दोपहर के बाद डॉक्टरों का दल क्वांग चुंग जिले के एक गांव में पहुंचा इस गांव का नाम छेंग जुआंग है। यहां पर भी डॉक्टरों के दल का स्थानीय लोगों ने हार्दिक स्वागत किया। साझा चिकित्सा दल ने यहां पर लंबे समय तक मरीजों का इलाज किया और उन्हें जरूरत के मुताबिक जांच कराने को कहा साथ ही दवाईयां भी लिखीं। इस दौरान मेरी खास बात हुई भारत के मशहूर न्यूरो सर्जन डॉक्टर राजा रेड्डी से, उन्होंने मुझे बताया कि क्वांग चुंग गांव के लोगों में फ्लोरोसिस की मात्रा ज्यादा है। यानी इसका मतलब ये हुआ कि लोगों के शरीर में पानी, मांस, चाय और सब्जियों के कारण फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा जा रही है जिसकी वजह से उनके दांत कम उम्र में ही पीले पड़ रहे हैं। ये एक खतरनाक बीमारी है जो आगे चलकर हड्डियों और खासकर रीढ़ की हड्डी को खासा नुकसान पहुंचाती है जिसकी वजह से आदमी को चलने फिरने और उठने बैठने में बहुत दिक्कत पेश आती है। डॉक्टर रेड्डी ने बताया कि इसका निदान करने की सख्त जरूरत है।
मुफ्त चिकित्सा शिविर में पहले ये निश्चित किया गया था कि ढाई घंटे तक मरीज़ों को देखा जाएगा, लेकिन भारतीय डॉक्टरों ने इसी गांव के लोगों के स्वास्थ्य के लिये समय आगे बढ़ा दिया जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों का इलाज किया जा सके। भारतीय दल के डॉक्टर अरविंद ने कहा कि डॉक्टरों को और ज्यादा बार चीन बुलाना चाहिए और ऐसे ही चीन के डॉक्टरों को भी भारत आना चाहिये ताकि दोनों देशों के संबंधों को और मज़बूती मिले और डॉक्टर भी आपसी मेल मिलाप से काफी कुछ सीखें।
कल यानी तीस जून को ये दल हबेई प्रांत से वापस राजधानी पेइचिंग जाएगा और कल ये साझा चिकित्सा अभियान दल का समाप्त हो जाएगा।