Web  hindi.cri.cn
दूसरा दिन(तिब्बत की यात्रा)
2011-08-04 19:49:56

सुबह उठ कर पता चला कि केवल मैं अकेले ही शिकार नहीं हुआ,कई अन्यों की रातें भीं इसी तरह परेशानी में बीतीं।अंततः अस्पताल जाना हुआ .डाक्टर ने नब्ज,खून का दबाव देख कर कहा कि पहली बार तिब्बत आने पर तिब्बत ऐसे ही स्वागत करता है

और आधा घंटा ऑक्सीजन लेने के लिेए पास के कक्ष में भेज दिया,मुझे विश्वास नहीं था कि इस से सेहत में फर्क पड़ेगा।लेकिन आधा घंटा ऑक्सीजन लेने के बाद तबियत में कुछ सुधार होता दिखाई पड़ा।आज फिर नाश्ते के बाद होटल बदलना पड़ा।तबियत में कुछ सुधार तो है लेकिन शरीर पूरी तरह ठीक नहीं है।

इस अनुभव से सीख मिली कि किसी को भी यदि तिब्बत आऩा हो तो या तो रेल मार्ग से आएँ.अथवा आने से दस दिन पहले शरीर को परिपक्व बनाने के लिए कुछ लेना शुरु करें।पुराने जमाने में जब लोग तिब्बत के बाहर से तिब्बत आते थे,या अब भी रेल या सड़क मार्ग से तिब्बत आते हैं तो उऩ के शऱीर को इस तरह तुरंत जलवायु परिवर्तन का सामना नहीं करना पड़ता,-धीरे-धीरे वे तिब्बत के पतली हवा और कम ऑक्सीजन वाली जलवायु के सम्पर्क में आते हैं और उन का शरीर अपने आप को इस के लिए ढाल लेता है।हवाई मार्ग से आने पर केवल पांच घंटों के बाद शरीर को एक ऐसी जलवायु का सामना करना पड़ता है जिस के लिए तैयार होने की उस के पास कोई सूचना नहीं होती।इसलिए सिर दर्द,मतली,चक्कर आने शुरु होते हैं।हर रोज ऑक्सीजन बोतल से या पास ही के अस्पताल जा कर ऑक्सीजन लेने से शरीर धीरे धीरे कम ऑक्सीजन वाली जलवायु का आदि हो जाता है।

पहले दो दिन यात्रा और आराम के लिए तय थे।लेकिन साथियों ने फैसला किया कि दोपहर बाद पोटाला पैलेस जा कर उसे देखा जाए।अपनी हिम्मत नहीं हुई क्योंकि कल सुबह मुझे अपने समूह के साथ उत्तर तिब्बत में नाएछू के लिए निकलना है।यह जगह तिब्बत में बहुत ऊंचाई पर है और वहां के दृश्य अति सुंदर।आज मैं इसलिए आराम करने होटल में रुक गया कि शरीर को कल की यात्रा के लिए थोड़ा और बेहतर बना लिया जाए।पोटाला पैलेस तो लाह्सा वापिस आने पर फिर जाने का मौका मिलेगा ही।

आप की राय लिखें
Radio
Play
सूचनापट्ट
मत सर्वेक्षण
© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040