पी .ओ. बॉक्स 4216, सी .आर .आई.—7, पेइचिंग, चीन , पिन कोड 100040 । हमारा नई दिल्ली का पता हैः सी .आर .आई ब्यूरो, फस्ट फ्लॉर, A—6/4 वसंत विहार, नई दिल्ली, 110057 । श्रोताओ, हमें ज़रूर लिखयेगा। अच्छा, इसी के साथ मैं हेमा कृपलानी आप से विदा लेती हूँ इस वादे के साथ कि अगले हफ्ते फिर मिलेंगे।

तब तक प्रसन्न रहें, स्वस्थ रहें। नमस्कार

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